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नेशनल

भाषण के बीच ऐसी हरकत देखकर राष्ट्रपति कोविंद ने रोका भाषण!

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अमरावती। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बुधवार को इंडियन इकोनॉमिक एसोसिएशन (आईईए) के सम्मेलन के दौरान अपना भाषण बीच में ही रोक दिया। इतना ही नहीं कोविंद ने अपना भाषण कुछ देर रोके रखा और दर्शकों की तरफ देखा, क्योंकि शोर मच रहा था।

दरअसल आईईए के शताब्दी सम्मेलन में राष्ट्रपति का संबोधन शुरू होने के दो मिनट बाद ही ऑर्गनाइजर्स ने फूड पैकेट बांटने शुरू कर दिए। खाना बांटे जाने का कार्य शुरू होते ही कार्यक्रम में उपस्थित लोग आपस में बातें करने लगे। कार्यक्रम में मौजूद कुछ छात्र पैकेज लेने के लिए सीटों से उठ गए। थोड़ी ही देर में सभागार में काफी शोर मचने लगा। राष्ट्रपति कोविंद ने देखा कि वहां मौजूद लोगों के बीच खाने के पैकेट बांटे जा रहे हैं।

इसी अव्यवस्था से नाराज होकर उन्होंने कुछ देर के लिए अपना भाषण रोक दिया। उन्होंने आयोजकों को सख्त लहजे में कहा कि संबोधन पूरा होने तक पैकेट बांटना बंद करें। इतना ही नहीं राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, ‘आर्थिक जगत में जो कुछ हो रहा है…वही तस्वीर मैं इस सम्मेलन में भी देख रहा हूं। मुझे लगता है कि खाने के पैकेट बांटे जा रहे हैं. निश्चित तौर पर यह जरूरी है, लेकिन इसने तो व्यवस्था को ही गड़बड़ कर दिया है।’

हालांकि, राष्ट्रपति के आग्रह के बाद लोगों ने उनकी बात मानी और फिर भाषण पूरा हुआ।

नेशनल

पत्नी से परेशान सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने की आत्महत्या, जानें क्या है वजह

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बेंगलुरु। उत्तर प्रदेश निवासी सॉफ्टवेयर इंजीनियर की आत्महत्या के मामले में मंगलवार को उसकी पत्नी और उसके परिजनों के खिलाफ खुदकुशी के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया. पुलिस ने बताया कि बेंगलुरु की एक निजी कंपनी में काम करने वाले अतुल सुभाष ने 24 पन्नों का सुसाइड नोट छोड़ा है, जिसमें उसने शादी के बाद जारी तनाव और उसके खिलाफ दर्ज कई मामलों और उसकी पत्नी, उसके रिश्तेदार और उत्तर प्रदेश के एक न्यायाधीश की ओर से प्रताड़ित किए जाने का विस्तृत विवरण दिया है.

पुलिस ने बताया कि सुभाष का शव मंजूनाथ लेआउट क्षेत्र में स्थित उनके आवास पर फंदे से लटका मिला. उनके कमरे में एक तख्ती भी लटकी मिली, जिसमें लिखा था ‘न्याय मिलना बाकी’ है. अतुल सुभाष ने आत्महत्या करने से पहले डेढ़ घंटे का एक वीडियो बनाया, जिसमें उन्होंने उन सभी परिस्थितियों का जिक्र किया, जिसके कारण उन्हें यह कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ा.

सुभाष ने वीडियो में क्या कहा?

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में सुभाष यह कहते हुए नजर आ रहे हैं कि, “मुझे लगता है कि आत्महत्या कर लेनी चाहिए, क्योंकि मैं जो रुपये कमा रहा हूं उससे मेरे दुश्मन और मजबूत हो रहे हैं. उन्हीं रुपयों का इस्तेमाल मुझे बर्बाद करने के लिए किया जा रहा है और यह चक्र यू हीं चलता रहेगा. मेरी ओर से चुकाए गए टैक्स से मिले पैसे से यह कोर्ट और पुलिस व्यवस्था मुझे, मेरे परिवार को और अन्य सज्जन लोगों को परेशान करेगी.”

सुभाष ने मांग की कि उनकी मौत के बाद पत्नी और उसके परिवार को उनके शव के पास जाने की अनुमति न दी जाए. उन्होंने वीडियो में अपने परिजनों से कहा, “जब ​​तक उनका कथित उत्पीड़न करने वालों को सजा नहीं मिल जाती तब तक वे उनकी अस्थियों का विसर्जन न करें. सुभाष ने न्याय की मांग करते हुए अपने परिजनों से आग्रह किया कि यदि उसका उत्पीड़न करने वालों को दोषी नहीं ठहराया जाता है तो वे उसकी अस्थियों को अदालत के नाले के बाहर फेंक दें.”

कौन हैं रीता कौशिक

रीता कौशिक फिलहाल जौनपुर में प्रिंसिपल फैमिली कोर्ट की जज हैं। एक जुलाई 1968 को मुजफ्फरनगर में जन्मीं रीता कौशिक ने 20 मार्च 1996 में मुंसिफ के तौर पर अपने न्यायिक सेवा की शुरुआत की थी। 1999 में वह सहारनपुर में जूडिशल मैजिस्ट्रेट रहीं। 2000-2002 तक उन्होंने मथुरा में अडिशनल सिविल जज की जिम्मेदारी संभाली। मथुरा ही में वह सिविल जज बन गईं। 2003 में उनका ट्रांसफर अमरोहा हो गया, जहां वह सिवल जज (जूनियर डिविजन) के तौर पर तैनात रहीं।

2003 से 2004 तक लखनऊ में स्पेशल सीजेएम रहीं। इसके बाद प्रमोट होकर अडिशनल चीफ जूडिशल मैजिस्ट्रेट बन गईं।वह अयोध्या में भी डिस्ट्रिक्ट और सेशन जज रहीं। इसके बाद साल 2018 में वह पहली बार अयोध्या में ही फैमिली कोर्ट की प्रिंसिपल जज बनीं। 2022 तक वह अयोध्या में तैनात रहीं। इसके बाद उनका ट्रांसफर जौनपुर में हो गया। तब से वह यहीं पर फैमिली कोर्ट में प्रिंसिपल जज के तौर पर अपनी सेवाएं दे रही हैं।

मेन्स राइट्स एक्टिविस्ट ने की कार्रवाई की मांग

वहीं इस मामले में वकील आभा सिंह ने कहा, “बेंगलुरु में एक 34 वर्षीय युवा सॉफ्टवेयर इंजीनियर अतुल सुभाष ने आत्महत्या कर ली और उसने एक सुसाइड नोट छोड़ा है. उसने उल्लेख किया है कि उसके खिलाफ नौ पुलिस शिकायतें दर्ज की गई हैं, हत्या, दहेज उत्पीड़न और घरेलू हिंसा के झूठे आरोप हैं. सुसाइड नोट में कहा गया है कि यह सच नहीं था और वह व्यक्ति अपनी पत्नी को दो लाख रुपये दे रहा था.”

 

 

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