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बिजनेस

अमेरिकी बैंकों को वित्तीय सेवाएं मुहैया कराएगी इन्फोसिस

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बेंगलुरू| सॉफ्टवेयर कंपनी इन्फोसिस अमेरिकी बैंकों को अपने फिनेकल उत्पाद से लेकर सेवाएं उपलब्ध कराएगी। कंपनी ये सेवाएं वेरिजॉन के क्लाउट प्लेटफॉर्म के जरिए मुहैया कराएगी। कंपनी ने शुक्रवार को जारी बयान में कहा, “हम सॉफ्टवेयर एज ए सर्विस (एसएएएस) मॉडल के जरिए अमेरिकी बैंकों और वित्तीय संस्थानों को सेवाएं देंगे

अमेरिका की वेरिजॉन कम्युनिकेशंस देशभर में 10.9 करोड़ खुदरा कनेक्शन के साथ वायरलेस नेटवर्क का संचालन करती है। यह अपनी क्लाउड कंप्यूटिंग और नेटवर्किं ग के साथ ग्राहकों के कामकाज के प्रदर्शन में सुधार करती है और उनके जोखिमों को कम करती है।

इन्फोसिस के उपाध्यक्ष माइकल रे ने कहा, “हमारी वित्तीय सेवाएं ग्राहकों, सदस्यों, उत्पादों और लेनदेन को एक ढांचे में पेश करती हैं। हम संचालन क्षमता बढ़ाने, नए उत्पादों को बाजार में लाने और इनके इस्तेमाल करने में लग रहे समय और लागत को कम करने के लिए बैंकों और वित्तीय संस्थानों की मदद करते हैं।”

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बिजनेस

फिनटेक फर्म भारतपे और अशनीर ग्रोवर के बीच विवाद खत्म, दोनों पक्षों में हुआ समझौता

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नई दिल्ली। फिनटेक फर्म भारतपे और उसके पूर्व को-फाउंडर अशनीर ग्रोवर के बीच समझौता हो गया है। इस समझौते के साथ ही दोनों के बीच लंबे समय से चला आ रहा विवाद भी खत्म हो गया है। फिनटेक कंपनी भारतपे ने सोमवार को कहा कि उसके पूर्व सह-संस्थापक अशनीर ग्रोवर किसी भी रूप में कंपनी से नहीं जुड़ेंगे और न ही उनके पास कंपनी के कोई शेयर होंगे। भारतपे ने बयान में कहा कि भारतपे ने अपने पूर्व सह-संस्थापक अशनीर ग्रोवर के साथ एक निश्चित समझौता किया है। यानी कुल मिलाकर अब विवाद पर पूर्ण विराम लग गया है.

बता दें कि विवादों के चलते मार्च 2022 में अशनीर को कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स से निकाल दिया गया था। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ दायर कानूनी मामलों को वापस लेने का फैसला लिया है। भारतपे ने इस मामले में एक बयान जारी किया है. कंपनी ने बयान में लिखा- भारतपे का फोकस, प्रॉफिट के साथ ग्राहकों को बेहतर सुविधाएं देने पर रहेगा. हमारी तरफ से अशनीर ग्रोवर को शुभकामनाएं।

 

क्या बोले अशनीर ग्रोवर?

मैं भारतपे के साथ एक निर्णायक समझौते पर पहुंच गया हूं। मैं प्रबंधन और बोर्ड पर अपना भरोसा रखता हूं, जो भारतपे को सही दिशा में आगे ले जाने के लिए बेहतरीन काम कर रहे हैं। मैं कंपनी के विकास के साथ लगातार जुड़ा हुआ हूं। मैं अब किसी भी पद पर भारतपे से नहीं जुड़ा रहूंगा, न ही कैपिटल टेबल का हिस्सा बनूंगा। मेरे शेष शेयरों का प्रबंधन मेरे फैमिली ट्रस्ट द्वारा किया जाएगा। दोनों पक्षों ने दायर मामलों को आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया है। मुझे उम्मीद है कि भारतपे अपने सभी हितधारकों के लाभ के लिए आगे बढ़ता रहेगा और सफल होता रहेगा।

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