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आंचलिक विज्ञान नगरी में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस का आयोजन
लखनऊ। प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित आंचलिक विज्ञान नगरी में आज 11 मई को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाया गया। इस अवसर पर ‘’मैं कैसे एक प्रौद्योगिकीविद बन सकता हूँ’’ विषय पर एक लोकप्रिय विज्ञान व्याख्यान का आयोजन किया गया जिसे बायोटेक पार्क के सलाहकार वैज्ञानिक डा0 एच0एम0बहल ने बड़े ही रोचक ढंग से प्रस्तुत किया।
व्याख्यान में डा0 बहल ने अपने विविध प्रौद्योगिकी अनुभवों को विद्यार्थियों एवं अध्यापकों के साथ साझा किया तथा विद्यार्थियों को एक सफल प्रौद्योगिकीविद बनने के लिए युक्तियाँ भी बताई। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों में प्रतिभा तो बहुत है परन्तु उनको व्यावहारिक रूप देने के लिए अवसर नहीं हैं। इस अवसर पर उन्होंने ‘मेक इन इण्डिया’ तथा कौशल विकास की भी चर्चा की। व्याख्यान में उन्होंने 3-डी प्रिन्टिंग, पुनःउपयोग में आने वाले डायपर्स जैसी प्रौद्योगिकियों के बारे में उपस्थित लोगों को बताया।
गौरतलब है कि राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस पूरे भारत में 1998 के इस दिवस के ऐतिहासिक महत्व की याद में मनाया जाता है जब तीन स्वदेशी प्रौद्योगिकियों का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया। इसमें हंसा-3 वायुयान व त्रिसूल मिसाईल का सफलतापूर्वक परीक्षण तथा तीन नाभिकीय परीक्षण सम्मिलित हैं। इन्होंने देश का गौरव बढ़ाया तथा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विश्व स्तर पर अपनी श्रेष्ठता सिद्ध की। इस दिन को यादगार बनाने के लिए प्रतिवर्ष 11 मई को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के रूप में घोषित किया गया।
किसी भी देश के विकास के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी अत्यंत ही महत्वपूर्ण अवयव हैं। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य विद्यार्थियों को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की तरफ आकर्षित करना ही था क्योंकि ये ही क्षेत्र भुखमरी व गरीबी जैसी समस्याओं का समाधान दे सकते हैं तथा देश व विश्व के सामने उपस्थिति चुनौतियों का समाधान दे सकते हैं। लगभग 150 विद्यार्थियों, अध्यापकों एवं वैज्ञानिकों ने इस व्याख्यान का लाभ उठाया। इससे पहले, परियोजना समायोजक, आंचलिक विज्ञान नगरी, लखनऊ उमेश कुमान ने मेहमानों तथा विद्यार्थियों का स्वागत किया तथा इस दिन के महत्व पर रोशनी डाली।
आध्यात्म
dussehra 2024: दशहरे के दिन करें ये काम, होगी धन प्राप्ति
नई दिल्ली। दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत का त्योहार होता हैं। इस बार दशहरा 12 अक्टूबर को मनाया जाएगा। दशहरा अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता हैं। इस दिन भगवान राम ने रावण को मारकर असत्य पर सत्य की जीत की थी। इसलिए इसे विजयदशमी भी कहा जाता है। दशहरें के दिन करें ये काम –
इस दिन मां दुर्गा की पूजा कर उनके चरण धोकर लाल रंग के कपड़़े को तिजोरी में रखना चाहिए। इससे मां की कृपा हमेशा बनी रहती है।
इस दिन नीलकंठ पक्षी के दर्शन करने चाहिए। कहा जाता है कि भगवान राम ने रावण के वध से पहले नीलकंठ पक्षी के दर्शन किए थे और उन्हें हर क्षेत्र में विजय हासिल हुई थी।
इस दिन शमी के पेड़ की पूजा की जाती है। कहा जाता है कि इस दिन कुबेर ने शमी के पेड़ के पत्ते को सोना बना दिया था। इसलिए इस दिन शमी के पेड़ की पूजा करनी चाहिए।
दशहरे के दिन यात्रा करना बहुत ही शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि इस दिन मां दुर्गा भी यात्रा करती हैं। इसलिए हो सके तो छोटी यात्रा का ही प्लान बनाएं।
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