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इज्जत बचाने के लिए 14 साल की लड़की ने लोकल ट्रेन से लगाई छलांग

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मुम्बई। देश में महिलाओं के साथ लगातार छेड़छाड़, लूट और रेप की घटना प्रकाश में आती रहती है। लोकल ट्रेन में महिलाओं की सुरक्षा भी सवालों के घेरे में रहती है। सरकार भले ही महिलाओं की सुरक्षा का दावा करें लेकिन हाल के दिनों में यह दावा बेहद खोखला साबित हुआ है। मुम्बई की लोकल ट्रेन में एक 14 साल की लड़की को अपनी इज्जत बचाने के लिए चलती ट्रेन से छलांग लगानी पड़ी।

दरअसल यह लड़की आठवी कक्षा की छात्र है। लड़की छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस से कल्याण जाने के लिए सुबह करीब 9.30 बजे लोकल ट्रेन से सफर कर रही थी। लड़की जब ट्रेन में बैठी थी तो डिब्बा पूरा खाली था। हालांकि इसके बाद उस डिब्बा में एक लड़का आ बैठा। लड़की  डर गई और लडक़ा उसके और करीब आ गया। लड़का ने लड़की को इशारा करते हुए कहा कि वह अपना मुंह बंद रखे।

इसके बाद लड़की डरी और सहम गई। उसे लगा कि उसके साथ कुछ गलत हो सकता है। इस वजह से लड़की ने इमर्जेंसी चेन खींचने की कोशिश की लेकर खींच नहीं सकी। खुद को बचाने के लिउ चलते ट्रेन से लडक़ी ने छलांग लगा दी।

इसके बाद उसके पैरों में फैं्रक्चर और माथे पर चोटें आई। पीडि़ता को जॉर्ज अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उसके पैरों में प्लास्टर चढ़ाया गया और माथे पर 20 टांके भी लगे। लड़की ने पुलिस को पूरे मामले की जानकारी दी है। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया और जांच कर रही है।

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उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ किसानों के मुद्दे पर केंद्र सरकार से नाराज

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नई दिल्ली। किसानों के मुद्दे पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ नाराज हैं। उन्होंने केंद्र सरकार से इस मामले पर सीधा सवाल पूछा है। उन्होंने कहा, ‘मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि किसान से वार्ता क्यों नहीं हो रही है। हम किसान को पुरस्कृत करने की बजाय, उसका सही हक भी नहीं दे रहे हैं।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने क्या कहा?

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा, ‘कृषि मंत्री जी, एक-एक पल आपका भारी है। मेरा आप से आग्रह है कि कृपया करके मुझे बताइये। क्या किसान से वादा किया गया था? किया गया वादा क्यों नहीं निभाया गया? वादा निभाने के लिए हम क्या कर रहे हैं?’

उन्होंने कहा, ‘गत वर्ष भी आंदोलन था, इस वर्ष भी आंदोलन है। कालचक्र घूम रहा है, हम कुछ कर नहीं रहे हैं। पहली बार मैंने भारत को बदलते हुए देखा है। पहली बार मैं महसूस कर रहा हूं कि विकसित भारत हमारा सपना नहीं लक्ष्य है। दुनिया में भारत कभी इतनी बुलंदी पर नहीं था। जब ऐसा हो रहा है तो मेरा किसान परेशान और पीड़ित क्यों है? किसान अकेला है जो असहाय है।

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