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नेशनल

कश्मीर में छिपे आतंकवादियों के खिलाफ अभियान फिर शुरू

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कश्मीरश्रीनगर, कश्मीर के पुलवामा जिले के पंपोर के पास सरकारी इमारत में छिपे आतंकवादियों के खिलाफ सुरक्षाबलों ने मंगलवार सुबह फिर अभियान शुरू कर दिया। जम्मू एवं कश्मीर उद्यमिता संस्थान (जेकेईडीआई) के भीतर छिपे आतंकवादियों की ओर से की गई गोलीबारी में दो सुरक्षाकर्मी और एक पुलिसकर्मी घायल हो गए।


एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, “इमारत में छिपे आतंकवादियों के खिलाफ अभियान दोबारा शुरू कर दिया गया है। रात के अंधेरे में आतंकवादियों के बचकर भाग निकलने की कोशिशों को असफल करने के लिए सुरक्षाकर्मियों ने फ्लडलाइट का इस्तेमाल किया।”

आतंकवादियों से निपटने के लिए रॉकेट और भारी स्वचालित बंदूकों का इस्तेमाल किया गया।

इस सात मंजिली सरकारी इमारत में 70 कमरे हैं और यह इमारत श्रीनगर से 12 किलोमीटर दूर झेलम नदी के किनारे पर स्थित है।

आतंकवादियों से लोहा लेने के लिए सेना, राज्य पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिसबल (सीआरपीएफ) के विशेष ऑपरेशन्स समूह ने संयुक्त अभियान शुरू किया।

श्रीनगर, कश्मीर के पुलवामा जिले के पंपोर के पास सरकारी इमारत में छिपे आतंकवादियों के खिलाफ सुरक्षाबलों ने मंगलवार सुबह फिर अभियान शुरू कर दिया। जम्मू एवं कश्मीर उद्यमिता संस्थान (जेकेईडीआई) के भीतर छिपे आतंकवादियों की ओर से की गई गोलीबारी में दो सुरक्षाकर्मी और एक पुलिसकर्मी घायल हो गए।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, “इमारत में छिपे आतंकवादियों के खिलाफ अभियान दोबारा शुरू कर दिया गया है। रात के अंधेरे में आतंकवादियों के बचकर भाग निकलने की कोशिशों को असफल करने के लिए सुरक्षाकर्मियों ने फ्लडलाइट का इस्तेमाल किया।”

आतंकवादियों से निपटने के लिए रॉकेट और भारी स्वचालित बंदूकों का इस्तेमाल किया गया।

इस सात मंजिली सरकारी इमारत में 70 कमरे हैं और यह इमारत श्रीनगर से 12 किलोमीटर दूर झेलम नदी के किनारे पर स्थित है।

आतंकवादियों से लोहा लेने के लिए सेना, राज्य पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिसबल (सीआरपीएफ) के विशेष ऑपरेशन्स समूह ने संयुक्त अभियान शुरू किया।

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उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ किसानों के मुद्दे पर केंद्र सरकार से नाराज

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नई दिल्ली। किसानों के मुद्दे पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ नाराज हैं। उन्होंने केंद्र सरकार से इस मामले पर सीधा सवाल पूछा है। उन्होंने कहा, ‘मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि किसान से वार्ता क्यों नहीं हो रही है। हम किसान को पुरस्कृत करने की बजाय, उसका सही हक भी नहीं दे रहे हैं।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने क्या कहा?

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा, ‘कृषि मंत्री जी, एक-एक पल आपका भारी है। मेरा आप से आग्रह है कि कृपया करके मुझे बताइये। क्या किसान से वादा किया गया था? किया गया वादा क्यों नहीं निभाया गया? वादा निभाने के लिए हम क्या कर रहे हैं?’

उन्होंने कहा, ‘गत वर्ष भी आंदोलन था, इस वर्ष भी आंदोलन है। कालचक्र घूम रहा है, हम कुछ कर नहीं रहे हैं। पहली बार मैंने भारत को बदलते हुए देखा है। पहली बार मैं महसूस कर रहा हूं कि विकसित भारत हमारा सपना नहीं लक्ष्य है। दुनिया में भारत कभी इतनी बुलंदी पर नहीं था। जब ऐसा हो रहा है तो मेरा किसान परेशान और पीड़ित क्यों है? किसान अकेला है जो असहाय है।

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