मुख्य समाचार
फिल सिमंस होंगे वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम के अगले कोच
ब्रिजटाउन (बारबाडोस)| पूर्व हरफनमौला खिलाड़ी फिल सिमंस को वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम का नया कोच नियुक्त किया जाएगा। सिमंस विश्व कप के बाद टीम की कमान सम्भालेंगे। समाचार एजेंसी के मुताबिक सिमंस की नियुक्ति की पुष्टि हो चुकी है। वह अगले महीने सम्पन्न होने वाले विश्व कप के बाद कोच पद सम्भाल लेंगे।
कैरेबियाई बोर्ड ने इस पद के लिए सात उम्मीदवारों के नामों पर विचार किया था। 51 साल के सिमंस आयरलैंड टीम के कोच हैं और उनकी देखरेख में ही आयरिश टीम ने बीते दिनों विश्व कप में वेस्टइंडीज को पटखनी दी थी।
सिमंस आठ साल से आयरिश टीम के कोच हैं। दिसम्बर, 2013 में उनका करार समाप्त हो गया था लेकिन उन्होंने आयरिश बोर्ड के साथ दो साल का और करार कर लिया।
त्रिनिदाद के निवासी सिमंस इससे पहले जिम्बाब्वे के कोच रह चुके हैं। वह ओटिस गिब्सन द्वारा खाली किए गए पद को भरेंगे।
गिब्सन ने बीते साल अगस्त में इस्तीफा दे दिया था। उनके इस्तीफे के बाद से सहायक कोच स्टुअर्ट विलियम्स, टीम प्रबंधक रिची रिचर्ड्सन और गेंदबाजी कोच कर्टले एम्ब्रोस टीम का कामकाज देख रहे हैं।
सिमंस ने एक खिलाड़ी के तौर पर वेस्टइंडीज के लिए 26 टेस्ट और 143 एकदिवसीय मैच खेले हैं। एकदिवसीय मैचों में वह 3675 रन बनाने के अलावा 83 विकेट लेने में सफल रहे हैं। 1999 में उन्होंने अपना अंतिम एकदिवसीय मैच खेला था।
अन्तर्राष्ट्रीय
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने भारत के अलावा चार और देशों से अपने राजदूत वापस बुलाए
ढाका। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, पुर्तगाल और संयुक्त राष्ट्र से बांग्लादेश के राजदूत वापस बुलाए गए हैं। शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से हटने के बाद बांग्लादेश और भारत के संबंध कुछ खास नहीं रहे हैं। वहीं, बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय से जुड़े लोगों का मानना है कि प्रशासनिक प्रभाग के आदेश देश की विदेश नीति को लेकर अच्छे नहीं रहे हैं। इन लोगों का कहना है कि भारत में उच्चायुक्त सहित जिन राजदूतों को वापस बुलाया गया है, उनमें से कई राजनीतिक नियुक्तियां नहीं थीं।
भारत में उच्चायुक्त मुस्तफिजुर रहमान के अलावा जिन अन्य लोगों को वापस बुलाया गया है, उनमें न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र के स्थायी प्रतिनिधि और ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम और पुर्तगाल में बांग्लादेश के राजदूत शामिल हैं। जिन राजदूतों को वापस बुलाया गया है, वह आने वाले महीनों में रिटायर होने वाले थे। भारत में उच्चायुक्त रहमान भी इनमें शामिल हैं।
यूनुस और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच नहीं हो पाई थी बैठक
बांग्लादेश में छात्र संगठनों के नेतृत्व में लगातार विरोध प्रदर्शन हुए। इसके कारण अगस्त की शुरुआत में शेख हसीना की सरकार गिर गई और उन्हें देश छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। इस घटना के बाद से भारत-बांग्लादेश संबंध खराब स्थिति में हैं। नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में कार्यवाहक प्रशासन ने हसीना के पद छोड़ने के कुछ दिनों बाद ही कार्यभार संभाल लिया। वहीं, हसीना ने बांग्लादेश छोड़ने के बाद भारत में शरण ली। ढाका में कार्यवाहक व्यवस्था ने पिछले महीने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान यूनुस और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच बैठक कराने के लिए लगातार प्रयास किए। हालांकि, यूनुस ने भारत की आलोचना की थी और शेख हसीना के प्रत्यर्पण का मुद्दा भी उठाया था। इससे भारतीय पक्ष नाखुश था और दोनों नेताओं की मुलाकात नहीं हो पाई।
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