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मुख्य समाचार

‘अमेरिकी नेतृत्व में हवाई हमलों में 10 सीरियाई नागरिक मरे’

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उत्तरी सीरिया, अमेरिकी नेतृत्व, 10 सीरियाई नागरिक मरे

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उत्तरी सीरिया, अमेरिकी नेतृत्व, 10 सीरियाई नागरिक मरेदमिश्क, उत्तरी सीरियाई प्रांत अल-रक्का में अमेरिकी नेतृत्व में किए गए हवाई हमले में सोमवार को 10 नागरिकों की मौत हो गई। यह जानकारी सरकारी समाचार एजेंसी ‘सना’ ने दी है। अल रक्का को आंतकी संगठन  (आईएस) का गढ़ माना जाता है। सरकारी समाचार एजेंसी ‘सना’ ने बताया कि इन हवाई हमलों में अल-रक्का के एक गांव साल्येह की एक कपास की मिल को निशाना बनाया गया, जिससे इसमें काम करने वाले तीन कर्मी, एक विस्थापित परिवार के छह लोग और एक गांव के व्यक्ति की मौत हो गई। ‘सना’ के अनुसार, “मृतकों में बच्चे भी शामिल हैं और यह अमेरिका के नेतृत्व वाले आतंकवाद विरोधी गठबंधन का एक और नरसंहार है। “एजेंसी ने बताया कि हवाई हमलों के कारण संपत्ति को बहुत अधिक नुकसान पहुंचा है।

अन्तर्राष्ट्रीय

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने भारत के अलावा चार और देशों से अपने राजदूत वापस बुलाए

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ढाका। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, पुर्तगाल और संयुक्त राष्ट्र से बांग्लादेश के राजदूत वापस बुलाए गए हैं। शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से हटने के बाद बांग्लादेश और भारत के संबंध कुछ खास नहीं रहे हैं। वहीं, बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय से जुड़े लोगों का मानना है कि प्रशासनिक प्रभाग के आदेश देश की विदेश नीति को लेकर अच्छे नहीं रहे हैं। इन लोगों का कहना है कि भारत में उच्चायुक्त सहित जिन राजदूतों को वापस बुलाया गया है, उनमें से कई राजनीतिक नियुक्तियां नहीं थीं।

भारत में उच्चायुक्त मुस्तफिजुर रहमान के अलावा जिन अन्य लोगों को वापस बुलाया गया है, उनमें न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र के स्थायी प्रतिनिधि और ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम और पुर्तगाल में बांग्लादेश के राजदूत शामिल हैं। जिन राजदूतों को वापस बुलाया गया है, वह आने वाले महीनों में रिटायर होने वाले थे। भारत में उच्चायुक्त रहमान भी इनमें शामिल हैं।

यूनुस और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच नहीं हो पाई थी बैठक

बांग्लादेश में छात्र संगठनों के नेतृत्व में लगातार विरोध प्रदर्शन हुए। इसके कारण अगस्त की शुरुआत में शेख हसीना की सरकार गिर गई और उन्हें देश छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। इस घटना के बाद से भारत-बांग्लादेश संबंध खराब स्थिति में हैं। नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में कार्यवाहक प्रशासन ने हसीना के पद छोड़ने के कुछ दिनों बाद ही कार्यभार संभाल लिया। वहीं, हसीना ने बांग्लादेश छोड़ने के बाद भारत में शरण ली। ढाका में कार्यवाहक व्यवस्था ने पिछले महीने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान यूनुस और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच बैठक कराने के लिए लगातार प्रयास किए। हालांकि, यूनुस ने भारत की आलोचना की थी और शेख हसीना के प्रत्यर्पण का मुद्दा भी उठाया था। इससे भारतीय पक्ष नाखुश था और दोनों नेताओं की मुलाकात नहीं हो पाई।

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