मुख्य समाचार
बाजार में फिर से छाने को तैयार मैगी नूडल्स
नई दिल्ली। नेस्ले इंडिया ने बुधवार को कहा कि बंबई उच्च न्यायालय ने मैगी नूडल्स को जो जांच करवाने के लिए कहा था, वह मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं में पूरी हो चुकी है और उत्पाद को इसी महीने बाजार में पुन: लाने की तैयारी है। कंपनी ने शेयर बाजार को दी जानकारी में कहा है, “बंबई उच्च न्यायालय ने नव निर्मित मैगी नूडल्स की जांच के लिए जिन जांचों के आदेश दिए थे, उसे सभी तीनों प्रयोगशालाओं (नेशनल एक्रीडिएशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग कैलिबरेशन लेबोरेटरीज) में पूरे कर लिए गए हैं और उनके परिणाम आ चुके हैं।”
कंपनी ने अपने बयान में कहा है, “मैगी नूडल्स मसाला के सभी नमूने जांच में सफल रहे हैं और उनमें सीसा (लेड) की मात्रा तय सीमा से कम पाई गई है।” बयान के मुताबिक, “हम मैगी नूडल्स मसाला को इसी महीने बाजार में फिर से लाने की हर संभव कोशिश करेंगे। हम उन राज्यों में भी काम करेंगे, जहां मंजूरी लेने की जरूरत है या विशिष्ट निर्देश की आवश्यकता है।”
अक्टूबर महीने के मध्य नेस्ले इंडिया ने कहा था कि मैगी नूडल्स के खेप के जिन नमूनों पर सवाल उठाए गए थे, वे बंबई उच्च न्यायालय के निर्देशों के मुताबिक, जांच के दौरान खरे उतरे हैं, लेकिन कहा कि उत्पाद को तभी बाजार में पुन: उतारा जाएगा, जब नव निर्मित उत्पाद भी परीक्षण में सफल हो जाए। नव निर्मित उत्पादों की जांच मोहाली, जयपुर और हैदराबाद की प्रयोगशालाओं में की जाएगी।
नेस्ले ने यह भी कहा कि उसने राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं में 20 करोड़ पैक से 3,500 नमूनों की जांच करवाई है और इन सभी में वह खरी उतरी है। बुधवार को जारी बयान के मुताबिक, “इसके अलावा अमेरिका, ब्रिटेन, सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया और अन्य देशों में भारत से निर्यात की गई मैगी को सेवन के लिए सुरक्षित पाया है।” कंपनी ने कहा कि वर्तमान में मैगी का उत्पादन कर्नाटक के नानजंगुड, पंजाब के मोगा और गोवा के बिचोलिम में हो रहा है, जबकि हिमाचल प्रदेश के ताहलीवाल और उत्तराखंड के पंतनगर में भी इसके उत्पादन के लिए राज्य सरकार से बातचीत जारी है।
मुख्य समाचार
स्वच्छ, सुरक्षित और सुव्यवस्थित महाकुम्भ के लिए प्रधानमंत्री जी देंगे ₹7000 करोड़ से अधिक का उपहार: मुख्यमंत्री
प्रयागराज- विश्व के सबसे बड़े आध्यत्मिक-सांस्कृतिक समागम ‘प्रयागराज महाकुम्भ’ के औपचारिक शुभारंभ से पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रयागराज को ₹7000 करोड़ से अधिक का उपहार भेंट करने जा रहे हैं। 13 दिसंबर को प्रधानमंत्री का प्रयागराज दौरा प्रस्तावित है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री जी पावन त्रिवेणी संगम का पूजन कर नवनिर्मित भरद्वाज आश्रम कॉरीडोर और श्रृंगवेरपुर धाम कॉरीडोर का लोकार्पण करेंगे।
