Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

जल्द ही एकीकृत ऊर्जा नीति पेश करेगा नीति आयोग

Published

on

Arvind-Panagariya

Loading

नई दिल्ली। नीति आयोग जल्द ही एक एकीकृत नीति पेश करने जा रहा है, जिसमें देश में ऊर्जा की मांग पूरी करने की रूपरेखा पेश की जाएगी। यह घोषणा सोमवार को की गई। नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने कहा कि हमारी एक राष्ट्रीय ऊर्जा नीति होगी। हम विभिन्न मंत्रालयों के अपने सहकर्मियों से बात कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि नीति तैयार करने में बिजली, कोयला और तेल जैसे विभिन्न मंत्रालयों से विचार-विमर्श किया जाएगा। अभी देश की कुल स्थापित बिजली उत्पादन क्षमता 2,50,000 मेगावाट है। सरकार ने 2022 तक नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से 1,75,000 मेगावाट उत्पादन क्षमता हासिल करने का लक्ष्य रखा है, जिसमें एक लाख मेगावाट सौर ऊर्जा शामिल है। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने भी कहा कि देश के लिए एक एकीकृत ऊर्जा नीति कपोल कल्पना नहीं है। इसके लिए हम सभी हित धारकों से बात करेंगे और देश के ऊर्जा भविष्य पर भी गौर करेंगे।

नेशनल

कौन है नारायण सिंह चौरा ? जिसने पूर्व मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल की हत्या करने का प्रयास किया

Published

on

Loading

अमृतसर। शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल को बुधवार को पंजाब के अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के बाहर ‘सेवादार’ की ड्यूटी करते समय एक शख्स ने गोली मार दी। गोली दीवार पर लगने से व्हीलचेयर पर बैठे सुखबीर सिंह बादल बाल बाल बच गये। आखिर किस शख्स ने सुखबीर सिंह बादल पर गोली चलाई और उसका मकसद क्या था। तो बता दें कि फायरिंग करने वाले शख्स का नाम नारायण सिंह चौरा है जिसने गोली चलाई जिससे हड़कंप मच गया और तुरंत ही स्वर्ण मंदिर के बाहर खड़े कुछ लोगों ने उसे पकड़ लिया।

कौन हैं नारायण सिंह चौरा?

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, नारायण सिंह चौरा एक खालिस्तानी पूर्व आतंकवादी है, जिस पर पहले भी कई मामले दर्ज हुए हैं और वह भूमिगत रहा है। चौरा, कुछ वर्षों तक पंथिक नेता के रूप में सक्रिय था, वह डेरा बाबा नानक क्षेत्र से हैं। मंगलवार को वह सफेद कुर्ता-पायजामा पहनकर सुखबीर बादल के पास घूमता भी दिखाई दिया था। वह बुड़ैल जेलब्रेक का मास्टरमाइंड था। चौरा ने बब्बर खालसा इंटरनेशनल के आतंकवादियों जगतार सिंह हवारा और परमजीत सिंह भियोरा को उनके दो साथियों जगतार सिंह तारा और देवी सिंह के साथ बुड़ैल जेल से भागने में मदद की थी। उसने जेल की बिजली सप्लाई काफी देर के लिए बंद कर दी थी।

जानिए पाकिस्तान से चौरा का कनेक्शन

कथित तौर पर नारायण सिंह चौरा 1984 में पंजाब में आतंकवाद के शुरुआती चरण के दौरान पाकिस्तान भाग गया था। वहां उसने भारत में हथियारों और विस्फोटकों की बड़ी खेप की तस्करी में अहम भूमिका निभाई। पाकिस्तान में, उन्होंने कथित तौर पर गुरिल्ला युद्ध और देशद्रोही साहित्य पर एक किताब भी लिखी थी। चौरा पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह हत्याकांड में संदिग्ध था।

Continue Reading

Trending