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कोलकाता को हराकर चौथी बार फाइनल में पहुंचा मुंबई

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बेंगलुरू। मुंबई इंडियंस ने शुक्रवार को हुए एकतरफा दूसरे क्वालीफायर मुकाबले में कोलकाता नाइट राइडर्स को छह विकेट से हराकर चौथी बार इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के फाइनल में प्रवेश कर लिया है। फाइनल मुकाबला रविवार को बेंगलुरू में होगा। फाइनल में मुम्बई के सामने होगी राइजिंग पुणे सुपरजाएंट टीम, जिसने पहले क्वालीफायर में उसे हराते हुए पहली बार इस लीग के फाइनल में कदम रखा है।

एम.चिन्नास्वामी स्टेडियम में मुंबई के कप्तान रोहित शर्मा ने टॉस जीत गेंदबाजी चुनी। उनके गेंदबाजों ने कप्तान के फैसले को जायज ठहराया और कोलकाता को 18.5 ओवरों में 107 रनों पर ही समेट दिया। इसके बाद 14.3 ओवरों में चार विकेट खोकर लक्ष्य हासिल कर लिया।

कोलकाता को इस स्कोर तक समेटने में मैन ऑफ द मैच कर्ण शर्मा के चार विकटों की अहम भूमिका रही। उन्होंने कोलकाता के मुख्य बल्लेबाजों के विकेट लेकर उसे संकट में डाला जिससे वह कभी उबर नहीं पाई। उनके अलावा जसप्रीत बुमराह ने भी तीन अहम विकेट लिए।

फाइनल में रविवार को मुंबई का सामना पहली बार फाइनल में पहुंची राइजिंग पुणे सुपरजाएंट से होगा। यह दोनों टीमें पहले क्वालीफायर में भिड़ चुकी हैं जहां पुणे ने मुंबई को मात दी थी। मुंबई दो बार आईपीएल का खिताब जीत चुकी है।

मुंबई की शुरुआत भी अच्छी नहीं रही थी और मामूली से लक्ष्य का पीछा करते हुए उसने अपने तीन अहम विकेट 34 के कुल स्कोर पर ही खो दिए थे। लेडल सिमंस (3) और अंबाती रायडू (6) को पीयूष चावला ने अपना शिकार बनाया तो उमेश यादव ने पार्थिव पटेल (14) को आउट किया।

लेकिन कप्तान रोहित (26) ने अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभाया और क्रुणाल पांड्या (नाबाद 45) के साथ तीसरे विकेट के लिए 54 रनों की साझेदारी कर टीम को जीत के करीब पहुंचा दिया। इसी बीच रोहित 88 के कुल स्कोर पर नाथन कल्टर नाइल की गेंद पर अंकित राजपूत को कैच दे बैठे। उन्होंने क्रुणाल के साथ 6.4 ओवरों में 8.10 की औसत से रन जोड़े।

कप्तान के जाने के बाद क्रुणाल ने केरन पोलार्ड (नाबाद 9) के साथ जीत की औपचारिकता को पूरा कर मुंबई को फाइनल में पहुंचाया। क्रुणाल ने 30 गेंदे खेलीं और आठ चौके लगाए।

इससे पहले, कोलकाता के बल्लेबाज कर्ण की फिरकी में फंस कर रह गए। उनकी अगुआई में मुंबई के गेंदबाजों ने कोलकाता को बड़ा स्कोर करने से रोक दिया। कर्ण ने अपने कोटे के चार ओवरों में महज 16 रन दिए। बुमराह, कर्ण से ज्यादा किफायती साबित हुए। उन्होंने तीन ओवर डाले जिसमें से एक मेडन रहा और कुल सात रन खर्च किए। मिशेल जॉनसन को दो और लसिथ मलिंगा को एक सफलता मिली।

