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नेशनल

अमित शाह का चौकीदार भी बुलाए तो रेंगते हुए जाएंगे जंग : केजरीवाल

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Arvind-Kejriwal

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नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को मोदी को ‘अच्छे प्रधानमंत्री से कमतर बताया’ और कहा कि उनकी तुलना कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से नहीं की जा सकती। केजरीवाल ने निजी चैनल एनडीटीवी से एक साक्षात्कार में कहा कि दिल्ली में फरवरी के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की हार का बदला लेने के लिए मोदी उप-राज्यपाल नजीब जंग का इस्तेमाल कर आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के लिए बाधा उत्पन्न कर रहे हैं। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि जंग के पास उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के फोन का जवाब देने के लिए समय नहीं है। उन्होंने कहा, “मनीष ने उन्हें फोन किया था, लेकिन उनके फोन का कभी जवाब नहीं दिया गया। अगर अमित शाह (भाजपा अध्यक्ष) का चौकीदार भी उन्हें बुलाए तो वह रेंगते हुए जाएंगे।”

केजरीवाल ने कहा, “वह (मोदी) लोगों और आम आदमी पार्टी से दिल्ली की हार का बदला ले रहे हैं। वह अच्छे प्रधानमंत्री नहीं हो सकते।” देश में मोदी को और दिल्ली में आप को जनादेश की बात स्वीकार करते हुए केजरीवाल ने कहा, “उन्हें (मोदी) देश चलाना चाहिए और हमें दिल्ली चलाने देना चाहिए।” उन्होंने कहा कि जंग भाजपा के पोलिंग एजेंट की तरह बर्ताव कर रहे हैं।

केजरीवाल ने कहा कि उप-राज्यपाल का घर भाजपा का दूसरा मुख्यालय बनता जा रहा है। वह दिल्ली के उप-राज्यपाल की भांति काम नहीं कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय राजधानी में नौकरशाहों की नियुक्ति के अधिकार को लेकर केजरीवाल सरकार और उप-राज्यपाल नजीब जंग के बीच टकराव चल रहा है।

केजरीवाल ने हालांकि कहा कि उप-राज्यपाल के साथ उनके रिश्ते बहुत अच्छे हैं। उन्होंने कहा, “जब भी हम मिलते हैं गले लगकर मिलते हैं। हमारे एक-दूसरे के साथ अच्छे रिश्ते हैं। अगर वह हमारे समर्थन में कुछ करते हैं तो उन्हें हटा दिया (उप-राज्यपाल पद) जाएगा। वह क्या कर सकते हैं?” अपने आप को जननेता बताते हुए केजरीवाल ने कहा कि भाजपा के नेतृत्व को यह याद रखना चाहिए कि वे राहुल गांधी नहीं हैं। उन्होंने कहा, “नरेंद्र मोदी जी को यह समझना चाहिए कि मैं राहुल गांधी नहीं हूं।” जब उनसे इस बात का मतलब पूछा गया तो वह हंसे और बोले, “जो संदेश मैं देना चाहता था वह पहुंच चुका है।”

मुख्यमंत्री केजरीवाल ने केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली सरकार के अधिकारियों का वेतन रोकने के मामले पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि अगर वह ऐसा कर सकते हैं तो, उन्हें ऐसा कर लेने दीजिए। उन्होंने कहा कि आप सरकार केंद्रीय गृहमंत्रालय की कृतज्ञ नहीं है, जिसको राज्यपाल रिपोर्ट करते हैं।

नेशनल

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मुस्लिम आरक्षण को लेकर कही बड़ी बात

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कर्नाटक। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने उन मीडिया रिपोर्टों को खारिज कर दिया जिनमें दावा किया गया था कि राज्य सरकार नौकरियों में मुस्लिम आरक्षण के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। उन्होंने रिपोर्टों को एक और नया झूठ बताया। मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने एक बयान में स्पष्ट किया कि आरक्षण की मांग की गई है लेकिन इस संबंध में सरकार के समक्ष ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है। यह स्पष्टीकरण कर्नाटक में मुसलमानों के लिए आरक्षण के मुद्दे पर चल रहे विवाद के बीच आया है।

मुख्यमंत्री कार्यालय ने जारी किया बयान

मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा, ‘कुछ मीडिया में रिपोर्ट प्रकाशित हुई है कि नौकरियों में मुसलमानों को आरक्षण देने का प्रस्ताव सरकार के समक्ष है। इसमें कहा गया है कि मुस्लिम आरक्षण की मांग की गई है, हालांकि, यह स्पष्ट किया गया है कि इस संबंध में सरकार के समक्ष कोई प्रस्ताव नहीं है।’

4% कोटा, जो श्रेणी-2बी के अंतर्गत आता, सार्वजनिक निर्माण अनुबंधों के लिए समग्र आरक्षण को 47% तक बढ़ा देता। कर्नाटक का वर्तमान आवंटन विशिष्ट सामाजिक समूहों के लिए सरकारी ठेकों का 43% आरक्षित रखता है: एससी/एसटी ठेकेदारों के लिए 24%, श्रेणी-1 ओबीसी के लिए 4%, और श्रेणी-2ए ओबीसी के लिए 15% है।

राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता आर अशोक ने कहा कि सिद्धारमैया के राजनीतिक सचिव, नसीर अहमद, आवास और वक्फ मंत्री बीजे ज़मीर अहमद खान और अन्य मुस्लिम विधायकों के साथ, 24 अगस्त को एक पत्र प्रस्तुत किया था, जिसमें अनुबंधों में मुसलमानों के लिए 4% आरक्षण का अनुरोध किया गया था। उन्होंने आगे कहा कि सिद्धारमैया ने वित्त विभाग को उसी दिन प्रस्ताव की समीक्षा करने का निर्देश दिया था, कथित तौर पर उन्होंने इस मामले से संबंधित कर्नाटक सार्वजनिक खरीद पारदर्शिता (केटीपीपी) अधिनियम में संशोधन का भी समर्थन किया था।

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