लाइफ स्टाइल
ऑनलाइन रिटेल रहा सुर्खियों में
नई दिल्ली| देश के 38 हजार अरब रुपये के समग्र खुदरा व्यापार का एक छोटा हिस्सा 1 हजार अरब रुपये (16 अरब डॉलर) का ऑनलाइन रिटेल उद्योग वर्ष 2014 में विलय, अधिग्रहण और भारी-भरकम मूल्यांकन के कारण सुर्खियों में छाया रहा।
सबसे पहले दिसंबर में अनिल अंबानी के रिलायंस समूह ने यात्रा डॉट कॉम में अपनी 16 फीसदी हिस्सेदारी बेच दी और 2006 में किए गए अपने निवेश रकम को 12 गुना बढ़ा लिया। इसके साथ ही पोर्टल का बाजार मूल्य 50 करोड़ डॉलर हो गया।
ऑनलाइन रिटेल कंपनी फ्लिपकार्ट ने 70 करोड़ डॉलर की पूंजी जुटाई, जबकि उससे पहले भी कंपनी ने जुलाई में एक अरब डॉलर की पूंजी जुटाई थी। इससे रातो-रात कंपनी का बाजार मूल्य 6 अरब डॉलर हो गया। इसने एक अन्य ई-रिटेल कंपनी मिंत्रा का भी अपने में विलय कर लिया।
अक्टूबर में जापान की कंपनी सॉफ्टबैंक ने एक ई-रिटेल कंपनी स्नैपडील में 62.7 करोड़ डॉलर निवेश करने और देश के 19 शहरों में किराए पर कार उपलब्ध कराने वाली कंपनी ओला में 21 करोड़ डॉलर निवेश करने का फैसला किया।
अमेरिकी ऑनलाइन रिटेल कंपनी अमेजन ने भी पीछे न रहते हुए कहा कि वह भारतीय ई-रिटेल उद्योग में दो अरब डॉलर निवेश करेगी।
भारत में केपीएमजी के प्रबंधन परामर्श साझेदार अश्विन वेलोडी ने कहा, “(ई-कॉमर्स उद्योग के लिए) यह सरगर्मी भरी अवधि रही।”
वेलोडी ने आईएएनएस से कहा, “अच्छी बात यह हुई कि आखिरी जीत ग्राहकों की हो रही है। हर ओर से दबाव है और उसका लाभ ग्राहकों को मिल रहा है।”
16 अरब डॉलर का ई-कॉमर्स उद्योग सालाना 30-40 फीसदी की दर से विस्तार कर रहा है और अगले पांच साल में इसके 100 अरब डॉलर का हो जाने का अनुमान है।
वाणिज्य मंत्रालय के अंतर्गत पड़ने वाले इंडिया ब्रांड इक्विटी फाउंडेशन (आईबीईएफ) के आंकड़े के मुताबिक देश में इस समय करीब 10 लाख ऑनलाइन रिटेल कंपनियां काम कर रही हैं।
फ्लिपकार्ट को हालांकि छह अक्टूबर को आयोजित ‘बिग बिलियन डे’ सेल में शर्मिदगी का सामना करना पड़ा।
वेबसाइट पर विशाल पैमाने पर ग्राहकों के आ जाने से वेबसाइट कुछ समय के लिए ठप्प हो गया। कंपनी ने हालांकि यह भी बताया कि ऑफर शुरू होने के कुछ ही मिनटों के अंदर भारी बिक्री दर्ज की गई थी।
इस बिक्री से पारंपरिक खुदरा व्यापारी स्पब्ध रह गए। खुदरा व्यापारियों के संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स वाणिज्य मंत्रालय से ई-रिटेल क्षेत्र पर नियम कसने की मांग की, लेकिन कुछ प्रमुख उद्योग संघों द्वारा गैरजरूरी नियमन से बचने की सलाह के बाद यह मुद्दा ठंडा पड़ गया।
आने वाले वर्ष में कई पारंपरिक रिटेल कंपनियों के ई-रिटेल क्षेत्र में अपना तेज विस्तार करने की उम्मीद है।
इसके अलावा कुछ ई-रिटेल कंपनियां पूंजी जुटाने की अगली कवायद के तहत शेयर बाजारों में सूचीबद्ध भी हो सकती हैं।
2014 के कुछ प्रमुख घटनाक्रम बिंदुवार इस प्रकार हैं :
– अमेरिकी कंपनी अमेजन ने भारतीय ई-कॉमर्स क्षेत्र में दो अरब डॉलर निवेश करने की घोषणा की