मुंबई के गेंदबाजों ने कोलकाता के बल्लेबाजों को बड़े शॉट खेलने से रोके रखा और साथ ही लगातार अंतराल पर विकेट लेकर उसे सस्ते में समेट दिया। कोलकाता के सिर्फ चार बल्लेबाज ही दहाई के आंकड़े तक पहुंच सके।

इशांक जग्गी और सूर्यकुमार यादव के बीच छठे विकेट के लिए 56 रनों की साझेदारी की बदौलत कोलकाता की टीम 100 का आंकड़ा पार कर सकी।

पारी की शुरुआत करने आए विस्फोटक बल्लेबाज क्रिस लिन (4) को बुमराह ने दूसरे ओवर में ही पवेलियन भेज दिया। सुनील नरेन का बल्ल भी शांत रहा और वह कर्ण की गेंद पर पटेल के हाथों स्टम्प होकर पवेलियन लौटे। नरेन ने 10 गेंदों में 10 रन बनाए।

नरेन के आउट होने के एक रन बाद ही बुमराह ने रॉबिन उथप्पा (1) को पगबाधा किया। कप्तान गौतम गंभीर 12 रन बनाकर कर्ण की गेंद पर हार्दिक पांड्या को कैच दे बैठे। गंभीर का विकेट 31 के कुल स्कोर पर गिरा। इसी स्कोर पर कर्ण की गेंद पर कोलिन डी ग्रांडहोमे को पगबाधा करार दे दिया गया।

कोलकाता 31 रनों पर अपने प्रमुख पांच विकेट खोकर गंभीर संकट में था। ऐसे में जग्गी (28) और सूर्यकुमार (31) ने छठे विकेट के लिए अर्धशतकीय साझेदारी कर टीम को कुछ राहत दी।

कर्ण एक बार फिर अपनी फिरकी से मुंबई को विकेट दिलाने में कामयाब रहे। 87 के कुल स्कोर पर उन्होंने जग्गी को पवेलियन की रहा दिखाई। पीयूष दो और नाइल छह रनों का ही योगदान दे सके। सूर्यकुमार ने टीम का आंकड़ा 100 के पार पहुंचाया ही था कि एक रन बाद बुमराह ने उनकी पारी का अंत कर दिया।

विकेट से महरूम चल रहे मलिंगा ने अंकित (4) को बोल्ड कर अपना खाता खोला और कोलकाता की पारी का अंत किया।

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स्वच्छ, सुरक्षित और सुव्यवस्थित महाकुम्भ के लिए प्रधानमंत्री जी देंगे ₹7000 करोड़ से अधिक का उपहार: मुख्यमंत्री

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प्रयागराज- विश्व के सबसे बड़े आध्यत्मिक-सांस्कृतिक समागम ‘प्रयागराज महाकुम्भ’ के औपचारिक शुभारंभ से पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रयागराज को ₹7000 करोड़ से अधिक का उपहार भेंट करने जा रहे हैं। 13 दिसंबर को प्रधानमंत्री का प्रयागराज दौरा प्रस्तावित है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री जी पावन त्रिवेणी संगम का पूजन कर नवनिर्मित भरद्वाज आश्रम कॉरीडोर और श्रृंगवेरपुर धाम कॉरीडोर का लोकार्पण करेंगे।

