Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

मुख्य समाचार

बिलकिस बानो केस में 11 दोषियों को उम्रकैद की सजा बरकरार

Published

on

बॉम्बे हाईकोर्ट, बिलकिस बानो, रेप और मर्डर केस, उम्रकैद

Loading

मुम्‍बई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने गुरुवार को बिलकिस बानो रेप और मर्डर केस में दोषियों की सजा को बरकरार रखा है। कोर्ट ने दोषियों को सजाए मौत दिए जाने की सीबीआई की मांग को खारिज करते हुए सभी 11 दोषियों की उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा है।

बॉम्बे हाईकोर्ट, बिलकिस बानो, रेप और मर्डर केस, उम्रकैद

इसके अलावा कोर्ट ने डॉक्टरों और पुलिसवालों समेत सात लोगों को बरी करने से इनकार कर दिया। इन सातों को मामले से जुड़े सबूतों को प्रभावित करने का दोषी पाया गया। सीबीआई ने अपील की थी कि तीन दोषियों जसवंत नाई, गोविंद नाई और एक अन्य की उम्र कैद की सजा को बदलकर मौत की सजा कर दी जाए।

कोर्ट ने इस अपील को तो खारिज कर दिया। हालांकि सात अन्य आरोपियों को दोषमुक्त किए जाने के खिलाफ सीबीआई की याचिका को स्वीकार कर लिया। गुजरात में गोधरा ट्रेन अग्निकांड के बाद हुए दंगे के दौरान तीन मार्च, 2002 को दाहोद के पास देवगढ़-बरिया गांव में दंगाई भीड़ ने बिलकिस बानो और उसके परिवार पर हमला कर दिया था।

बता दें कि गुजरात में गोधरा ट्रेन अग्निकांड के बाद हुए दंगे के दौरान तीन मार्च, 2002 को दाहोद के पास देवगढ़-बरिया गांव में दंगाई भीड़ ने बिलकिस बानो और उसके परिवार पर हमला कर दिया था।

हमले में परिवार के आठ लोगों की हत्या कर दी गई थी। इसमें चार महिलाएं और चार बच्चे शामिल थे। जबकि छह सदस्य लापता हो गए थे। इतना ही नहीं, गर्भावस्‍था की हालत में  बिलकिस बानो का भी रेप किया गया था।

21 जनवरी 2008 को स्पेशल ट्रायल कोर्ट ने इस मामले में 11 लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने जसवंत नाई, गोविंद नाई,  सैलेश भट्ट, राधेश्याम भगवान दास शाह, बिपिन चंद्रा जोशी, केसरभाई वोहानिया, प्रदीप मोर्धिया, बाकाभाई वोहानिया, राजूभाई सोनी, मितेश भट्ट औप रमेश चंदन को दोषी करार दिया था। इन लोगो को मर्डर, गैंग रेप व गर्भवती महिला के रेप का दोषी पाया गया।

प्रादेशिक

राहुल गांधी को गुल्लक भेंट करने वाले बच्चों के माता-पिता ने की आत्महत्या, कांग्रेस ने ईडी पर प्रताड़ित करने का लगाया आरोप

Published

on

Loading

सीहोर। भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी को गुल्लक भेंट करने वाले बच्चों के माता-पिता न फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। लगभग आठ दिन पहले ईडी ने उनके ठिकानों पर छापेमारी की थी। इसके बाद से वह मानसिक तनाव में थे। उनके बच्चों ने आरोप लगाया है कि ईडी के दबाव के कारण उनके माता-पिता ने आत्महत्या की।

वहीं कांग्रेस ने प्रवर्तन निदेशालय पर मनोज को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। मिली जानकारी के अनुसार सीहोर के आष्टा में रहने वाले मनोज परमार और उनकी पत्नी नेहा के शव शुक्रवार की सुबह फांसी के फंदे से लटके मिले। प्रारंभिक तौर पर इसे आत्महत्या बताया जा रहा है। पुलिस मौके पर पहुंच गई है और जांच कर रही है। दोनों के शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज दिया गया है।

ज्ञात हो कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान मनोज के बच्चों ने अन्य बच्चों की टीम के साथ गुल्लक भेंट की थी। उसके बाद से मनोज चर्चा में थे। अभी हाल ही में मनोज के इंदौर और आष्टा के ठिकानों पर ईडी ने छापेमारी की थी और दस्तावेज भी जब्त किए थे। मनोज और उनकी पत्नी द्वारा आत्महत्या किए जाने पर कांग्रेस ने हमला बोला है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मनोज और उनकी पत्नी के आत्महत्या करने पर ईडी पर हमला बोलते हुए कहा, “आष्टा के मनोज परमार को बिना कारण ईडी द्वारा परेशान किया जा रहा था।

मनोज परमार के बच्चों ने राहुल गाधी को भारत जोड़ो यात्रा के समय गुल्लक भेंट की थी। मनोज के घर पर ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर भोपाल संजीत कुमार साहू द्वारा रेड की गई थी। मनोज के अनुसार उस पर रेड इसलिए डाली गई क्योंकि वह कांग्रेस का समर्थक है। मैंने मनोज के लिए वकील की व्यवस्था भी कर दी थी। लेकिन बड़े दुख के साथ कहना पड़ रहा है मनोज इतना घबराया हुआ था कि उसने व उसकी पत्नी ने आज सुबह आत्महत्या कर ली। मैं इस प्रकरण में ईडी डायरेक्टर से निष्पक्ष जांच की मांग करता हूं।”

Continue Reading

Trending