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बिजनेस

जेटली आज सरकारी बैंकों के कामकाज की समीक्षा करेंगे

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जेटली नई दिल्ली| केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली शुक्रवार को सरकारी बैंकों के तिमाही कामकाज की समीक्षा करेंगे। वह सिर्फ विभिन्न वित्तीय समेकित योजनाओं की समीक्षा ही नहीं, बल्कि पूरी बैंकिंग प्रणाली पर भी गौर फरमाएंगे। अधिकारियों का कहना है कि इस बैठक में छह जून को हुई पिछली समीक्षा बैठक के सुझावों पर भी विचार किया जाएगा। पिछली बैठक में गैर निष्पादित संपत्तियों, बुरे कर्ज, कर्ज और बैंकों के विस्तार एवं संकुचन आदि की समीक्षा की गई थी।

बैठक में इस बात पर भी विचार किया जाएगा कि किस तरह बैंकिंग प्रणाली को सशक्त बनाया जाए। इसके साथ ही जरूरी मुददें पर तीव्र गति से फैसले लेने को भी प्रोत्साहन देने पर विचार-विमर्श होगा।

जेटली ने पिछली बैठक के बाद कहा था, “बैंकों को सशक्त बनाने, एक अनुकूल माहौल में कामकाज करने के लिए विभिन्न सुझाव आए हैं। सरकार इस संदर्भ में बैंकों को सहयोग देने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।”

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फिनटेक फर्म भारतपे और अशनीर ग्रोवर के बीच विवाद खत्म, दोनों पक्षों में हुआ समझौता

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नई दिल्ली। फिनटेक फर्म भारतपे और उसके पूर्व को-फाउंडर अशनीर ग्रोवर के बीच समझौता हो गया है। इस समझौते के साथ ही दोनों के बीच लंबे समय से चला आ रहा विवाद भी खत्म हो गया है। फिनटेक कंपनी भारतपे ने सोमवार को कहा कि उसके पूर्व सह-संस्थापक अशनीर ग्रोवर किसी भी रूप में कंपनी से नहीं जुड़ेंगे और न ही उनके पास कंपनी के कोई शेयर होंगे। भारतपे ने बयान में कहा कि भारतपे ने अपने पूर्व सह-संस्थापक अशनीर ग्रोवर के साथ एक निश्चित समझौता किया है। यानी कुल मिलाकर अब विवाद पर पूर्ण विराम लग गया है.

बता दें कि विवादों के चलते मार्च 2022 में अशनीर को कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स से निकाल दिया गया था। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ दायर कानूनी मामलों को वापस लेने का फैसला लिया है। भारतपे ने इस मामले में एक बयान जारी किया है. कंपनी ने बयान में लिखा- भारतपे का फोकस, प्रॉफिट के साथ ग्राहकों को बेहतर सुविधाएं देने पर रहेगा. हमारी तरफ से अशनीर ग्रोवर को शुभकामनाएं।

 

क्या बोले अशनीर ग्रोवर?

मैं भारतपे के साथ एक निर्णायक समझौते पर पहुंच गया हूं। मैं प्रबंधन और बोर्ड पर अपना भरोसा रखता हूं, जो भारतपे को सही दिशा में आगे ले जाने के लिए बेहतरीन काम कर रहे हैं। मैं कंपनी के विकास के साथ लगातार जुड़ा हुआ हूं। मैं अब किसी भी पद पर भारतपे से नहीं जुड़ा रहूंगा, न ही कैपिटल टेबल का हिस्सा बनूंगा। मेरे शेष शेयरों का प्रबंधन मेरे फैमिली ट्रस्ट द्वारा किया जाएगा। दोनों पक्षों ने दायर मामलों को आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया है। मुझे उम्मीद है कि भारतपे अपने सभी हितधारकों के लाभ के लिए आगे बढ़ता रहेगा और सफल होता रहेगा।

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