अन्तर्राष्ट्रीय
ईरान संग परमाणु करार पर अपनी योजना का शीघ्र खुलासा करूंगा : ट्रंप
न्यूयॉर्क, 19 सितम्बर (आईएएनएस)| अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वह ईरान के साथ 2015 में हस्ताक्षरित परमाणु समझौते से संबंधित अपनी योजनाओं का ‘बहुत जल्द’ खुलासा करेंगे। उन्होंने यह टिप्पणी इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ बैठक से पहले की, जिसमें दोनों नेताओं के बीच ईरान और अन्य मुद्दों पर चर्चा प्रस्तावित थी।
एफे न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, न्यूयॉर्क के होटल में नेतन्याहू के साथ बैठक शुरू होने से पहले ट्रंप से पूछा गया कि क्या वह ईरान के साथ परमाणु समझौते से अलग होने के बारे में सोच रहे हैं, तो उन्होंने कहा, आपको जल्द ही पता चल जाएगा।
इसी बीच, इजरायली नेता ने सार्वजनिक तौर पर ट्रंप से कहा, मैं आपके साथ चर्चा करने के लिए उत्सुक हूं कि हम ईरान के साथ जिसे आप सही ही एक भयानक परमाणु समझौते करार देते हैं, उससे कैसे सही तरीके से निपट सकते हैं और इस क्षेत्र विशेषकर सीरिया में ईरान की बढ़ती आक्रामकता को कैसे कम कर सकते हैं।
इजरायली मीडिया के अनुसार, प्रधानमंत्री नेतन्याहू की कोशिश ट्रंप के साथ अपनी बैठक के जरिए समझौते में संशोधन कराने की है।
इस समझौते में ईरान को परमाणु हथियार कार्यक्रम छोड़ने पर प्रतिबंधों से राहत दी गई थी।
इससे पहले सोमवार को ट्रंप ने कहा था कि अगर संयुक्त राष्ट्र परमाणु ऊर्जा एजेंसी ईरान के परमाणु कार्यक्रम की निगरानी में कोई कोताही दिखाती है, तो वाशिंगटन इस समझौते से अलग हो जाएगा।
ट्रंप ने वियना में एजेंसी की सलाना बैठक में में कहा था कि अगर अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी ईरानी सैन्य स्थलों तक पहुंच हासिल करने में विफल रहती है, जिन्हें लेकर माना जा रहा है कि यह अवैध परमाणु गतिविधियों में लगे हैं, तो हम इस कमजोर या अपर्याप्त निगरानी वाले समझौते को स्वीकार नहीं करेंगे।
अन्तर्राष्ट्रीय
इच्छामृत्यु को कानूनी दर्जा देने के लिए ब्रिटिश संसद में बिल पास, पूरी तरह समझे कानून
ब्रिटेन। इच्छामृत्यु को लेकर कई देशों में वाद-विवाद है, भारत में इच्छामृत्यु संबंधी कानून सक्रिय और निष्क्रिय इच्छामृत्यु के बीच अंतर करता है। देश में (India) घातक यौगिकों के प्रशासन सहित सक्रिय इच्छामृत्यु के रूप अभी भी अवैध हैं। लेकिन एक वक्त पर भारत पर राज करने वाले ब्रिटेन (Britain) ने इच्छामृत्यु को कानूनी दर्जा देने के लिए ब्रिटिश संसद में बिल पास कर दिया है। ब्रिटेन का ये विधेयक गंभीर रूप से बीमार लोगों, जिनकी जीवन प्रत्याशा 6 महीने से कम है, वे अपनी इच्छा से खुद का जीवन खत्म कर सकते हैं। ये पूरी तरह से कानूनी होगा।
क्या होगा कानून
इस विधेयक के मुताबिक इसे लागू करने के लिए दो स्वतंत्र डॉक्टर्स और एक हाईकोर्ट के जज की सहमति भी जरूरी होगी। हालांकि मरीज को इच्छामृत्यु के इस फैसले के लिए मानसिक रूप से पहले सक्षम माना जाना चाहिए और ये सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि वो किसी दबाव में तो नहीं। इसके अलावा मरीज को 2 बार अपनी मरने की इच्छा भी जतानी होगी। जिसके बीच कम से कम 7 दिनों का अंतर होना चाहिए।
विधेयक पर तीखी बहस
ब्रिटेन की संसद में इस बिधेयक को लेकर तो बहस हुई ही साथ ही अब जनता भी दो धड़ों में बंटी हुई दिखाई दे रही है। संसद में इस बिल के समर्थकों ने इसे मरीज का दर्द खत्म करने और गरिमा के साथ मौते देने का विकल्प बताया तो विरोधी पक्ष ने इसे कमजोर और बीमार लोगों के लिए जोखिम भरा बताया और इसके दुरुपयोग की संभावना जताई। बता दें कि ये विधेयक भले ही संसद से पास हो गया हो लेकिन इसे कानून बनने के लिए और भी समीक्षा प्रक्रियाओं से गुजरना होगा। इसके बाद ही कानून का रूप ले पाएगा। अब विपक्ष समेत आधी जनता के विरोध को देखते हुए जानकारों का मानना है कि शायद ही ये विधेयक इतनी आसानी से कानून का रूप ले पाएगा।
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