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मुख्य समाचार

बीआरओ पर जल्द होगा रक्षा मंत्रालय का पूर्ण नियंत्रण

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नई दिल्ली रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) को पूरी तरह से रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत लाया जाएगा तथा जो सड़कें गैर-संवेदनशील हैं, उन्हें भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को सौंप दिया जाएगा। बीआरओ फिलहाल सड़क परिवहन मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत है। परिवहन मंत्रालय जहां इसे धन मुहैया कराता है, वहीं रक्षा मंत्रालय इसके प्रबंधन से संबंधित काम देखता है।

पर्रिकर ने मंगलवार रात संवाददाताओं को बताया कि दोहरे नियंत्रण के कारण संस्था पर बुरा असर पड़ा है।

उन्होंने कहा, “बीआरओ को पूरी तरह से रक्षा मंत्रालय के अंदर लाया जाएगा। इसके दो प्रमुख होने के कारण भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है। अगले साल के बजट में यह पूरी तरह रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत होगा।”

मंत्री ने कहा कि करीब 3,000 किलोमीटर सड़क को एनएचएआई को सौंप दिया जाएगा।

भारत-चीन सीमा के बराबर रेल संपर्क तैयार करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वह जल्द ही रेल मंत्री सुरेश प्रभु के साथ बैठक करेंगे।

सीमावर्ती इलाकों में आधारभूत संरचनाओं के निर्माण पर चीन की आपत्ति के संदर्भ में पर्रिकर ने कहा, “हम अपनी सीमा में क्या करेंगे, यह सोचना उनका काम नहीं है।”

प्रादेशिक

दिल्ली: बेटे ने मां, बाप और बहन की चाकू गोदकर की हत्या, इस वजह से वारदात को दिया अंजाम

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नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में ट्रिपल मर्डर का सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां के नेबसराय इलाके में एक बेटे ने अपने पिता, मां और बहन की चाकू से गोंद बेरहमी से हत्या कर दी। मृतकों की शिनाख्‍त राजेश कुमार (51), उनकी पत्नी कोमल (46) और उनकी बेटी कविता (23) के रूप में हुई है। बेटे ने इस वारदात को इसलिए अंजाम दिया क्योंकि उसे लगने लगा था कि मां-बाप बहन से ही ज्यादा प्‍यार करते हैं। उसे इस बात का भी शक था कि वो सारी प्रॉपर्टी बहन को दे देंगे। इसलिए मां-बाप के सालगिरह के दिन उसने हत्या को अंजाम दिया। पुलिस ने आरोपी बेटे अर्जुन को गिरफ्तार कर लिया है।

रिपोर्टों के अनुसार अर्जुन ने पुलिस को बताया कि उसे बॉक्सिंग करना पसंद था। लेकिन पिता पढ़ाई नहीं करने को लेकर टोकते रहते थे। हाल ही में सबके सामने उसकी पिटाई भी कर दी थी। उसे यह भी लगता था कि मां-बाप उसकी बहन कविता को अधिक प्यार करते हैं। उसे लगता था कि वे सारी संपत्ति भी उसकी बहन के नाम कर देंगे। इसी नफरत में उसने तीनों की हत्या करने का प्लान बनाया। उसने जिस धारदार चाकू से तीनों हत्या की वह उसके पिता की ही थी। इसे अर्जुन ने छिपाकर रखा था। वह काफी समय से हत्या की प्लानिंग कर रहा था। 4 दिसंबर को उसके माता-पिता की शादी की 27वीं सालगिरह थी, इसलिए हत्या के लिए यही दिन चुना।

अपनी प्लानिंग के अनुसार 4 दिसंबर को उसने एक-एक कर तीनों की हत्या कर दी। सबसे पहले ग्राउंड फ्लोर पर सो रही बहन का गला रेता। फिर ऊपर की मंजिल पर सो रहे पिता का गला काटा। उनके सिर पर भी चाकू से वार किए। उसकी मां बाथरूम में थी। जैसे ही वह बाहर निकली उनके गले पर भी चाकू से वार कर दिया। तीनों हत्या करने के बाद वह आराम से टहलने निकल गया। फिर एक घंटे बाद लौटकर घटना को अलग रंग देने में जुट गया।

पड़ोसियों को चीख नहीं सुनाई दे इसलिए उसने सबके गले पर झटके से वार किया। खून रोकने के लिए गर्दन पर चाकू मारते ही वह कपड़े से दबा देता था। उल्लेखनीय है कि राजेश के गले में चुन्नी लिपटी हुई थी, जबकि कोमल और कविता का शव कंबल से ढका हुआ मिला था। राजेश कुमार सेना में तैनाती के दौरान एनएसजी कमांडो भी रहे। करीब सात साल पहले वह रिटायर्ड हुए थे। फिलहाल सैनिक फार्म में एक उद्योगपति के पीएसओ थे। उनकी बेटी कविता जूडो में ब्लैक बेल्ट थी।

 

 

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