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बिजनेस

ऐक्सिस बैंक के ‘एज लॉयल्टी रिवार्ड्स प्रोग्राम’ से ग्राहक होंगे लाभान्वित

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– बैंकों में एक अनूठा लॉयल्टी प्रोग्राम
-लॉयल्टी रिवार्ड प्वाइंट्स की पेशकश करने के लिये भारत में एकमात्र प्रोग्राम
लखनऊ।  निजी क्षेत्र में भारत के तीसरे सबसे बड़े बैंक, ऐक्सिस बैंक ने आज घोषणा कि उसके ‘एज लॉयल्टी रिवार्ड्स’ का विस्तार इसके चालू खाता और ट्रैवेल कार्ड्स धारकों तक किया जा रहा है। इस तरह इस प्रोग्राम से अब बैंकिंग रिलेशनशिप्स के सभी ग्राहकों को रिवार्ड्स प्राप्त होंगे। ऐक्सिस बैंक इस पहल के साथ अब भारत में पहला बैंक बन गया है, जिसके द्वारा चालू खाता लेन-देन और ट्रैवेल कार्ड धारकों को लॉयल्टी प्वाइंट्स प्रदान किये जायेंगे। इस प्रोग्राम से सभी बचत बैंक उपभोक्ता लाभान्वित होंगे। उपभोक्ता 25हजार रूपये या अधिक का बैलेंस बनाये रखकर एज लॉयल्टी प्वाइंट्स कमा सकते हैं।

‘एज लॉयल्टी रिवार्ड्स प्रोग्राम‘ को वर्ष 2013 में लॉन्च किया गया था और यह अब एक अधिक उन्नत प्रोग्राम है, क्योंकि इसके माध्यम से इसके उपभोक्ताओं को अपने बैंकिंग ट्रांजैक्शन्स- बचत, खर्च, निवेश अथवा उधार पर प्वाइंट्स कमाने का अवसर प्रदान किया जाता है। बैंक व्यापी लॉयल्टी प्रोग्राम को इस प्रकार डिजाइन किया गया है, जिससे कि उपभोक्ताओं को बैंक के साथ प्रत्येक संबंध पर रिवार्ड प्रदान किया जा सके। इस प्रोग्राम के माध्यम से बचत खाता, चालू खाता, क्रेडिट कार्ड्स, डेबिट कार्ड्स, ऋण, फारेक्स और ट्रैवेल कार्ड्स के उपभोक्ताओं को लॉभ मिलेगा।

‘एज लॉयल्टी रिवार्ड्स’ को ऐक्सिस बैंक के इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल एप्प और फोन बैंकिंग सेंटर के साथ एकीकृत किया गया है और उपभोक्ता अपने बचत खाता, क्रेडिड कार्ड्स, डेबिट कार्ड्स, ऋण, फारेक्स, ट्रैवेल कार्ड्स और चालू खाता में ट्रांजैक्शन पर एज लॉयल्टी प्वाइंट्स कमाते हैं। उपभोक्ता अब प्रत्येक माह अपने बचत खाते में धनराशि जमा कराने पर प्वाइंट्स कमा सकते हैं।

इन डिपाजिट्स में वेतन जमा करना, ईसीएस और स्टैंडिंग इंस्ट्रक्शन्स शामिल हैं। उदाहरण के लिये: यदि कोई उपभोक्ता डेबिट कार्ड के साथ बचत खाता खोलता है, चार महीने में ऐक्सिस बैंक क्रेडिट कार्ड का उपयोग करना शुरू करता है और छह महीने में बैंक से आवास ऋण का लॉभ उठाता है, तो वह एक वर्ष में आठ हजार तक एज रिवार्ड प्वाइंट्स कमा सकता है।

इस अवसर पर बैंक के ग्रुप एक्जीक्यूटिव और हेड रीटेल बैंकिंग राजीव आनंद ने कहा, ‘‘एज लॉयल्टी प्रोग्राम की पेशकश हमारे उपभोक्ताओं के लिये प्रगति में सच्चे साझीदार के हमारे ब्रांड के वादे के अनुरूप की गई है। हम अपने उपभोक्ताओं की जरूरतों को पूरा करने के लिये नये उत्पादों को डिजाइन एवं विकसित करना जारी रखेंगे। एज लॉयल्टी रिवार्ड्स द्वारा उपभोक्ताओं को बचत, खर्च, निवेश अथवा उधार के लिये प्वाइंट्स कमाने का ढेरों अवसर प्रदान किया जाता है। पुरस्कारों की व्यापक श्रृंखलॉ और बेहतर आनलॉइन अनुभव की बदौलत हमारे ग्राहकों के साथ संलग्नता और जुड़ाव अधिक सुदृढ़ होगा।‘‘

