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अगर आप भी होटल के स्टाफ पर करते हैं बेवजह गुस्सा, तो आपके साथ भी हो सकता है ऐसा

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अक्सर जब लोग जब किसी ऑफिस के काम से या फिर घूमने- फिरने जाते हैं तो होटल में ठहरते हैं। कई बार बॉस का गुस्सा लोग बिना वजह होटल के कर्मचारियों पर निकालने लगते हैं।

अगर आप भी ऐसा करते हैं तो सावधान हो जाइए। होटल मैनेजमेंट एक्सपर्ट जैकब टॉम्स्की ने हाल ही में कुछ ऐसी बातें बताई हैं जिन्हें जानकर आपके होश उड़ सकते हैं।

10 साल तक एक जानेमाने होटल में मैनेजर रहे जैकब ने एक बुक में होटलों डर्टी सीक्रेट्स बताए हैं। इसके अनुसार अगर आपने होटल स्टाफ या रूम सर्विस ब्वॉय को ज्यादा गुस्सा दिला दिया है तो इसमें कोई ताज्जुब नहीं कि वो आपके खाने-पीने के सामन में थूक सकता है और आपको पता भी नहीं चलेगा।

जैकब ने कहा, वैसे भी हमें किसी पर बेवजह गुस्सा नहीं करना चाहिए। हां, गेस्ट किसी चीज से नाखुश होने पर बेशक होटल स्टाफ से नाराजगी जाहिर कर सकते हैं, पर उन्हें अग्रेसिव होने से बचना चाहिए।

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WORLD STUDENT DAY : डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की जयंती आज, युवाओं और बच्चों के हित के लिए किए अनेक काम

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नई दिल्ली। आज भारत के पूर्व राष्ट्रपति और मिसाइलमैन के रूप में प्रसिद्ध महान वैज्ञानिक डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की जयंती मनाई जा रही है। उनकी जयंती को विश्व छात्र दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। डॉ. कलाम ने अपना पूरा जीवन पूरे भारत में बच्चों की शिक्षा और कल्याण में सुधार के लिए समर्पित कर दिया।

18 जुलाई 2002 को भारत के 11वें राष्ट्रपति बनने के बाद उन्होंने देश के युवाओं और बच्चों के हित के लिए काम किया। उनके विचार आज भी युवाओं को प्रेरित करने का काम करते हैं। आज हम आपके लिए एपीजे अब्दुल कलाम के अनमोल विचार लेकर आए हैं जो आपको सही दिशा और मार्ग दिखाने का काम करेंगे।

कभी हार ना मानने वाले थे कलाम

अपनी आत्मकथा में उन्होंने लिखा, “मैं SLV- 3 सेटेलाइट लांच व्हीकल तथा पहली स्वदेशी मिसाइल ‘अग्नि’ की प्रोजेक्ट टीम का मुखिया था. सरकार और जनता ने हमसे बहुत आशाएं लगा रखी थीं. काम पर मीडिया की भी पैनी नजर थी. SLV पहले ही चरण में असफल रहा. ‘अग्नि’ का परीक्षण भी कठिन दौर में था. हम भारी दबाव में थे. मैं और पूरी टीम चिंतित थे. नकारात्मक माहौल में हमारी सफलताएं भी धूमिल दिख रही थीं। उस कठिन समय में वे और उनके साथी निरंतर कमियों की समीक्षा करते रहे और खुद के भीतर झांकते रहे. कलाम ने ऐसे समय में सहयोगियों के समर्पण भाव और आगे सफलता के पहले वे जिन तकलीफों से गुजरे, को सदैव याद रखा. उन्होंने लिखा, ‘ मैंने अपने जीवनकाल में हर समय इसे महसूस किया तथा उन अनुभूतियों को शब्दों में बयान नहीं कर सकता. “

छात्रों को हमेशा अच्छा मार्गदर्शन देते थे।

डॉ. कलाम ने छात्रों को हमेशा प्रोत्साहित किया और उन्हें बहुमूल्य ज्ञान दिया. उनका कहना था कि “अगर आप असफल होते हैं, तो कभी हार न मानें क्योंकि F.A.I.L. का अर्थ है ‘सीखने में पहला प्रयास (First Attempt In Learning)’ अंत अंत नहीं है (End is not the end), दरअसल ई.एन.डी. का अर्थ है ‘प्रयास कभी नहीं मरता.’ यदि आपको जवाब में ‘NO’ मिलता है, तो याद रखें कि एन.ओ. का अर्थ है ‘नेक्स्ट अपॉर्चुनिटी’ तो, आइए पोजिटिव सोच बनाए रखें।

 

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