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अन्तर्राष्ट्रीय

भारत-पाक तनाव के बीच नवाज ने बरता संयम

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इस्लामाबाद,नई दिल्ली,पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ,निर्देश,राज्यवर्धन सिंह राठौर

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इस्लामाबाद | इस्लामाबाद-नई दिल्ली के बीच तीखी बयानबाजी के बीच पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ जहां संयम बरते हुए हैं, वहीं वहां की संसद भारत के खिलाफ प्रस्ताव पारित कर पुरानी कहानी में फंसी दिख रही है। यह बात एक शीर्ष अंग्रेजी दैनिक ने शनिवार को कही। ‘डेली टाइम्स’ ने अपने संपादकीय ‘नवाज स्पीक्स’ में कहा है, “भारत तथा पाकिस्तान के बीच हाल के दिनों की तीखी बयानबाजी के बीच एनवॉयज कॉन्फ्रेंस ऑफ सार्क और इकॉनॉमिक कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के संयत व्यवहार तथा सोच-विचार कर दिए गए बयान के कारण अंतत: हमारी तरफ शांति स्थापित हो गई है।”

“उनके बयान का मूल विषय भारत को संयमित रहने का निर्देश देना था। उन्होंने कहा कि वह भारतीय राजनीतिक नेतृत्व के गैर जिम्मेदाराना तथा अविवेकपूर्ण बयानों से निराश हैं, जिसने क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लक्ष्य के माहौल को खराब किया है।” संपादकीय कहता है कि शरीफ ने कैसे यह साफ किया कि पाकिस्तान अपनी नैतिकता के आधार और शांति की अपनी इच्छा का त्याग नहीं करेगा, लेकिन भारत की तरफ से भी ऐसा ही होना चाहिए कि वह पाकिस्तान की वार्ता की इच्छा पर ध्यान दे।

अखबार के मुताबिक, “उन्होंने यह स्पष्ट किया कि पाकिस्तान हर कीमत पर अपने हित का वैसा ही ध्यान रखेगा, जैसा कोई आत्मसम्मान वाले देश से उम्मीद की जा सकती है।” यह संपादकीय ऐसे समय में सामने आई है, जब दोनों देशों के बीच तीखी बयानबाजी हो रही है। भारतीय सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर ने आगाह करते हुए कहा था कि म्यांमार स्थित उग्रवादियों के शिविर पर कार्रवाई पाकिस्तान तथा आतंकवादी संगठनों सहित अन्य देशों के लिए भी संदेश हैं तथा भारत हमले के लिए स्थान और समय खुद चुनेगा। इससे पहले भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बांग्लादेश की राजधानी में पाकिस्तान पर आतंकवाद फैलाने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था, “पाकिस्तान हर वक्त भारत में गड़बड़ी पैदा करता है, आतंकवाद को बढ़ावा देता है और ऐसी घटना की पुनरावृत्ति होती रहती है।”

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पाकिस्तान में पहली बार कोई हिंदू बना पुलिस अफसर, कौन है वो लड़का जिसकी हो रही चर्चा

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लाहौर। पाकिस्तान में पहली बार कोई हिंदू पुलिस अफसर बना है। राजेंद्र मेघवार को ये गौरव मिला है। बता दें कि पाकिस्तान पुलिस की स्थापना के बाद से यह पहली बार है कि किसी हिंदू अधिकारी को इस तरह के पद पर नियुक्त किया गया है। राजेंद्र मेघवार ने शुक्रवार 6 दिसंबर को फैसलाबाद के गुलबर्ग इलाके में ASP के रूप में अपना कार्यभार संभाला। पाकिस्तान में किसी हिंदू का पुलिस में अधिकारी बनना काफी मुश्किल है। ऐसे में जब राजेंद्र मेघवार पुलिस अधिकारी बने तो वो चर्चाओं में आ गए।

कौन हैं राजेंद्र मेघवार?

राजेंद्र मेघवार पाकिस्तान में एक हिंदू अधिकारी हैं, जिनकी मेहनत ने उन्हें सफलता दिलाई है। उन्होंने सिविल सर्विस परीक्षा पास करके सफलता हासिल की। ​​अल्पसंख्यक समुदाय से होने के बावजूद उन्होंने अपने सपने को हासिल किया। पुलिस अधिकारी बनने की उनकी यात्रा में कई बाधाएं आई। मीडिया रिपोर्ट बताती हैं कि राजेंद्र पाकिस्तान के सिंध के ग्रामीण इलाके बदीन से हैं। उन्होंने अपनी लगन और कड़ी मेहनत से इन बाधाओं को पार किया।

पाकिस्तान पुलिस में पहली बार अहम पद पर हिंदू

राजेंद्र मेघवार की नियुक्ति को पुलिस बल में उनके सहयोगियों द्वारा भी सकारात्मक रूप से देखा जा रहा है। यह पहला मौका है कि फैसलाबाद में किसी हिंदू अधिकारी को इतने महत्वपूर्ण पद पर नियुक्त किया गया है। पुलिस अधिकारियों का मानना है कि राजेंद्र मेघवार की उपस्थिति न केवल कानून और व्यवस्था में सुधार करेगी, बल्कि अल्पसंख्यक समुदायों की चिंताओं को भी दूर करेगी, जिससे फोर्स में लोगों का भरोसा बढ़ेगा। वरिष्ठ अधिकारी उनकी नियुक्ति पर गर्व महसूस कर रहे हैं और इस बात पर जोर दे रहे हैं कि एक हिंदू अधिकारी के रूप में उनकी मौजूदगी अल्पसंख्यक समुदायों के साथ संबंधों को भी मजबूत करेगी।

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