बिजनेस
एक जुलाई से जीएसटी लागू होने की उम्मीद
नई दिल्ली। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की गुरुवार की बैठक में बाकी बचे दो मसौदा कानूनों यूटीजीएसटी (केंद्र शासित प्रदेश जीएसटी) तथा एसजीएसटी (राज्य जीएसटी) को मंजूरी दे दी। इसके साथ ही जीएसटी के सभी पांच मसौदा कानूनों को परिषद की मंजूरी मिल गई है। अब 1 जुलाई से इस नई अप्रत्यक्ष कर प्रणाली को लागू करने का रास्ता साफ हो गया है।
जीएसटी परिषद के अध्यक्ष वित्त मंत्री अरुण जेटली ने यहां संवाददाताओं को बताया, “परिषद की 12वीं बैठक में गुरुवार को यूटीजीएसटी और एसजीएसटी को मंजूरी प्रदान कर दी गई। पिछली बैठक में परिषद ने सीजीएसटी (केंद्रीय जीएसटी), आईजीएसटी (एकीकृत जीएसटी) और मुआवजा मसौदा को मंजूरी दी थी।”
जेटली ने कहा कि अंतिम मंजूरी के साथ ही जीएसटी को 1 जुलाई से लागू कर दिया जाएगा। अब जीएसटी के चारो मसौदा कानूनों, मुआवजा, यूटीजीएसटी, सीजीएसटी और आईजीएसटी को मंत्रिमंडल की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। इसके बाद उसे संसद में चल रहे बजट सत्र में पेश किया जाएगा।
यूटीजीएसटी मसौदा कानून केंद्रशासित प्रदेशों अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप, दमन एवं दीव तथा दादरा एवं नगर हवेली के लिए है, जहां विधानसभा नहीं है।
नए अप्रत्यक्ष कर शासन में नौ सेट नियम व अधिनियम है। इनमें से परिषद ने पहले ही पांच नियमों को मंजूरी दे दी है, जिसमें पंजीकरण, भुगतान, धनवापसी, चालान और रिटर्न शामिल हैं।
जेटली ने कहा, “चार अन्य नियमों संरचना, मूल्यांकन, इनपुट टैक्स क्रेडिट ट्रांजिशन को परिषद की औपचारिक अनुमोदन की आवश्यकता है।”
जेटली ने कहा कि परिषद अगली बैठक 31 मार्च को होगी। उन्होंने कहा कि 31 मार्च के बाद परिषद जीएसटी कर स्लैब में विभिन्न वस्तुओं के कर का निर्धारण करेगी। कर की दरें 5 फीसदी, 12 फीसदी, 15 फीसदी और 28 फीसदी रखी गई हैं।
अधिकारियों ने पहले से ही इन करों के अंतगर्त रखी जानी वाली वस्तुओं और सेवाओं की सूची पर काम शुरू कर दिया है, जिसे परिषद के समक्ष चर्चा और स्वीकृति के लिए रखा जाएगा।
बिजनेस
फिनटेक फर्म भारतपे और अशनीर ग्रोवर के बीच विवाद खत्म, दोनों पक्षों में हुआ समझौता
नई दिल्ली। फिनटेक फर्म भारतपे और उसके पूर्व को-फाउंडर अशनीर ग्रोवर के बीच समझौता हो गया है। इस समझौते के साथ ही दोनों के बीच लंबे समय से चला आ रहा विवाद भी खत्म हो गया है। फिनटेक कंपनी भारतपे ने सोमवार को कहा कि उसके पूर्व सह-संस्थापक अशनीर ग्रोवर किसी भी रूप में कंपनी से नहीं जुड़ेंगे और न ही उनके पास कंपनी के कोई शेयर होंगे। भारतपे ने बयान में कहा कि भारतपे ने अपने पूर्व सह-संस्थापक अशनीर ग्रोवर के साथ एक निश्चित समझौता किया है। यानी कुल मिलाकर अब विवाद पर पूर्ण विराम लग गया है.
बता दें कि विवादों के चलते मार्च 2022 में अशनीर को कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स से निकाल दिया गया था। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ दायर कानूनी मामलों को वापस लेने का फैसला लिया है। भारतपे ने इस मामले में एक बयान जारी किया है. कंपनी ने बयान में लिखा- भारतपे का फोकस, प्रॉफिट के साथ ग्राहकों को बेहतर सुविधाएं देने पर रहेगा. हमारी तरफ से अशनीर ग्रोवर को शुभकामनाएं।
क्या बोले अशनीर ग्रोवर?
मैं भारतपे के साथ एक निर्णायक समझौते पर पहुंच गया हूं। मैं प्रबंधन और बोर्ड पर अपना भरोसा रखता हूं, जो भारतपे को सही दिशा में आगे ले जाने के लिए बेहतरीन काम कर रहे हैं। मैं कंपनी के विकास के साथ लगातार जुड़ा हुआ हूं। मैं अब किसी भी पद पर भारतपे से नहीं जुड़ा रहूंगा, न ही कैपिटल टेबल का हिस्सा बनूंगा। मेरे शेष शेयरों का प्रबंधन मेरे फैमिली ट्रस्ट द्वारा किया जाएगा। दोनों पक्षों ने दायर मामलों को आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया है। मुझे उम्मीद है कि भारतपे अपने सभी हितधारकों के लाभ के लिए आगे बढ़ता रहेगा और सफल होता रहेगा।
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