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इतिहास खुद को दोहराएगा, GST की ऐसे होगी शुरुआत
नई दिल्ली। सरकार स्वतंत्र भारत के सबसे बड़े कर सुधार जीएसटी (GST) की शुरुआत देश की स्वाधीनता की उद्घोषणा के समय हुए समारोह की तर्ज पर करने की तैयारी में है। योजना के तहत जीएसटी की औपचारिक शुरुआत 30 जून की आधी रात संसद के ऐतिहासिक केंद्रीय कक्ष में समारोह पूर्वक की जाएगी।
इस बारे में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि जीएसटी व्यवस्था के शुभारंभ का यह कार्यक्रम करीब घंटे भर चलेगा। इसमें इस क्रांतिकारी कर सुधार की दिशा में विभिन्न राजनीतिक दलों और राज्यों के योगदान की झांकी मिलेगी।
बता दें कि संसद भवन का यह वही ऐतिहासिक कक्ष है जहां 15 अगस्त 1947 की आधी रात को तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने आजादी का आगाज करते हुए अपना ऐतिहासिक भाषण दिया था।
30 जून को आधी रात को होने वाले कार्यक्रम में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभाध्यक्ष सुमित्रा महाजन, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और एचडी देवेगौड़ा मंच पर मौजूद होंगे।
जेटली ने कहा कि इनके अलावा लोकसभा और राज्यसभा के सभी सदस्य, राज्यों के मुख्यमंत्रियों और वित्त मंत्रियों को भी इस कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया गया है। साथ ही जीएसटी परिषद और राज्यों के वित्त मंत्रियों की अधिकार प्राप्त समिति के पूर्व और वर्तमान सदस्यों को भी निमंत्रण भेजा गया है।
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कौन है नारायण सिंह चौरा ? जिसने पूर्व मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल की हत्या करने का प्रयास किया
अमृतसर। शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल को बुधवार को पंजाब के अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के बाहर ‘सेवादार’ की ड्यूटी करते समय एक शख्स ने गोली मार दी। गोली दीवार पर लगने से व्हीलचेयर पर बैठे सुखबीर सिंह बादल बाल बाल बच गये। आखिर किस शख्स ने सुखबीर सिंह बादल पर गोली चलाई और उसका मकसद क्या था। तो बता दें कि फायरिंग करने वाले शख्स का नाम नारायण सिंह चौरा है जिसने गोली चलाई जिससे हड़कंप मच गया और तुरंत ही स्वर्ण मंदिर के बाहर खड़े कुछ लोगों ने उसे पकड़ लिया।
कौन हैं नारायण सिंह चौरा?
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, नारायण सिंह चौरा एक खालिस्तानी पूर्व आतंकवादी है, जिस पर पहले भी कई मामले दर्ज हुए हैं और वह भूमिगत रहा है। चौरा, कुछ वर्षों तक पंथिक नेता के रूप में सक्रिय था, वह डेरा बाबा नानक क्षेत्र से हैं। मंगलवार को वह सफेद कुर्ता-पायजामा पहनकर सुखबीर बादल के पास घूमता भी दिखाई दिया था। वह बुड़ैल जेलब्रेक का मास्टरमाइंड था। चौरा ने बब्बर खालसा इंटरनेशनल के आतंकवादियों जगतार सिंह हवारा और परमजीत सिंह भियोरा को उनके दो साथियों जगतार सिंह तारा और देवी सिंह के साथ बुड़ैल जेल से भागने में मदद की थी। उसने जेल की बिजली सप्लाई काफी देर के लिए बंद कर दी थी।
जानिए पाकिस्तान से चौरा का कनेक्शन
कथित तौर पर नारायण सिंह चौरा 1984 में पंजाब में आतंकवाद के शुरुआती चरण के दौरान पाकिस्तान भाग गया था। वहां उसने भारत में हथियारों और विस्फोटकों की बड़ी खेप की तस्करी में अहम भूमिका निभाई। पाकिस्तान में, उन्होंने कथित तौर पर गुरिल्ला युद्ध और देशद्रोही साहित्य पर एक किताब भी लिखी थी। चौरा पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह हत्याकांड में संदिग्ध था।
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