शनिवार को प्रयागराज पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 13 दिसंबर के कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2019 के कुम्भ में राज्य सरकार ने अपने मद से 2406.65 करोड़ का व्यय किया था। पूरी दुनिया में इस महाआयोजन के प्रबंधन की प्रशंसा हुई थी। तीर्थयात्रियों की सुविधा और ‘सनातन गर्व महाकुम्भ’ की महत्ता के दृष्टिगत इस बार इसे और विस्तार दिया गया है। इस वर्ष महाकुम्भ के लिए राज्य सरकार की ओर से 5496.48 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है, जबकि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने अतिरिक्त 2100 करोड़ रुपये का सहयोग प्रदान किया है। बजट की कोई कमी नहीं है, इसलिए व्यवस्था में कहीं किसी प्रकार का अभाव नहीं होना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि विभिन्न राज्यों की ओर से महाकुम्भ में अपने शिविर स्थापित करने के अनुरोध मिल रहे हैं, इस संबंध में यथोचित निर्णय तत्काल हो जाए। इसी प्रकार, महाकुंभ के दौरान ब्रह्मलीन होने वाले साधु-संतों की समाधि के लिए प्रयागराज में भूमि आरक्षित कर दी जाए।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि 2019 कुंभ में कुल 5,721 संस्थाओं का सहयोग लिया गया था, जबकि महाकुंभ में लगभग 10 हजार संस्थाएं एक उद्देश्य के साथ कार्य कर रही हैं। 4000 हेक्टेयर में विस्तारित 25 सेक्टरों में बंटे महाकुंभ मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत सभी आवश्यक प्रबंध किए जा रहे हैं। 12 किमी लंबाई के घाट, 1850 हेक्टेयर में पार्किंग, 450 किमी चकर्ड प्लेट, 30 पांटून पुल, 67 हजार स्ट्रीट लाइट, 1,50,000 शौचालय, 1,50,000 टेंट के साथ ही 25 हजार से अधिक पब्लिक एकोमडेशन की व्यवस्था की जा रही है। पौष पूर्णिमा, मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या, बसंत पंचमी, माघ पूर्णिमा और महाशिवरात्रि के विशेष स्नान पर्व पर सुरक्षा और सुविधा के लिए विशेष कार्ययोजना तैयार की गई है। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि महाकुम्भ में हर श्रद्धालु को अविरल-निर्मल गंगा में स्नान सुलभ हो, इसके लिए राज्य सरकार संकल्पित है। नदी में जीरो डिस्चार्ज सुनिश्चित किया जा रहा है।

जारी निर्माण परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सूबेदारगंज ब्रिज, हनुमान मंदिर (फेज-1) सभी चिह्नित 16 क्रिटिकल रोड से जुड़े कार्य, रिवर फ्रंट रोड, फाफामऊ-सहसो रोड, सभी 04 थीम आधारित गेट, 84 स्तंभ, मनकामेश्वर मंदिर और अलोपशंकरी मंदिर के अधूरे कार्य प्रत्येक दशा में 10 दिसंबर तक पूरे हो जाने चाहिए। मुख्यमंत्री ने जोर देते हुए कहा कि टाइमलाइन के दबाव में कार्य की गुणवत्ता से समझौता नहीं होना चाहिए।

रेलवे के प्रतिनिधियों से संवाद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकुम्भ में आने वाले तीर्थयात्री और पर्यटक काशी और अयोध्याधाम का भी दर्शन करने जाएंगे। इसके अलावा, चित्रकूट की ओर भी बड़ी संख्या में लोगों के जाने की संभावना है। ऐसे में इन पवित्र स्थलों को कनेक्ट करते हुए ट्रेनों की उपलब्धता की जानी चाहिए।

मुख्यमंत्री ने महाकुम्भ से जुड़ी तैयारियों के लिए डेडलाइन तय करते हुए निर्देश दिया कि 10 दिसंबर तक सारे काम पूरे कर लिए जाएं। उन्होंने कहा कि महाकुम्भ विश्व को सनातन भारतीय संस्कृति से साक्षात्कार कराने का सुअवसर है। यह स्वच्छता, सुरक्षा और सुविधा का मानक भी होगा। सीएम योगी ने निर्देश दिया कि महाकुम्भ को देखते हुए 7000 से अधिक बसें लगाई जाएंगी। यहां डेढ़ लाख से अधिक शौचालय स्थापित किए जाएंगे। स्वच्छता पर जोर देते हुए सीएम ने निर्देश दिया कि 10 हजार कर्मचारियों की तैनाती कर यहां की सफाई व्यवस्था को सुदृढ़ बनाए रखा जाए।

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