बिजनेस
औद्योगिक उत्पादन बढ़ा, उपभोक्ता महंगाई दर घटी
नई दिल्ली। औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के आधार पर मापी जाने वाली देश की औद्योगिक उत्पादन विकास दर जनवरी 2015 में साल-दर-साल आधार पर 2.6 फीसदी रही, जो एक साल पहले समान अवधि में 1.1 फीसदी थी। जबकि फरवरी 2015 में उपभोक्ता महंगाई दर साल-दर-साल आधार पर घटकर 5.37 फीसदी रही, जो एक साल पहले समान अवधि में 7.88 फीसदी थी। यह जानकारी गुरुवार को जारी आधिकारिक बयानों में दी गई।
आईआईपी के आंकड़ों के मुताबिक औद्योगिक उत्पादन मुख्यत: विनिर्माण क्षेत्र में 3.3 फीसदी और बिजली क्षेत्र में 2.7 फीसदी तेजी के कारण दर्ज की गई, जबकि इस दौरान खनन उत्पादन 2.7 फीसदी कम रहा। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) द्वारा जारी आंकड़े के मुताबिक, आलोच्य महीने में शहरी क्षेत्रों के लिए उपभोक्ता महंगाई दर 4.95 फीसदी रही और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए यह 5.79 फीसदी रही।
जनवरी 2015 महीने में उपभोक्ता महंगाई दर 5.19 फीसदी थी। फरवरी माह में खाद्य महंगाई दर 6.79 फीसदी रही। जनवरी 2015 के उपभोक्ता महंगाई दर के आखिरी आंकड़े के मुताबिक, शहरी क्षेत्र में जनवरी में उपभोक्ता महंगाई दर 4.96 फीसदी और गांवों में 5.34 फीसदी रही। जनवरी में खाद्य महंगाई दर 6.14 फीसदी रही। औद्योगिक उत्पादन में जनवरी में उल्लेखनीय 2.6 फीसदी वृद्धि दर्ज की गई। दिसंबर 2014 में औद्योगिक उत्पादन विकास दर 1.7 फीसदी रही, जो नवंबर 2014 में 3.8 फीसदी थी और अक्टूबर में हालांकि इसमें 4.2 फीसदी गिरावट रही थी। अप्रैल-जनवरी महीने की पूरी अवधि के लिए औद्योगिक उत्पादन विकास दर 2.5 फीसदी रही, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह दर 0.1 फीसदी रही थी।
जनवरी महीने में आधारभूत एवं पूंजीगत वस्तुओं में वृद्धि दर्ज की गई, जबकि इंटरमीडिएट वस्तुओं का उत्पादन कम रहा। आधारभूत वस्तुओं का उत्पादन 4.5 फीसदी बढ़ा, पूंजीगत वस्तुओं को उत्पादन 12.8 फीसदी बढ़ा, हालांकि इंटरमीडिएट वस्तुओं का उतपादन 0.8 फीसदी कम रहा।
उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं का उत्पादन 5.3 फीसदी कम रहा। उपभोक्ता गैर-टिकाऊ वस्तुओं का उत्पादन 0.1 फीसदी कम रहा। समग्र तौर पर उपभोक्ता वस्तुओं का उतपादन 1.9 फीसदी कम रहा। विनिर्माण क्षेत्र में कुल 22 उद्योगों में से 14 में उत्पादन में वृद्धि दर्ज की गई।
उत्पादन बढ़ने वाले उद्योगों में रहे ब्वॉयलर (20.8 फीसदी), कमरे में लगाए जाने वाले एयर कंडीशनर (23.4 फीसदी), चावल (25.6 फीसदी), कार्बन स्टील (29.4 फीसदी), केबल, रबर इंसुलेटेड (39.5 फीसदी), पीवीसी पाइप और ट्यूब (41.0 फीसदी), मॉल्डिंग मशीन सहित प्लास्टिक मशीनरी (41.1 फीसदी), रत्न और आभूषण (44.4 फीसदी) और स्टेनलेस/एलॉय स्टील (68.5 फीसदी)।
उत्पादन में गिरावट वाले उद्योगों में प्रमुख रहे रंगीन टीवी (20.6 फीसदी), लकड़ी के फर्नीचर (22.7 फीसदी), जनरेटर/अल्टरनेटर (23.4 फीसदी), स्टील स्ट्रक्च र्स (34.2 फीसदी), कंप्यूटर (39.7 फीसदी), ट्रैक्टर (40.6 फीसदी), जहाजों का निर्माण और मरम्मत (42.0 फीसदी) और दूरसंचार उपकरण (57.9 फीसदी)।
