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नेशनल

अगस्ता वेस्टलैंड पर राज्यसभा में हंगामा

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अगस्ता वेस्टलैंड पर राज्यसभा में हंगामा

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अगस्ता वेस्टलैंड पर राज्यसभा में हंगामा

नई दिल्ली| राज्यसभा में बुधवार को अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाले को लेकर भारी हंगामा हुआ, जिसके कारण सदन की कार्यवाही बाधित हुई। हंगामे की शुरुआत भाजपा सदस्य सुब्रह्मण्यम स्वामी द्वारा इस घोटाले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का नाम लिए जाने के बाद हुई। इसका विरोध कर रहे कांग्रेस के सदस्यों ने सभापति से सोनिया का नाम लिए जाने को रिकॉर्ड से बाहर किए जाने की मांग की। स्वामी ने राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही यह मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा, “विपक्ष के नेता, मि. मिचेल की मौखिक बातों को आधार बना रहे हैं, लेकिन इटली के उच्च न्यायालय ने मि. मिचेल का लिखित पत्र रिकॉर्ड किया है, जिसमें कहा गया है कि सोनिया गांधी..।” स्वामी के इतना कहते ही हंगामा शुरू हो गया, जिसके कारण सदन की कार्यवाही कुछ देर के लिए स्थगित करनी पड़ी।

सदन की कार्यवाही 10 मिनट बाद दोबारा शुरू हुई, जिसमें उपसभापति पी.जे. कुरियन ने कहा कि स्वामी को दूसरे सदन के सदस्य का नाम नहीं लेना चाहिए। इसके बाद उन्होंने सोनिया का नाम सदन के रिकॉर्ड से हटा दिया।

उन्होंने कहा, “आप जानते हैं कि दूसरे सदन के सदस्य का नाम यहां नहीं लिया जाना चाहिए। किसी भी ऐसे सदस्य का नाम नहीं लिया जाना चाहिए, जो यहां आकर अपना बचाव नहीं कर सकता।”

इसके बाद भी हालांकि उपसभापति ने स्वामी को अपनी बात पूरी करने की अनुमति दी, जिसका कांग्रेस सदस्यों ने विरोध किया।

केंद्रीय संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि यह सदस्य के अधिकार का हनन है।

इसके बाद कांग्रेस के सदस्य सभापति के आसन के समक्ष खड़े होकर नारेबाजी करने लगे, जिसके बाद सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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