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करियर

उच्च विकास के साथ आईटी उद्योग ने अपनाया नवाचार 

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बेंगलुरू| सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र के लिए वर्ष 2014 सुस्ती से बाहर निकलकर दहाई अंकों की विकास दर हासिल करने का साल रहा। इस वर्ष इसने डिसरप्टिव श्रेणी की प्रौद्योगिकी के जरिए नवाचार भी अपनाया।

विशेषज्ञों के मुताबिक, इस क्षेत्र के लिए साल की पहली छमाही विभिन्न कारणों से चुनौतियों से भरी हुई थी। लेकिन चुनाव के बाद आईटी क्षेत्र की स्थिति में तेजी से बदलाव आया।

नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर एंड सॉफ्टवेयर सर्विसेज कंपनीज (नैसकॉम) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बेंगलुरू में आईएएनएस से कहा, “हम देख रहे हैं कि क्लाउड, बिग डाटा, एनालिटिक्स, मोबिलिटी, सोशल मीडिया और इंटरनेट ऑफ थिंग्स जैसी डिसरप्टिव श्रेणी की प्रौद्योगिकियों के जरिए कंपनियों का कारोबार बढ़ रहा है और वे विदेशों में स्थित अपनी ग्राहक कंपनियों के कारोबार में क्रांतिकारी बदलाव ला रही हैं।”

नैसकॉम के अध्यक्ष आर. चंद्रशेखर ने कहा, “भारत की छवि विदेशों में काफी बेहतर हुई है। नया प्लेटफॉर्म और अलग कारोबारी मॉडल अपनाने और वैश्विक कंपनियों से प्रतियोगिता करने के कारण हमारे उद्योगों की छवि में सुधार हुआ है।”

प्रौद्योगिकी के संदर्भ में डिसरप्टिव शब्द हार्वर्ड बिजनेस स्कूल के प्रोफेसर क्लेटन एम. क्रिस्टेंशन ने गढ़ा है। डिसरप्टिव श्रेणी की प्रौद्योगिकी का मतलब ऐसी नई प्रौद्योगिकी से है, जो पुरानी प्रौद्योगिकी पर आधारित उद्योग को झकझोर कर रख दे और बिल्कुल नए उत्पाद और सेवा के साथ एक नए उद्योग का विकास कर दे। कंप्यूटर द्वारा टाइपराइटर को उद्योग से हटाया जाना डिसरप्टिव श्रेणी की प्रौद्योगिकी का एक उदाहरण है।

चंद्रशेखर ने कहा, “अमेरिकी अर्थव्यवस्था में नई आशा भरने से देश के आईटी उद्योग का परिदृश्य बेहतर हुआ है।” उन्होंने कहा कि अभी भी अमेरिकी बाजार भारतीय सॉफ्टवेयर निर्यात बाजार में 60 फीसदी योगदान करता है।

नैसकॉम ने 2014-15 में आईटी क्षेत्र के लिए 15 फीसदी विकास दर का अनुमान दिया है, जो 2013-14 में 13 फीसदी थी।

चंद्रशेखर ने कहा कि मौजूदा कारोबारी साल में क्षेत्र की कुल आय 13-14 अरब डॉलर बढ़ेगी, जो गत कारोबारी साल में 118 अरब डॉलर थी। उन्होंने अनुमान दिया कि सॉफ्टवेयर निर्यात बढ़कर म कर रहा है।”

आईटी उद्योग ने इस वर्ष 1.50 लाख प्रत्यक्ष और 4.50 लाख अप्रत्यक्ष रोजगार का सृजन किया।

इस वर्ष पहली बार एक प्रमुख सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी इंफोसिस ने एक गैर संस्थापक विशाल सिक्का को अपना मुख्य कार्यकारी अधिकारी बनाया और इसके साथ ही सह-संस्थापक एन.आर. नारायण मूर्ति ने अध्यक्ष पद, एस. गोपालकृष्णन ने उपाध्यक्ष पद, एस.डी. शिबू लाल ने मुख्य कार्यकारी अधिकारी का पद छोड़ दिया।

सह-संस्थापक नंदन निलेकणि और के. दिनेश ने कंपनी में अपनी हिस्सेदारी का एक अंश बेचकर इससे हासिल हुई रकम का उपयोग समाज सेवा में करने का फैसला किया।

2014 में आईटी क्षेत्र के प्रमुख घटनाक्रम बिंदुवार इस प्रकार हैं :

– उद्योग सुस्ती से बाहर निकला। इसने दहाई अंकों में विकास दर हासिल किया। इसने डिसरप्टिव श्रेणी की प्रौद्योगिकी और कारोबार के नए मॉडलों को अपनाया।

– माहौल में आशा का संचार हुआ।

– विदेशों में उद्योग की छवि बेहतर हुई।

– नई प्रौद्योगिकी और मांग के अनुरूप खुद को ढालने के लिए जरूरी बदलाव किया।

– 2014-15 में सॉफ्टवेयर निर्यात बढ़कर 100 अरब डॉलर होने का अनुमान।

– इसने 1.50 लाख प्रत्यक्ष और 4.50 लाख अप्रत्यक्ष रोजगार का सृजन किया।

– इंफोसिस के सह-संस्थापकों ने अपने पद छोड़ दिए और नए मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के लिए रास्ता खोला।

करियर

SSC GD Constable भर्ती के एप्लिकेशन फॉर्म में सुधार करने के लिए मिला मौका, जानें कब तक कर सकेंगे सुधार

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नई दिल्ली। कर्मचारी चयन आयोग यानी SSC की ओर से मंगलवार 5 नवंबर को कॉन्स्टेबल (जनरल ड्यूटी) भर्ती 2025 की परीक्षा के फॉर्म में करेक्शन के लिए विंडो को ओपन कर दिया है। जो भी उम्मीदवार अपने फॉर्म में कोई भी बदलाव करना चाहते हैं कि वह एसएससी की आधिकारिक वेबसाइट (ssc.gov.in) पर जाकर इस प्रक्रिया को पूरा कर सकते हैं। आइए जानते हैं आवेदन फॉर्म में सुधार करने की पूरी प्रक्रिया हमारी इस खबर में।

वैकेंसी डिटेल

बीएसएफ: 15654 पद
सीआईएसएफ: 7145 पद
सीआरपीएफ: 11541 पद
एसएसबी: 819 पद
आईटीबीपी: 3017 पद
एआर: 1248 पद
एसएसएफ: 35 पद
एनसीबी: 22 पद

करेक्शन की आखिरी तारीख?

कर्मचारी चयन आयोग ने जारी किए गए नोटिफिकेशन में कहा है कि SSC GD Constable भर्ती के एप्लिकेशन फॉर्म में सुधार की सुविधा 05.11.2024 से 07.11.2024 तक उपलब्ध कराई जाएगी। जिन अभ्यर्थियों को फॉर्म में सुधार करना है वे ‘विंडो फॉर एप्लीकेशन फॉर्म करेक्शन’ सुविधा का उपयोग कर सकते हैं। SSC ने ये भी कहा है कि आखिरी तारीख के बाद काई भी अनुरोध स्वीकार नहीं किया जाएगा। इस भर्ती के लिए कंप्यूटर आधारित परीक्षा संभवतः जनवरी-फरवरी 2025 में आयोजित की जाएगी।

 

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