नेशनल
नोएल टाटा चुने गए रतन टाटा के उत्तराधिकारी, बने टाटा ट्रस्ट के नए चेयरमैन
नई दिल्ली। देश ही नहीं दुनिया के दिग्गज कारोबारी रतन टाटा ने दुनिया को अलविदा कह दिया है। उनके जाने के बाद लोगों के मन में यही सवाल था कि टाटा का अब अगला उत्तराधिकारी कौन होगा। अब इसका जवाब भी मिल गया है। रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल टाटा, टाटा ट्रस्ट के नए चेयरमैन होंगे। नोएल अभी तक टाटा के दोनों ट्रस्ट के ट्रस्टी थे, लेकिन वे अब चेयरमैन कहलाएंगे। आज सुबह टाटा ट्रस्ट की बोर्ड मीटिंग हुई और इसी में नोएल टाटा की नियुक्ति का फैसला लिया गया। इसके साथ ही अब नोएल दुनियाभर के 100 से ज्यादा देशों में फैले टाटा ग्रुप के कारोबार को संभालेंगे। इस जिम्मेदारी को निभाने में उनके तीनों बच्चे लिया, माया और नेविल सहयोग करेंगे, जो पहले से ही टाटा ग्रुप में अलग-अलग जिम्मेदारियां निभा रहे हैं।
नोएल टाटा को टाटा ग्रुप की विरासत को संभालने के लिए सबसे मजबूत दावेदार के तौर पर देखा जा रहा था। टाटा ग्रुप की कई कंपनियों में नोएल टाटा पहले से कामकाज देख रहे हैं और टाटा परिवार से भी हैं। नोएल फिलहाल Trent, Voltas, Tata Investment Corporation और Tata International के चेयरमैन हैं। वह टाटा स्टील और टाइटन में वाइस चेयरमैन भी हैं। ऐसा कहा जाता है कि नोएल और रतन टाटा के बीच कई सालों तक प्रोफेशनल रिश्ता था। नोएल को 2019 के आखिर में सर रतनजी टाटा ट्रस्ट का ट्रस्टी बनाया गया था और 2022 में वह सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट में शामिल हुए।
टाटा संस के पूर्व बोर्ड सदस्य आर गोपालकृष्णन ने नोएल को ‘बहुत अच्छा और समझदार आदमी’ बताया है। उन्होंने कहा, ‘वह ट्रस्ट के लिए बहुत अच्छा काम करेंगे। वे अपने व्यवसाय और उद्यमशीलता कौशल के साथ, टाटा ट्रस्ट को और आगे लेकर जाएंगे। नोएल टाटा, 2014 से ट्रेंट लिमिटेड के अध्यक्ष रहे हैं। इससे पहले उन्होंने 2010 से 2021 तक टाटा इंटरनेशनल लिमिटेड को लीड किया था।
रतन टाटा के सौतेले भाई हैं नोएल
बता दें कि 67 साल के नोएल टाटा, रतन टाटा के सौतेले भाई हैं। पिता नवल टाटा और सिमोन टाटा के बेटे हैं। क्योंकि रतन टाटा के अपने सगे भाई जिम्मी टाटा बिजनेस से दूर रहते हैं, इसलिए रतन टाटा के निधन के बाद नोएल टाटा को उनकी जगह पर चेयरमैन बनाया गया। नया पद मिलने से पहले नोएल टाटा दोनों ट्रस्टों के मेंबर थे। वर्तमान में टाटा ग्रुप की सबसे बड़ी कंपनी टाटा सन्स के चेयरमैन N चंद्रशेखरन हैं। ट्रेंट कंपनी की चेयरमैन नोएल टाटा की मां सिमोन टाटा हैं।
पूरे टाटा ग्रुप के ऊपर 2 ट्रस्ट हैं, जिनकी कमान टाटा परिवार के हाथ में ही रहती है। इन्हीं दोनों ट्रस्ट के चेयरमैन रतन टाटा थे और बुधवार रात रतन टाटा के निधन के बाद नोएल टाटा को चेयरमैन बना दिया गया है।
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