शनिवार को प्रयागराज पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 13 दिसंबर के कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2019 के कुम्भ में राज्य सरकार ने अपने मद से 2406.65 करोड़ का व्यय किया था। पूरी दुनिया में इस महाआयोजन के प्रबंधन की प्रशंसा हुई थी। तीर्थयात्रियों की सुविधा और ‘सनातन गर्व महाकुम्भ’ की महत्ता के दृष्टिगत इस बार इसे और विस्तार दिया गया है। इस वर्ष महाकुम्भ के लिए राज्य सरकार की ओर से 5496.48 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है, जबकि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने अतिरिक्त 2100 करोड़ रुपये का सहयोग प्रदान किया है। बजट की कोई कमी नहीं है, इसलिए व्यवस्था में कहीं किसी प्रकार का अभाव नहीं होना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि विभिन्न राज्यों की ओर से महाकुम्भ में अपने शिविर स्थापित करने के अनुरोध मिल रहे हैं, इस संबंध में यथोचित निर्णय तत्काल हो जाए। इसी प्रकार, महाकुंभ के दौरान ब्रह्मलीन होने वाले साधु-संतों की समाधि के लिए प्रयागराज में भूमि आरक्षित कर दी जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि 2019 कुंभ में कुल 5,721 संस्थाओं का सहयोग लिया गया था, जबकि महाकुंभ में लगभग 10 हजार संस्थाएं एक उद्देश्य के साथ कार्य कर रही हैं। 4000 हेक्टेयर में विस्तारित 25 सेक्टरों में बंटे महाकुंभ मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत सभी आवश्यक प्रबंध किए जा रहे हैं। 12 किमी लंबाई के घाट, 1850 हेक्टेयर में पार्किंग, 450 किमी चकर्ड प्लेट, 30 पांटून पुल, 67 हजार स्ट्रीट लाइट, 1,50,000 शौचालय, 1,50,000 टेंट के साथ ही 25 हजार से अधिक पब्लिक एकोमडेशन की व्यवस्था की जा रही है। पौष पूर्णिमा, मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या, बसंत पंचमी, माघ पूर्णिमा और महाशिवरात्रि के विशेष स्नान पर्व पर सुरक्षा और सुविधा के लिए विशेष कार्ययोजना तैयार की गई है। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि महाकुम्भ में हर श्रद्धालु को अविरल-निर्मल गंगा में स्नान सुलभ हो, इसके लिए राज्य सरकार संकल्पित है। नदी में जीरो डिस्चार्ज सुनिश्चित किया जा रहा है।
जारी निर्माण परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सूबेदारगंज ब्रिज, हनुमान मंदिर (फेज-1) सभी चिह्नित 16 क्रिटिकल रोड से जुड़े कार्य, रिवर फ्रंट रोड, फाफामऊ-सहसो रोड, सभी 04 थीम आधारित गेट, 84 स्तंभ, मनकामेश्वर मंदिर और अलोपशंकरी मंदिर के अधूरे कार्य प्रत्येक दशा में 10 दिसंबर तक पूरे हो जाने चाहिए। मुख्यमंत्री ने जोर देते हुए कहा कि टाइमलाइन के दबाव में कार्य की गुणवत्ता से समझौता नहीं होना चाहिए।
रेलवे के प्रतिनिधियों से संवाद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकुम्भ में आने वाले तीर्थयात्री और पर्यटक काशी और अयोध्याधाम का भी दर्शन करने जाएंगे। इसके अलावा, चित्रकूट की ओर भी बड़ी संख्या में लोगों के जाने की संभावना है। ऐसे में इन पवित्र स्थलों को कनेक्ट करते हुए ट्रेनों की उपलब्धता की जानी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने महाकुम्भ से जुड़ी तैयारियों के लिए डेडलाइन तय करते हुए निर्देश दिया कि 10 दिसंबर तक सारे काम पूरे कर लिए जाएं। उन्होंने कहा कि महाकुम्भ विश्व को सनातन भारतीय संस्कृति से साक्षात्कार कराने का सुअवसर है। यह स्वच्छता, सुरक्षा और सुविधा का मानक भी होगा। सीएम योगी ने निर्देश दिया कि महाकुम्भ को देखते हुए 7000 से अधिक बसें लगाई जाएंगी। यहां डेढ़ लाख से अधिक शौचालय स्थापित किए जाएंगे। स्वच्छता पर जोर देते हुए सीएम ने निर्देश दिया कि 10 हजार कर्मचारियों की तैनाती कर यहां की सफाई व्यवस्था को सुदृढ़ बनाए रखा जाए।
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