– सॉफ्टबैंक ने स्नैपडील में 62.7 करोड़ डॉलर और ओला कैब्स में 21 करोड़ डॉलर का निवेश किया
– फ्लिपकार्ट में 1.7 अरब डॉलर पूंजी निवेश से कंपनी का बाजार मूल्य सात अरब डॉलर
– रिलायंस समूह ने यात्रा डॉट कॉम में अपनी हिस्सेदारी बेचकर शुरुआती निवेश को 12 गुना बढ़ाया
– पारंपरिक रिटेल कारोबारियों ने ई-रिटेल कारोबार पर नियमन सख्त करने की मांग की, लेकिन विशेषज्ञों की राय पर मुद्दा ठंडा रहा।
लाइफ स्टाइल
इन आयुर्वेदिक उपायों से बिना एक्सरसाइज भी कम कर सकते हैं वजन
नई दिल्ली। बढ़े हुए वजन से परेशान हर व्यक्ति उसे कम करने के कई तरीके अपनाता है। कुछ लोग एक्सरसाइज करके अपना वजन कम करते हैं, वहीं कुछ लोग डाइट में बदलाव करके। वजन घटाना एक स्लो प्रोसेस है लेकिन बहुत छोटी-छोटी चीजों में बदलाव करके आप वेट लॉस कर सकते हैं। जैसे, सुबह खाली आंवला जूस पीने से फायदा हो सकता है। वेट लॉस में आयुर्वेद का विशेष योगदान है। आप अपने खाने-पीने में कुछ बदलाव करके अपना वजन कम कर सकते हैं। कुछ मसाले ऐसे हैं, जो वजन कम करने में बहुत ही कारगर हैं।
हल्दी
हल्दी के बिना कोई भी भारतीय खाना अधूरा है। यह पीला मसाला भारतीय घरों में औषधीय और धार्मिक दोनों महत्व रखता है। हल्दी वेट लॉस प्रॉपर्टीज होती हैं। हल्दी शरीर के मेटाबॉलिज्म को बढ़ाती है, जो वजन कम करने वाले लोगों के लिए अच्छा संकेत है।
यह एंटीऑक्सिडेंट का भी एक अच्छा स्रोत है। आप हल्दी और काली मिर्च मिलाकर गर्म पानी ले सकते हैं। आप इसे एक गिलास दूध में भी मिलाकर सोने से पहले पी सकते हैं।
जीरा
वजन घटाने के लिए जीरे का इस्तेमाल किया जाता है। दाल और सब्जी में जीरे का इस्तेमाल करने से इसका स्वाद बढ़ जाता है। जीरा खाने को पचाने में मददगार है।
जीरा पेट में सूजन और गैस बनने से रोकने के लिए जाना जाता है। जीरे को पानी में भिगोकर सुबह सबसे पहले खाने से वजन कंट्रोल करने में मदद मिलती है।
काली मिर्च
काली मिर्च बॉडी से एक्सट्रा फैट को हटाने के लिए जानी जाती है। एक शोध के अनुसार, काली मिर्च में पाया जाने वाला पिपेरिन तत्व नई वसा कोशिकाओं के निर्माण के लिए भी मददगार है। खासतौर पर अगर आप बेली फैट की वजह से परेशान हैं, तो आपको खाने के ऊपर काली मिर्च जरूर छिड़कना चाहिए।
दालचीनी
खुशबूदार दालचीनी वेट लॉस में बहुत कारगर है। दालचीनी ब्लड शुगर लेवल को बैलेंस करती है और शरीर को भरा हुआ रखती है। इसे खाने से भूख भी कंट्रोल होती है।
आप इसे अपनी चाय में शामिल कर सकते हैं, या इसे अपने पैनकेक के साथ ले सकते हैं। आप दालचीनी का एक छोटा सा टुकड़ा भी चबा सकते हैं। यह स्वाद में मीठा होता है।
अदरक
अदरक डाइजेशन को बेहतर करता है और भूख को दबाता है। अदरक में एंटीऑक्सिडेंट के गुण पाए जाते हैं और इसमें सूजन को कम करने वाले तत्व भी होते हैं। अदरक से भूख में कमी आती है। आप अदरक को सब्जियों में भी डाल सकते हैं।
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