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अन्तर्राष्ट्रीय

दर्द की दास्तां सुनकर भर आएंगी आंखें, पत्नी से रेप कर बेटी की हत्या की

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ओटावा। अमेरिकी पत्नी और तीन बच्चों के साथ पांच वर्ष तक तालिबान के कब्जे में रहे कनाडा के जोशुआ बॉयल ने आतंकवादी संगठन की मूर्खता और दरिंदगी को उजागर करते हुए कहा है कि आतंकियों ने उनकी पत्नी के साथ दुष्कर्म किया और उनकी बेटी की हत्या कर दी। उन्हें कुछ दिन पहले ही आतंकी संगठन के चंगुल से छुड़ाया गया।

बीबीसी के अनुसार, अपनी 31 वर्षीय पत्नी कैटलान कोलमैन और बच्चे के साथ कनाडा पहुंचने पर 34 वर्षीय बॉयल ने संवाददाताओं से बात की। अफगान सीमा के निकट एक अभियान के दौरान अमेरिका ने पाकिस्तानी सेना को जानकारी दी, जिसके बाद सेना द्वारा चलाए गए बचाव अभियान में परिवार को बचा लिया गया। कथित तौर पर 2012 में अफगानिस्तान यात्रा के दौरान बॉयल के परिवार को बंधक बना लिया गया था।

बॉयल ने टोरंटो के पियरसन अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पर कहा कि जब उनका अपरहण किया गया, उस समय वह ऐसे तालिबान-नियंत्रित क्षेत्र में गांव वालों को सहायता प्रदान करने की कोशिश कर रहे थे, जहां पर कोई भी एनजीओ, सहायता कार्यकर्ता, और सरकार नहीं पहुंच पाती।

कोलमैन उस समय गर्भवती थीं। इस सप्ताह वह अपने तीन बच्चों के साथ वापस लौटें। सभी का जन्म कैद के दौरान ही हुआ, जिसमें से सबसे छोटे बच्चे का स्वास्थ्य खराब है। बीबीसी के अनुसार, बॉयल ने एक बयान में बताया कि उनकी चौथी बच्ची भी हुई, जिसकी अपहर्ताओं ने हत्या कर दी। उन्होंने यह भी बताया कि तालिबान से जुड़े हक्कानी नेटवर्क ने उनकी पत्नी के साथ दुष्कर्म भी किया।

बॉयल ने कहा कि ऐसा उन्होंने इसलिए किया, क्योंकि मैं उनके प्रस्ताव को मान नहीं रहा था। बॉयल ने कहा, “हक्कानी नेटवर्क द्वारा हमारे अपहरण से भी बड़ा पाप मेरी मासूम बच्ची को मारने का आदेश देना था।” बीबीसी के अनुसार, बॉयल ने कहा, “कमांडेंट की निगरानी में मेरी पत्नी के साथ गार्ड ने लगातार दुष्कर्म किया और इसमें कैप्टन ने भी उसकी सहायता की।”

कोलमैन के पिता ने ऐसे खतरनाक देश की यात्रा करने के दम्पति के निर्णय को ‘अनुचित’ कहा है। बॉयल को ग्वांटानामो खाड़ी के बंदी उमर खद्र की बड़ी बहन से संक्षिप्त समय के लिए शादी करने के लिए जाना जाता है।

ओटावा की एक कर अदालत के न्यायाधीश के बेटे बॉयल की जैनब खद्र के साथ शादी लगभग एक साल तक चली थी। वह अहमद सैयद खद्र की सबसे बड़ी बेटी है, जिस पर अमेरिका और कनाडा द्वारा आतंकवादी समूह अल-कायदा का सहयोगी और फाइनेंसर होने का आरोप लगा था। जैनाब से एक बार कनाड पुलिस ने आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में पूछताछ भी की थी।

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नींद के कारण गलती से हुआ 1990 करोड़ से ज्यादा ट्रांसफर, जानें पूरी रिपोर्ट

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जर्मनी। जर्मनी में लगभग 12 साल पहले एक बैंक में ऐसा अजीबोगरीब वाकया हुआ था जिसने सभी को हैरान कर दिया है। एक कर्मचारी काम के दौरान कंप्यूटर के की-बोर्ड पर उंगली दबाए हुए सो गया। इस गलती के कारण एक शख्स को 64.20 यूरो की जगह 222 मिलियन यूरो (करीब 1990 करोड़ रुपये से ज्यादा) ट्रांसफर हो गए। गनीमत रही कि एक अन्य कर्मचारी ने समय रहते इस गलती को पकड़ लिया जिसके बाद ट्रांजैक्शन को रोक दिया गया।

शुरू हुई कानूनी लड़ाई

यह घटना साल 2012 की है जो अब इंटरनेट पर वायरल हो रही है। मामले में सबसे हैरान करने वाली बात यह रही है क्लर्क की इस गलती पर सुपरवाइजर ने भी ध्यान नहीं दिया और इस ट्रांजैक्शन को अप्रूव कर दिया। ट्रांजैक्शन की जांच करने की जिम्मेदारी सुपरवाइजर की थी लिहाजा बैंक ने इस बड़ी गलती के लिए उसे जिम्मेदार ठहराते हुए नौकरी से निकाल दिया। मामला जर्मनी की लेबर कोर्ट तक पहुंचा और मामले में कानूनी लड़ाई शुरू हुई।

अदालत ने सुनाया फैसला

लंबी कानूनी लड़ाई के बाद जर्मनी के हेस्से स्टेट की लेबर कोर्ट की ओर से इस मामले में आदेश दिया गया। कोर्ट ने बैंक द्वारा कर्मचारी को नौकरी से निकालने के फैसले को गलत बताया। कोर्ट ने कहा कि यह गलती क्लर्क ने जानबूझकर नहीं की थी। अदालत की ओर से यह भी कहा गया कि कर्मचारी ने भले ही अपनी गलती पर ध्यान नहीं दिया लेकिन उसके कार्यों के लिए उसे बर्खास्त नहीं किया जाना चाहिए।

कोर्ट ने यह भी कहा

कोर्ट ने यह भी कहा कि कर्मचारी पर समय का बहुत दबाव था, वह रोजाना सैकड़ों लेन-देन की समीक्षा करता था। कोर्ट ने अपने आदेश में इस बात का भी जिक्र किया कि 222 मिलियन यूरो के गलत ट्रांजैक्शन वाली घटना के दिन कर्मचारी ने 812 डॉक्युमेंट्स को संभाला था और हर डॉक्युमेंट पर वो महज कुछ सेकेंड का समय ही दे पा रहा था। अदालत ने अपने आदेश में इस बात पर जोर दिया कि कर्मचारी की ओर से जानबूझकर की गई लापरवाही का कोई सबूत नहीं मिला। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में बर्खास्तगी के बजाय औपचारिक चेतावनी ही पर्याप्त थी।

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