ऑफ़बीट
इस बच्चे को पैदा होते ही मां-बाप फेंक आए थे अनाथालय, वजह सुन आपकी रूह पनाह मांग जाएगी
कहते है ‘बच्चे भगवान का रूप होते है।’ उनके साथ दुर्यव्यवहार करना या उन्हे किसी भी तरह की चोट पहुंचाना मतलब भगवान का अपमान करने समान है लेकिन ये बात ऐसे पढ़े-लिखे अनपढ़ों को कौन समझाए जिन्हें जिंदगी के हालातों से झूझना या लड़ना नहीं बल्कि गलत चीजों को अंजाम देकर उस समस्या से दूर भागना ज्यादा उचित लगता है।
आज हम आपको एक ऐसी ही खबर सुनाने जा रहे है। जिसे पढ़कर आप भी मायूस हो जाएंगे।
दरअसल, वेस्ट यॉर्कशायर के एक निवासी जोनों लैंकेस्टर को उनके घर वालों ने पैदा होने के 36 घंटे बाद ही अनाथालय में ले जा कर पटक दिया था, उनकी खराब शक्ल इसके पीछे की वजह थी।
जोनों को ‘ट्रेचर कॉलिंस सिंड्रोम’ नाम की एक बीमारी थी। जिस वजह से उनकी शक्ल पैदाइशी खराब हो गई थी। कॉलिंस सिंड्रोम नाम की इस बिमारी की वजह से उनके चेहरे से जुड़ी 40 हड्डियों का विकास नहीं हो पाया था। इस कारण उनका चेहरा अपना सही आकार नहीं ले पाया। इतना ही नहीं इस बिमारी की वजह से उनके चेहरे पर आंखें, मुंह और नाक का भी सही से विकास नहीं हो पाया था।
विशेषज्ञ बताते है कि ये बीमारी बच्चों को मां के पेट से ही लग जाती है। कई दिन अनाथालय में बिताने के बाद जोनों को ‘जीन लैंकेस्टर’ नाम की एक महिला ने गोद ले लिया और उन्होंने जोनो का पालन पोषण किया।
लेकिन बड़े होने के साथ ही जोनों को कांगो के ताने भी सुनने पड़े। इस मामले पर बात करते हुए जोनों बताते है कि “मैं बहुत अकेला महसूस करता था इसलिए सबको टॉफिया बांट कर बात करने की कोशिश करता था।
फिलहाल इस वक़्त वो अपने परिवार के साथ वेस्ट यॉर्कशायर में खुशहाल जिंदगी बिता रहे है।
ऑफ़बीट
बेंगलुरु में ऑटो चालक ने लिखवाया अनोखा स्लोगन, सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट से मचा बवाल
बेंगलुरु। आखिर ऑटो वाले ने अपनी गाड़ी के पीछे ऐसा क्या लिखवा दिया, जिस पर इतना हो हंगामा मच गया. दरअसल, ऑटो ड्राइवर ने महिलाओं के सम्मान में इंग्लिश में कुछ लाइनें लिखवाई थीं, ‘Slim or fat, black or white, virgin or not. All girls deserve respect.’ मतलब- मोटी हो या पतली, गोरी हो या काली, कुंआरी हो या न हो. सभी लड़कियों को सम्मान मिलना चाहिए. किसी राहगीर की नजर जब इस स्लोगन पर पड़ी, तो उसने फोटो खींचकर सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दी, जो अब इंटरनेट पर वायरल है.
सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट
30 सितंबर को @kreepkroop एक्स हैंडल से यूजर ने तस्वीर शेयर कर लिखा, बेंगलुरु की सड़कों पर कुछ कट्टर नारीवादी. इस पोस्ट को अब तक 90 हजार बार देखा जा चुका है, जबकि लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं. जहां कई यूजर्स ने ऑटो वाले के स्लोगन को विवादित करार दिया, तो वहीं कई लोगों का मानना है कि इसमें कट्टर नारीवाद जैसा कुछ भी नहीं है.
एक यूजर ने कमेंट किया, ऑटो वाले भैया अधिकांश पढ़े-लिखे लोगों की तुलना में कहीं अधिक सम्य हैं. मुझे समझ नहीं आ रहा है कि लोगों को इसमें कट्टर नारीवादी सोच कहां से दिख गई. वहीं, दूसरे यूजर का कहना है, यह कट्टर नारीवाद नहीं है. पर इस बात से जरूर सहमत हूं कि लिखने का अंदाज थोड़ा अटपटा है. वर्जिन या नॉट वर्जिन की जगह मैरिड या अनमैरिड भी लिखा जा सकता था. फिर भी, ड्राइवर कम से कम महिलाओं का सम्मान तो कर रहा है. एक अन्य यूजर ने लिखा, कुछ भी बकवास लिखा है. ये वर्जिन क्या होता है
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