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वृन्दावन: प्रेम मन्दिर में जेकेपी ने किया विधवा भोज का आयोजन

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वृन्दावन। वेदव्यास ने अट्ठारह पुराणों का मंथन करने के पश्चात् अन्त में दो ही बातों को समस्त शास्त्रों-वेदों का सार बताया है कि परोपकार अर्थात् किसी दूसरे जीव के लिये दया भाव से उसके हित के लिये किये गये कार्य से बड़ा संसार में कोई पुण्य नहीं है एवं किसी जीव को दुःखी करने से बढ़कर संसार में कोई पाप नहीं होता। परोपकार शब्द केवल भगवान् एवं महापुरुषों के लिये ही प्रयोग करना सर्वथा उचित है।

रामचरितमानस में तुलसीदास जी ने कहा है कि भूर्ज तरु सम सन्त कृपाला परहित सह नित विपति विशाला अर्थात् महापुरुष अनेक Vidhwa Bhoj at Prem Mandirविपत्तियाँ सहकर भी बिना किसी कारण के दूसरों पर सदा कृपा की वर्षा करते ही रहते हैं, क्योंकि वो स्वयं के लिये कुछ कर ही नहीं सकते, वो जो कुछ भी करेंगे, वो दूसरों के कल्याण के लिये ही करेंगे। अतः केवल भगवान् और महापुरुष ही परोपकार कर सकते हैं।

इसी परम्परा का निर्वाह करते हुये संत शिरोमणि जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज अपने अकारण करुणा के स्वभाववश, आध्यात्मिक एवं भौतिक दोनों ही प्रकार से जीवों का कल्याण किया। जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज ने समस्त विश्व के मनुष्यों के कल्याणार्थ एक वृहद्, धर्म निरपेक्ष, अन्तर्राष्ट्रीय, आध्यात्मिक संस्था जगद्गुरु कृपालु परिषत् की स्थापना की है।

श्री महाराज जी की पावन प्रेरणा से जगद्गुरु कृपालु परिषत् द्वारा समय-समय पर अनेक दानादि के कार्य किये जाते हैं। वर्तमान समय में परिषत् द्वारा मनगढ़, बरसाना एवं वृन्दावन में धर्मार्थ चिकित्सालय चल रहे हैं, जहाँ उपचार व औषधि निःशुल्क प्रदान की जाती हैं।

Vidhwa Bhoj at Prem Mandir -जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज की सुपुत्रियाँ सुश्री डा. विशाखा त्रिपाठी, सुश्री डा. श्यामा त्रिपाठी एवं सुश्री डा. कृष्णा त्रिपाठी; जो जगद्गुरु कृपालु परिषत् की अध्यक्षायें हैं, उनके द्वारा जगद्गुरु कृपालु परिषत् का संचालन अत्यन्त कुशल रूप से किया जा रहा है। तीनों अध्यक्षाओं ने उच्च शिक्षा प्राप्त करने के उपरान्त अपना सम्पूर्ण जीवन गुरु सेवा को समर्पित करते हुये अपने जगद्गुरु पिता के समाज सेवा के कार्यों में पूर्ण रूपेण सहयोग प्रदान किया है एवं उन सेवा कार्यों को आगे बढ़ाने के लिये भगीरथ प्रयत्न कर रही हैं।

इसी क्रम में जगद्गुरु कृपालु परिषत् की अध्यक्षाओं के नेतृत्व में आज एक दिसम्बर को वृन्दावन में स्थित प्रेम मन्दिर प्रांगण में विशाल विधवा भोज का आयोजन किया गया, जिसमें लगभग चार हजार (4,000) विधवाओं के भोज आदि की व्यवस्था की गई।

इस भोज में विधवाओं को ससम्मान भोजन स्थल पर लाया गया। जो चलने में असमर्थ थीं, उन्हें व्हील चेयर पर बिठाकर भोजन स्थल पर ले जाने की व्यवस्था की गई। सम्मानपूर्वक भोजन कराने के उपरान्त उनके आगमन पर उनको दानस्वरूप दैनिक उपयोग में आने वाली अनेक सामग्रियों से भरा एक-एक बड़ा बैग दिया गया। विधवाओं ने बताया कि समय-समय पर हमें जगद्गुरु कृपालु परिषत् द्वारा अनेक प्रकार की सहायता प्रदान की जाती है।

उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग का प्रस्ताव- पुरुष दर्जी नहीं ले सकेंगे महिलाओं की माप, जिम में महिला ट्रेनर जरुरी

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लखनऊ। अगर आप महिला हैं तो ये खबर आपके लिए है। दरअसल, यूपी में महिलाओं की सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए उ.प्र. राज्य महिला आयोग ने कुछ अहम फैसले लिए हैं जिसे जानना आपके लिए बेहद ज़रूरी हैं। शुक्रवार को आयोग की बैठक सम्पन्न हुई। इस दौरान महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कई अहम फैसले लिए गए। जो की इस प्रकार हैं।

1- महिला जिम/योगा सेन्टर में, महिला ट्रेनर होना चाहिए तथा ट्रेनर एवं महिला जिम का सत्यापन अवश्य करा लिया जाये।

2-महिला जिम/योगा सेन्टर में प्रवेश के समय अभ्यर्थी के आधार कार्ड/निर्वाचन कार्ड जैसे पहचान पत्र से सत्यापन कर उसकी छायाप्रति सुरक्षित रखी जाये।

3- महिला जिम/योगा सेन्टर में डी.वी.आर. सहित सी.सी.टी.वी. सक्रिय दशा में होना अनिवार्य है।

4. विद्यालय के बस में महिला सुरक्षाकर्मी अथवा महिला टीचर का होना अनिवार्य है।

5. नाट्य कला केन्द्रों में महिला डांस टीचर एवं डी.वी.आर सहित सक्रिय दशा में सी.सी.टी.वी. का होना अनिवार्य है।

6. बुटीक सेन्टरों पर कपड़ों की नाप लेने हेतु महिला टेलर एवं सक्रिय सी.सी.टी.वी. का होना अनिवार्य है।

7. जनपद की सभी शिक्षण संस्थाओं का सत्यापन होना चाहिये।

8. कोचिंग सेन्टरों पर सक्रिय सी.सी.टी.वी. एवं वाशरूम आदि की व्यवस्था अनिवार्य है।

9. महिलाओं से सम्बन्धित वस्त्र आदि की ब्रिकी की दुकानों पर महिला कर्मचारी का होना अनिवार्य है।

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