खेल-कूद
अब भी देश के लिए पदक जीतने की चाह : मैरी कोम
नई दिल्ली | पांच बार विश्व चैम्पियनशिप में स्वर्ण, चार बार एशियाई महिला मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में स्वर्ण, एक बार एशियाई खेलों का स्वर्ण और एक बार ओलम्पिक कांस्य जीतने के बाद भी दिग्गज महिला मुक्केबाज मांगते चुंगेईजाम (एमसी) मैरी कोम के अंदर देश के लिए पदक जीतने की चाह बाकी है।
दुनिया की सबसे ख्तातिमान महिला मुक्केबाजों में शुमार पद्मभूषण और संसद सदस्य (राज्य सभा) मैरी कोम ने सोमवार को आईएएनएस से बातचीत के दौरान अपने विचार साझा किए। मैरी कोम ने साफ शब्दों में कहा कि रियो ओलम्पिक के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाने का दर्द उन्हें अभी भी सालता है लेकिन वह उसे भुलाकर देश के लिए एक बार फिर से पदक जीतने के लिए रिंग में कूद पड़ी हैं।
इस बारे में पूछे जाने पर लंदन ओलम्पिक में कांस्य जीतने वाली मैरी ने कहा, “हां, मेरे अंदर अभी भी देश के लिए पदक जीतने की चाह बाकी है। टोक्यो ओलम्पिक में अगर 48 किलोग्राम वर्ग शामिल रहा तो मैं इसमें जाऊंगी। अगर 51 रहा तो उसमें जाऊंगी। मेरे पास दोनों वर्गो को अनुभव है। मैं देखना चाहती हूं कि कौन सी कटेगरी का चयन होता है। 48 किलोग्राम वैसे यह मेरा स्ट्रांग प्वाइंट है।”
तो क्या इसी मकसद से कई सालों के विश्राम के बाद अभ्यास शुरू किया है, इस पर 33 साल की मैरी कोम ने कहा, “हां, यह सही है। मेरा ट्रनिंग शुरू हो चुका है। नेशनल में खेल नहीं पाई क्योंकि संसद चल रहा था। अभी नेशनल कैम्प में हूं। मैं फोकस कर रही हूं राष्ट्रमंडल खेल, एशियाई खेल, एशियाई चैम्पियनशिप, विश्व चैम्पियनशिप और ओलम्पिक पर। अगर मैं इस समय देश को स्वर्ण दे सकी तो फिर यह मेरे लिए बहुत बड़ी बात होगी।”
नवगठित भारतीय मुक्केबाज महासंघ (बीएफआई) के काम को लेकर मैरी कोम ने कहा, “नया महासंघ काफी अच्छा काम कर रहा है। हर कोई इसका समर्थन कर रहा है। चार पांच साल से कोई नेशनल चैम्पियनशिप नहीं हुआ था। महिला या पुरुष वर्ग प्रतियोगिताओं का टोटा था। अब शुरू हुआ है। नई बॉडी अच्छा काम कर रही है। युवा मुक्केबाजों को नए स्तर से तैयारी का मौका मिल रहा है। इससे उनकी पहचान होती है।”
हाल ही में बीएफआई ने आस्ट्रेलियन टीम को भारत आकर खेलने के लिए आमंत्रित किया है। इसे लेकर मैरी कोम ने कहा,” किसी भी टीम को बुलाना अच्छा है। वहां जाना और वहां के खिलाड़ियों को बुलाना अच्छी सोच है। इससे हमारे खिलाड़ियों को अभ्यास का मौका मिलता है। इससे हमारे खिलाड़ी नई चीजें सीखते हैं। इससे नए वीडियो बनते हैं और हम उनका फायदा उठा सकते हैं।”
परिवार और मुक्केबाजी के अलावा मैरी कोम तथा उनके पति कारुं ग ओंखोलेर कोम इंफाल में एक मुक्केबाजी अकादमी भी चलाते हैं। ओंखोलेर मेरी कोम रीजनल बॉक्सिंग अकादमी के प्रबंध निदेशक हैं और यह अकादमी मैरी कोम के दिल के काफी करीब है।
इस अकादमी में मैरी कोम युवा मुक्केबाजों को प्रशिक्षित करती हैं और भारतीय खेल प्राधिकरण उन्हें इस पहल में मदद कर रहा है। साई ने इसे अपने एक्सटेशन स्कीम में शामिल किया है और 40 बच्चों के लिए 600 रुपये प्रति महीने तथा एक साल में एक बार किट मुहैया करा रहा है। साथ ही साई ने इस अकादमी में एक पूर्णकालिक कोच भी नियुक्त कर रखा है।
इसके अलावा मैरी कोम को नेशनल स्पोर्ट्स डेवलपमेंट फंड से भी मदद मिल रही है। साथ ही भारतीय स्टेट बैंक ने दो करोड़ रुपये की मदद दी है। इस रकम का उपयोग 50 कमरों का एक हॉस्टल बनाने के लिए किया जा रहा है। इसके अलावा पेट्रोलियम स्पोर्ट्स प्रोमोशन बोर्ड ने अकादमी को खिलाड़ियों की ट्रेनिंग के लिए पांच साल के लिए 75 लाख का सहयोग दिया है।
खेल-कूद
रमाकांत आचरेकर की स्मृति अनावरण के समारोह के मौके पर मिले बचपन के दो दोस्त
मुंबई। मुंबई में तीन दिसंबर को रमाकांत आचरेकर की स्मृति अनावरण के समारोह के मौके पर उनके बचपन के 2 अहम शिष्य भारतीय टीम के पूर्व खिलाड़ी और जिगरी दोस्त सचिन तेंदुलकर और विनोद कांबली शामिल हुए। सचिन और कांबली को काफी लंबे समय के बाद एक साथ देखा गया। सचिन और कांबली ने क्रिकेट के शुरुआती गुण रमाकांत आचरेकर के मार्गदर्शन में हासिल किया था। वहीं से दोनों के बीच काफी गहरी दोस्ती भी हो गई थी।
कांबली ने पकड़ लिया था सचिन का हाथ
रमाकांत आचरेकर की स्मृति अनावरण के समारोह के मौके पर सचिन और कांबली की मुलाकात का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। इसमें जब सचिन खुद कांबली के पास जाकर उनसे मिले तो कांबली ने उनका हाथ पकड़ लिया। सचिन को अपने पास देख कांबली भी थोड़ी देर के लिए हैरान रह गए वहीं इस दौरान कांबली काफी इमोशनल भी हो गए थे। बाद में उन्होंने सचिन का हाथ तो छोड़ दिया लेकिन वह उन्हें जाते हुए काफी गौर से देख रहे थे।
VIDEO | Indian cricketing legend Sachin Tendulkar (@sachin_rt) met his childhood friend and former Indian cricketer Vinod Kambli at the unveiling ceremony of memorial for legendary cricket coach Ramakant Achrekar in Mumbai. pic.twitter.com/uTgW0MIfax
— Press Trust of India (@PTI_News) December 3, 2024
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