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भुगतान बैंक को जुलाई-अगस्त तक मंजूरी की उम्मीद : प्रसाद
नई दिल्ली | केंद्रीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने मंगलवार को कहा कि उन्हें उम्मीद है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) इस साल जुलाई-अगस्त तक भुगतान बैंक स्थापित करने को मंजूरी दे देगा। मंत्री ने यहां संवाददाताओं से कहा, “पोस्ट बैंक ऑफ इंडिया आरबीआई के समक्ष विचाराधीन है और मुझे उम्मीद है कि आरबीआई को जुलाई-अगस्त तक भुगतान बैंक लाइसेंस दे देना चाहिए।”
भारतीय डाक विभाग ने भी भुगतान बैंक स्थापित करने के लिए आवेदन किया है। आरबीआई ने नीचे या भुगतान बैंक के लिए गत वर्ष नवंबर में दिशानिर्देश जारी किए थे। इसके तहत व्यक्ति, गैर बैंकिंग फायनेंस कंपनियों, कॉरपोरेट बिजनेस कॉरेसपोंडेंट, मोबाइल टेलीफोन कंपनियों, सुपर मार्केट श्रृंखला, रियल एस्टेट कॉपरेटिव जैसे संस्थानों से भुगतान बैंक स्थापित करने के लिए आवेदन जमा करने के लिए कहा गया था।
आरबीआई ने कहा था कि सूचीबद्ध वाणिज्यिक बैंक के साथ बनाई गई संयुक्त उपक्रम कंपनी भी आवेदन कर सकती है। भारती एयरटेल, वोडाफोन जैसी कई मोबाइल फोन कंपनियों ने इसके लिए आवेदन किया है। इसके अलावा रिलायंस इंडस्ट्रीज, आदित्य बिड़ला नूवो और फ्यूचर रिटेल समूह जैसी कई अन्य कंपनियों ने भी आवेदन किया है।
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मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ का आज आखिरी कार्य दिवस
नई दिल्ली। भारत के मुख्य न्यायाधीश रहे जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ को आज यानी शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से विदाई दी गई. उन्होंने अपना दो साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ को सुप्रीम कोर्ट में आयोजित एक फेयरवेल समारोह में विदाई दी गई. इस दौरान उन्होंने सीजीआई के तौर पर अपना आखिरी संदेश भी दिया.इस समारोह में जस्टिस संजीव खन्ना जो देश के अगले चीफ जस्टिस बनेंगे, उन्होंने CJI चंद्रचूड़ के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि उनके (डी.वाई. चंद्रचूड़) हटने से उच्चतम न्यायलय में एक खालीपन आ जाएगा जिसे हम सोमवार से महसूस करेंगे।
बार एसोसिएशन का दिया धन्यवाद
अपने विदाई समारोह को संबोधित करते हुए भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि इतने बड़े सम्मान के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद. उन्होंने कार्यक्रम के आयोजन के लिए सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन को धन्यवाद दिया. इस दौरान उन्होंने अपने नाम से जुड़ा एक वाक्या सुनाया. उन्होंने कहा कि उनकी मां ने एक बार कहा था कि मैंने तुम्हारा नाम धनंजय रखा है, लेकिन ‘धनंजय’ में जो ‘धन’ है, वह भौतिक धन नहीं है.’
भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने शुक्रवार को अपनी विदाई भाषण में कहा कि अगर मैंने किसी को जाने-अनजाने में ठेस पहुंचाई हो तो मुझे माफ कर देना. सीजेआई ने कहा कि जरूरतमंदों और उन लोगों की सेवा करने से बड़ा कोई एहसास नहीं है, जिन्हें वह नहीं जानते थे या जिनसे कभी नहीं मिले थे. अपने विदाई समारोह में सीजेआई ने एक युवा विधि छात्र के रूप में न्यायालय की अंतिम पंक्ति में बैठने से लेकर सुप्रीम कोर्ट के गलियारों तक के अपने सफर के बारे में बताया.
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