मुख्य समाचार
अब ‘रेल यात्री’ पर लीजिए देरी से चल रहे रेलों की जानकारी
नई दिल्ली | कोहरे के कारण रेलों के परिचालन में हो रही देरी के बारे में जानकारी मुहैया कराने के लिए ऑनलाइन पोर्टल और मोबाइल एप ‘रेल यात्री’ ने एक विशेष फीचर की शुरुआत की है। रेल यात्री के अनुसार, पिछले सप्ताह दिल्ली से पटना के बीच चलने वाली 90 रेलें अपने-अपने गंतव्य स्थल देरी से पहुंचीं।
वेब पोर्टल की ओर से जारी वक्तव्य में कहा गया है, “शुरू किए गए नए फीचर ‘फॉग अलर्ट’ के जरिए यात्री किसी खास रेलमार्ग के बीच कोहरा छाने की संभावना, कोहरे की सघनता और कोहरे के कारण रेलों के परिचालन में होने वाली संभावित देरी के बारे में जान सकेंगे। इस फीचर का उपयोग कर यात्री अपनी यात्रा की योजना बेहतर तरीके से बना सकेंगे और अपने स्वजनों को रेलों के परिचालन में होने वाली देरी के बारे में सूचित कर सकेंगे।”
इस फीचर के जरिए किसी रेल के किसी स्टेशन पर पहुंचने में होने वाली संभावित देरी के बारे में जाना जा सकेगा। रेल यात्री के सह-संस्थापक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी मनीष राठी ने कहा, “हमने यात्रियों को अपनी यात्रा की योजना बेहतर तरीके से बनाने में मदद देने के उद्देश्य से शुरू की है। हमारा मानना है कि इंटरनेट से युक्त मोबाइल रेल परिचालन में विलंब के कारण होने वाली परेशानी को दूर करने में सहायक होगा और यात्रा को अधिक सुखद बनाएगा।”
अन्तर्राष्ट्रीय
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने भारत के अलावा चार और देशों से अपने राजदूत वापस बुलाए
ढाका। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, पुर्तगाल और संयुक्त राष्ट्र से बांग्लादेश के राजदूत वापस बुलाए गए हैं। शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से हटने के बाद बांग्लादेश और भारत के संबंध कुछ खास नहीं रहे हैं। वहीं, बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय से जुड़े लोगों का मानना है कि प्रशासनिक प्रभाग के आदेश देश की विदेश नीति को लेकर अच्छे नहीं रहे हैं। इन लोगों का कहना है कि भारत में उच्चायुक्त सहित जिन राजदूतों को वापस बुलाया गया है, उनमें से कई राजनीतिक नियुक्तियां नहीं थीं।
भारत में उच्चायुक्त मुस्तफिजुर रहमान के अलावा जिन अन्य लोगों को वापस बुलाया गया है, उनमें न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र के स्थायी प्रतिनिधि और ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम और पुर्तगाल में बांग्लादेश के राजदूत शामिल हैं। जिन राजदूतों को वापस बुलाया गया है, वह आने वाले महीनों में रिटायर होने वाले थे। भारत में उच्चायुक्त रहमान भी इनमें शामिल हैं।
यूनुस और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच नहीं हो पाई थी बैठक
बांग्लादेश में छात्र संगठनों के नेतृत्व में लगातार विरोध प्रदर्शन हुए। इसके कारण अगस्त की शुरुआत में शेख हसीना की सरकार गिर गई और उन्हें देश छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। इस घटना के बाद से भारत-बांग्लादेश संबंध खराब स्थिति में हैं। नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में कार्यवाहक प्रशासन ने हसीना के पद छोड़ने के कुछ दिनों बाद ही कार्यभार संभाल लिया। वहीं, हसीना ने बांग्लादेश छोड़ने के बाद भारत में शरण ली। ढाका में कार्यवाहक व्यवस्था ने पिछले महीने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान यूनुस और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच बैठक कराने के लिए लगातार प्रयास किए। हालांकि, यूनुस ने भारत की आलोचना की थी और शेख हसीना के प्रत्यर्पण का मुद्दा भी उठाया था। इससे भारतीय पक्ष नाखुश था और दोनों नेताओं की मुलाकात नहीं हो पाई।
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