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गुजरात में खिल गया ‘कमल’, ‘पंजा’ नहीं दिखा सका जोर

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गांधीनगर। गुजरात में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अपनी सत्ता बरकरार रखने में सफल रही है। कांग्रेस ने हालांकि यहां पांच वर्ष पूर्व हुए विधानसभा चुनाव के मुकाबले अपने आंकड़ों में सुधार किया है। निर्वाचन आयोग की वेबसाइट के अनुसार, भारतीय जनता पार्टी ने कुल 99 सीटों पर जीत दर्ज की है और कांग्रेस ने यहां 77 सीटों पर जीत मिली।

निर्दलीयों ने तीन, भारतीय ट्रायबल पार्टी को दो व राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को एक सीट मिली है। भाजपा ने पूरे गुजरात व दिल्ली में जीत की खुशी मनाई, हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ताबड़तोड़ चुनावी अभियान के बावजूद पार्टी भाजपा अध्यक्ष अमित शाह द्वारा गुजरात में 150 सीटें जीतने के दावे से बहुत दूर रह गई और पार्टी यहां संभवत: 2012 के विधानसभा चुनाव से 16 सीटें कम जीत पाई है।

कांग्रेस ने अपने नवनियुक्त पार्टी अध्यक्ष की अगुवाई में पूरे गुजरात में चुनाव प्रचार करने के बाद यहां 77 सीट जीतने में सफल हो पाई है, जोकि पिछले विधानसभा चुनाव से ज्यादा है। संसद के बाहर मोदी ने जीत का निशान (वी साइन) दिखाया। मोदी ने बाद में ट्वीट किया कि नतीजे बताते हैं कि लोगों ने गुजरात विकास मॉडल को अपनाया है।

चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, भाजपा के वोट प्रतिशत में भी यहां कमी दर्ज की गई है। भाजपा को यहां 2014 लोकसभा चुनाव में 60.11 प्रतिशत मत मिले थे, वहीं इस चुनाव में भाजपा का मत प्रतिशत घटकर 49.1 प्रतिशत रह गया है।

पाटीदार नेता हार्दिक पटेल, दलित नेता जिग्नेश मेवानी और ओबीसी नेता अल्पेश ठाकोर से हाथ मिला कर कांग्रेस के मत प्रतिशत में इजाफा हुआ है। पार्टी ने 2014 लोकसभा चुनाव में यहां 33.45 प्रतिशत मत पाए थे, जबकि इस चुनाव में पार्टी को 41.4 प्रतिशत मत मिले हैं।

केंद्रीय सूचना व प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी ने गुजरात जीत पर कहा, “जो जीता वही सिकंदर।” भाजपा हालांकि राज्य की 182 सदस्यीय विधानसभा में 99 सीटों के साथ सरकार आसानी से बना लेगी। सदन में बहुमत के लिए 92 सीटों की जरूरत है।

मुख्यमंत्री विजय रूपानी (राजकोट पश्चिम) और उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल (मेहसाणा) एक वक्त कांग्रेस उम्मीदवारों से पिछड़ते दिखाई दे रहे थे, लेकिन बाद में दोनों ने बढ़त बनाई। मुख्यमंत्री रूपानी ने 53,755 मतों के अंतर से तथा पटेल ने 7,137 मतों से जीत दर्ज की।

भाजपा अध्यक्ष बार-बार दावा करते रहे हैं कि पार्टी 150 सीटें जीतेगी। एक समय ऐसा भी आया, जब कांग्रेस ने भाजपा पर बढ़त बना ली थी और इससे उत्साहित और खुश कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अहमदाबाद और गांधीनगर में जश्न मनाना शुरू कर दिया। लेकिन कांग्रेस का जश्न थोड़े देर ही टिक सका।
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने नई दिल्ली में कहा, “हम गुजरात और हिमाचल प्रदेश दोनों राज्यों में सरकार बनाएंगे।” इससे पहले कांग्रेस प्रवक्ता शोभा ओझा ने पार्टी के जीतने की उम्मीद जताई थी। उन्होंने कहा, “लोग गुजरात में भाजपा के 22 साल के कुशासन से थक गए हैं। भाजपा जिस गुजरात मॉडल की छाती ठोककर बात करती है, उसने गुजरात में काम नहीं किया। हमें विश्वास है कि हम गुजरात में सरकार बनाएंगे।”

भाजपा ने दक्षिण गुजरात, मध्य गुजरात और उत्तर गुजरात में बेहतर प्रदर्शन किया है। कांग्रेस ने सौराष्ट्र में अच्छा प्रदर्शन किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद गुजरात में पहली बार विधानसभा चुनाव हुआ है।

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उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ किसानों के मुद्दे पर केंद्र सरकार से नाराज

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नई दिल्ली। किसानों के मुद्दे पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ नाराज हैं। उन्होंने केंद्र सरकार से इस मामले पर सीधा सवाल पूछा है। उन्होंने कहा, ‘मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि किसान से वार्ता क्यों नहीं हो रही है। हम किसान को पुरस्कृत करने की बजाय, उसका सही हक भी नहीं दे रहे हैं।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने क्या कहा?

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा, ‘कृषि मंत्री जी, एक-एक पल आपका भारी है। मेरा आप से आग्रह है कि कृपया करके मुझे बताइये। क्या किसान से वादा किया गया था? किया गया वादा क्यों नहीं निभाया गया? वादा निभाने के लिए हम क्या कर रहे हैं?’

उन्होंने कहा, ‘गत वर्ष भी आंदोलन था, इस वर्ष भी आंदोलन है। कालचक्र घूम रहा है, हम कुछ कर नहीं रहे हैं। पहली बार मैंने भारत को बदलते हुए देखा है। पहली बार मैं महसूस कर रहा हूं कि विकसित भारत हमारा सपना नहीं लक्ष्य है। दुनिया में भारत कभी इतनी बुलंदी पर नहीं था। जब ऐसा हो रहा है तो मेरा किसान परेशान और पीड़ित क्यों है? किसान अकेला है जो असहाय है।

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