प्रादेशिक
चर्च में चोरी, ईसाई समुदाय ने निशाना बनाने का लगाया आरोप
नई दिल्ली| राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के एक चर्च से कुछ धार्मिक वस्तुओं और डीवीडी प्लेयर की चोरी का मामला प्रकाश में आया है। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि चर्च से पवित्र परमप्रसाद-पात्र और ग्लास सहित कुछ और चीजें गायब हैं। ये चीजें ताला जड़े लड़की के संदूक में से चोरी की गई और कुछ चीजों को नष्ट भी कर दिया गया। चर्च प्रशासन ने हालांकि यह दावा किया है कि यह मामला सिर्फ मामूली चोरी का नहीं है। बीते दो महीनों में दिल्ली में चर्चो को निशाना बनाए जाने की यह पांचवीं घटना है।
चोरी और तोड़फोड़ की यह वारदात दक्षिणी दिल्ली के वसंत कुंज इलाके स्थित संत अल्फोंसा चर्च में हुई। फादर विंसेंट सेल्वातोरे ने बताया कि कुछ लोग चर्च के अंदर घुसे थे। वे चर्च की पवित्र वस्तुएं और डीवीडी प्लेयर उठाकर ले गए, लेकिन दानपात्र को हाथ नहीं लगाया। पुलिस को वारदात की सूचना सोमवार सुबह मिली। सबसे पहले चर्च के गार्ड ने मुख्य फाटक खुला पाने के बाद दूसरों को इसकी सूचना दी।
पुलिस ने बताया कि चर्च के आसपास रहने वाले कुछ लोगों से उन्होंने पूछताछ की है और चर्च के पास वाले सीसीटीवी कैमरे की फुटेज भी ले ली है। ईसाई समुदाय के सदस्यों ने मांग की है कि पुलिस चोरी के अलावा दूसरे संभावित दृष्टिकोणों से भी मामले की जांच करे। दिल्ली आर्चडायसिस के प्रवक्ता सवारी मुथु शंकर ने कहा, “हमलावरों का इरादा सिर्फ चोरी का नहीं था। हमने पुलिस से मांग की है कि मामले की सभी दृष्टिकोणों से जांच की जाए।”
ऑल इंडिया कैथोलिक यूनियन के पूर्व अध्यक्ष जॉन दयाल ने बताया कि कोई हमारे ईसाई समुदाय को निशाना बनाने की कोशिश कर रहा है। चूंकि चुनाव का माहौल है, तो इसे दूसरे आयामों से देखा जा रहा है। इससे पहले 15 जनवरी को तीन लोगों को पश्चिमी दिल्ली के एक चर्च में तोड़फोड़ करने के अपराध में गिरफ्तार किया गया था। चर्च परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरे में अपराधियों की हरकत कैद हुई थी, जिसके आधार पर उनकी पहचान की गई थी।
उत्तर प्रदेश
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक एक्शन मोड में, स्वास्थ्य विभाग के कई अधिकारियों पर गिरी गाज
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने स्वास्थ्य विभाग में गंभीर अनियमितताओं के चलते कड़ी कार्रवाई की है. लगातार मिल रही शिकायतों के बाद श्रावस्ती के मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. अजय प्रताप सिंह को निलंबित कर दिया गया है. डिप्टी सीएम ने इस संबंध में चिकित्सा स्वास्थ्य महानिदेशालय से संबंधित अधिकारियों को जांच करने के निर्देश भी दिए थे.
शिकायतों के कारण हुई कार्रवाई
शिकायतों में यह आरोप लगाए गए थे कि डॉ. अजय प्रताप सिंह ने अवैध निजी अस्पतालों पर प्रभावी नियंत्रण नहीं किया, टेंडरों में अनियमितताएं कीं, बायो मेडिकल वेस्ट का सही तरीके से निस्तारण नहीं किया और उच्च आदेशों की अवहेलना की. इन शिकायतों के आधार पर डॉ. सिंह को निलंबित कर दिया गया.
फतेहपुर और सुल्तानपुर में भी कार्रवाई
इसके साथ ही, फतेहपुर में तैनात चिकित्सक डॉ. पुण्ड्रीक कुमार गुप्ता को भी निलंबित कर सिद्धार्थनगर के सीएमओ कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया है. उनका एक ऑडियो वायरल हुआ था, जिसमें उन्होंने सरकार और प्रशासन के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की थी.
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