Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

ऑफ़बीट

दिल्ली में कटखनी हुईं भैंसें, 50 लोगों को किया चोटिल

Published

on

दिल्ली, कटखन्नी, भैंसें, चोटिल, खूंखार,

Loading

नई दिल्ली। कुत्‍ते अगर आदमी को काटते हैं तो यह सामान्‍य बात है, लेकिन शांत दिखने वाली भैंसे अगर राजधानी में खूंखार होने लगे तो यह गंभीर समस्‍या है।

दिल्ली नगर निगमों के रेकॉर्ड के मुताबिक, भैंसों के आदमियों को काटने के करीब 50 मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें सबसे ज्यादा पूर्वी दिल्ली में 30 से अधिक मामले हैं, जबकि नॉर्थ दिल्ली में 10 और दक्षिण दिल्ली में करीब एक दर्जन मामले सामने आए हैं।

एमसीडी के वैटनरी डॉक्टरों के मुताबिक, आमतौर पर भैंसें शांत होती हैं और किसी को काटती नहीं है। अगर वह किसी बीमारी से पीड़ित हो तो वह उग्र होकर काटने लग जाती है।

भैंस को बीमारी हो तो तुरंत वेटनरी डॉक्टर को दिखाना चाहिए ताकि समय पर इलाज संभव हो सके और लोगों की जान का खतरा भी कम हो।

डॉक्टरों का यह भी कहना है कि अगर किसी भैंस को कुत्ते ने काटा है तो वह और भी उग्र हो जाती है। नतीजतन लोगों को काटना शुरू कर देती है।

ऐसे में भैंसों के मुंह से खून में जो माइक्रोब्स मिल जाता है, उससे सेफ्टिशिनिया नामक बीमारी हो जाती है जो जानलेवा है।

इन हालात में मरीज को आईसीयू में भर्ती कराना पड़ सकता है। पूर्वी दिल्ली में पिछले साल गाय, भैंस और अन्य जानवरों के काटने के करीब 476 मामले सामने आए। इस साल यह आंकड़ा 284 तक पहुंच चुका है।

अन्तर्राष्ट्रीय

नींद के कारण गलती से हुआ 1990 करोड़ से ज्यादा ट्रांसफर, जानें पूरी रिपोर्ट

Published

on

Loading

जर्मनी। जर्मनी में लगभग 12 साल पहले एक बैंक में ऐसा अजीबोगरीब वाकया हुआ था जिसने सभी को हैरान कर दिया है। एक कर्मचारी काम के दौरान कंप्यूटर के की-बोर्ड पर उंगली दबाए हुए सो गया। इस गलती के कारण एक शख्स को 64.20 यूरो की जगह 222 मिलियन यूरो (करीब 1990 करोड़ रुपये से ज्यादा) ट्रांसफर हो गए। गनीमत रही कि एक अन्य कर्मचारी ने समय रहते इस गलती को पकड़ लिया जिसके बाद ट्रांजैक्शन को रोक दिया गया।

शुरू हुई कानूनी लड़ाई

यह घटना साल 2012 की है जो अब इंटरनेट पर वायरल हो रही है। मामले में सबसे हैरान करने वाली बात यह रही है क्लर्क की इस गलती पर सुपरवाइजर ने भी ध्यान नहीं दिया और इस ट्रांजैक्शन को अप्रूव कर दिया। ट्रांजैक्शन की जांच करने की जिम्मेदारी सुपरवाइजर की थी लिहाजा बैंक ने इस बड़ी गलती के लिए उसे जिम्मेदार ठहराते हुए नौकरी से निकाल दिया। मामला जर्मनी की लेबर कोर्ट तक पहुंचा और मामले में कानूनी लड़ाई शुरू हुई।

अदालत ने सुनाया फैसला

लंबी कानूनी लड़ाई के बाद जर्मनी के हेस्से स्टेट की लेबर कोर्ट की ओर से इस मामले में आदेश दिया गया। कोर्ट ने बैंक द्वारा कर्मचारी को नौकरी से निकालने के फैसले को गलत बताया। कोर्ट ने कहा कि यह गलती क्लर्क ने जानबूझकर नहीं की थी। अदालत की ओर से यह भी कहा गया कि कर्मचारी ने भले ही अपनी गलती पर ध्यान नहीं दिया लेकिन उसके कार्यों के लिए उसे बर्खास्त नहीं किया जाना चाहिए।

कोर्ट ने यह भी कहा

कोर्ट ने यह भी कहा कि कर्मचारी पर समय का बहुत दबाव था, वह रोजाना सैकड़ों लेन-देन की समीक्षा करता था। कोर्ट ने अपने आदेश में इस बात का भी जिक्र किया कि 222 मिलियन यूरो के गलत ट्रांजैक्शन वाली घटना के दिन कर्मचारी ने 812 डॉक्युमेंट्स को संभाला था और हर डॉक्युमेंट पर वो महज कुछ सेकेंड का समय ही दे पा रहा था। अदालत ने अपने आदेश में इस बात पर जोर दिया कि कर्मचारी की ओर से जानबूझकर की गई लापरवाही का कोई सबूत नहीं मिला। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में बर्खास्तगी के बजाय औपचारिक चेतावनी ही पर्याप्त थी।

Continue Reading

Trending