ऐक्सिस बैंक के विषय में:
ऐक्सिस बैंक निजी क्षेत्र में देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक है। बैंक द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं का दायरा व्यापक पैमाने पर फैलॉ हुआ है, जिनमें लॉर्ज एवं मिड काॅरपोरेट बैंकिंग, एसएमई बैंकिंग, एग्रीकल्चर एवं रीटेल बैंकिंग शामिल हैं। 31 मार्च 2014 को भारत में बैंक के नेटवर्क में 1,947 शाखा कार्यालय (एक्सटेंशन काउंटर सहित), 11,245  एटीएम हैं। बैंक की शाखायें 1,263 से अधिक शहरों एवं नगरों में हैं।

इन शाखा कार्यालयों की सहायता से बैंक व्यापक एवं विभिन्न ग्राहक वर्ग तक अपने उत्पादों एवं सेवाओं को रीटेल एवं कारपोरेट क्षेत्र में पहुंचाने में सफल रहा है। ऐक्सिस बैंक ने सिंगापुर, हांगकांग, शंघाई, कोलंबो, दुबई तथा अबू धाबी में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रखी है।

नेशनल

नोएल टाटा चुने गए रतन टाटा के उत्तराधिकारी, बने टाटा ट्रस्ट के नए चेयरमैन

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नई दिल्ली। देश ही नहीं दुनिया के दिग्गज कारोबारी रतन टाटा ने दुनिया को अलविदा कह दिया है। उनके जाने के बाद लोगों के मन में यही सवाल था कि टाटा का अब अगला उत्तराधिकारी कौन होगा। अब इसका जवाब भी मिल गया है। रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल टाटा, टाटा ट्रस्ट के नए चेयरमैन होंगे। नोएल अभी तक टाटा के दोनों ट्रस्ट के ट्रस्टी थे, लेकिन वे अब चेयरमैन कहलाएंगे। आज सुबह टाटा ट्रस्ट की बोर्ड मीटिंग हुई और इसी में नोएल टाटा की नियुक्ति का फैसला लिया गया। इसके साथ ही अब नोएल दुनियाभर के 100 से ज्यादा देशों में फैले टाटा ग्रुप के कारोबार को संभालेंगे। इस जिम्मेदारी को निभाने में उनके तीनों बच्चे लिया, माया और नेविल सहयोग करेंगे, जो पहले से ही टाटा ग्रुप में अलग-अलग जिम्मेदारियां निभा रहे हैं।

नोएल टाटा को टाटा ग्रुप की विरासत को संभालने के लिए सबसे मजबूत दावेदार के तौर पर देखा जा रहा था। टाटा ग्रुप की कई कंपनियों में नोएल टाटा पहले से कामकाज देख रहे हैं और टाटा परिवार से भी हैं। नोएल फिलहाल Trent, Voltas, Tata Investment Corporation और Tata International के चेयरमैन हैं। वह टाटा स्टील और टाइटन में वाइस चेयरमैन भी हैं। ऐसा कहा जाता है कि नोएल और रतन टाटा के बीच कई सालों तक प्रोफेशनल रिश्ता था। नोएल को 2019 के आखिर में सर रतनजी टाटा ट्रस्ट का ट्रस्टी बनाया गया था और 2022 में वह सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट में शामिल हुए।

टाटा संस के पूर्व बोर्ड सदस्य आर गोपालकृष्णन ने नोएल को ‘बहुत अच्छा और समझदार आदमी’ बताया है। उन्होंने कहा, ‘वह ट्रस्ट के लिए बहुत अच्छा काम करेंगे। वे अपने व्यवसाय और उद्यमशीलता कौशल के साथ, टाटा ट्रस्ट को और आगे लेकर जाएंगे। नोएल टाटा, 2014 से ट्रेंट लिमिटेड के अध्यक्ष रहे हैं। इससे पहले उन्होंने 2010 से 2021 तक टाटा इंटरनेशनल लिमिटेड को लीड किया था।

रतन टाटा के सौतेले भाई हैं नोएल

बता दें कि 67 साल के नोएल टाटा, रतन टाटा के सौतेले भाई हैं। पिता नवल टाटा और सिमोन टाटा के बेटे हैं। क्योंकि रतन टाटा के अपने सगे भाई जिम्मी टाटा बिजनेस से दूर रहते हैं, इसलिए रतन टाटा के निधन के बाद नोएल टाटा को उनकी जगह पर चेयरमैन बनाया गया। नया पद मिलने से पहले नोएल टाटा दोनों ट्रस्टों के मेंबर थे। वर्तमान में टाटा ग्रुप की सबसे बड़ी कंपनी टाटा सन्स के चेयरमैन N चंद्रशेखरन हैं। ट्रेंट कंपनी की चेयरमैन नोएल टाटा की मां सिमोन टाटा हैं।

पूरे टाटा ग्रुप के ऊपर 2 ट्रस्ट हैं, जिनकी कमान टाटा परिवार के हाथ में ही रहती है। इन्हीं दोनों ट्रस्ट के चेयरमैन रतन टाटा थे और बुधवार रात रतन टाटा के निधन के बाद नोएल टाटा को चेयरमैन बना दिया गया है।

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