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भारतीय मुक्केबाज मनोज ने भाई को दिया सफलता का श्रेय

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मुक्केबाज

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मुक्केबाजरियो डी जनेरियो| भारतीय मुक्केबाज मनोज कुमार ने यहां जारी 31वें ओलम्पिक खेलों में 64 किलोग्राम वर्ग के प्री-क्वार्टर फाइनल में जगह बना ली है और उन्होंने इस जीत का श्रेय अपने बड़े भाई राजेश को दिया।

मनोज ने गुरुवार को हुई इस स्पर्धा में लाइट वेल्टरवेट वर्ग में लिथुआनिया के इवालडास पेट्राउस को हराया।

और पढ़ें: रियो ओलम्पिक (मुक्केबाजी) : मनोज ने बनाई अंतिम-16 में जगह

इवालडास ने लंदन ओलम्पिक में कांस्य पदक जीता था। मनोज ने तीनों राउंड में बेहतरीन प्रदर्शन कर जीत हासिल की।

अपनी जीत के बाद 29 साल के हरियाणा के मुक्केबाज ने कहा, “मेरे बड़े भाई राजेश कुमार ने एक कोच की भांति अपनी क्षमता के मुताबिक मुझे प्रशिक्षण दिया। मुझ पर भगवान की कोई कृपा नहीं है। यह मेरी 20 साल की कड़ी मेहनत का फल है कि आज मैं यहां हूं। मैं अपने अगले मुकाबले में भी जीत हासिल करूंगा।”

अगले दौर में मनोज का सामना उजबेकिस्तान के फजलुद्दीन जी. से 14 अगस्त को होगा। फजलुद्दीन ने अपने पहले मुकाबले में कोंगो के मालोंगा डी. को पराजित किया। रेफरियों ने यह मैच बीच में ही रोक दिया।

मनोज ने अपने बेहतरीन कौशल और प्रतिभा के बल पर इस मुकाबले में जीत हासिल की। उन्हें अपने प्रतिद्वंद्वी की तुलना में अच्छे कद के खिलाड़ी होने का भी काफी फायदा मिला।

उन्होंने कहा, “मेरा विपक्षी खिलाड़ी काफी मजबूत था लेकिन मेरे मुक्कों में दम था। मैंने उसके मुक्कों के हिसाब से अपने खेल में तब्दीली की।”

भारतीय मुक्केबाजी टीम के मुख्य कोच गुरचरण सिंह संधू ने मनोज के प्रदर्शन की काफी तारीफ की।

सिंह ने कहा, “मनोज का विपक्षी पावर पंचर है लेकिन मनोज ने खुद को उससे दूर बनाए रखा। वह जब भी उसके करीब गया, उसने अपने विपक्षी खिलाड़ी पर जोरदार प्रहार किए। मनोज ने शानदार खेल दिखाया।”

प्रादेशिक

राहुल गांधी को गुल्लक भेंट करने वाले बच्चों के माता-पिता ने की आत्महत्या, कांग्रेस ने ईडी पर प्रताड़ित करने का लगाया आरोप

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सीहोर। भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी को गुल्लक भेंट करने वाले बच्चों के माता-पिता न फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। लगभग आठ दिन पहले ईडी ने उनके ठिकानों पर छापेमारी की थी। इसके बाद से वह मानसिक तनाव में थे। उनके बच्चों ने आरोप लगाया है कि ईडी के दबाव के कारण उनके माता-पिता ने आत्महत्या की।

वहीं कांग्रेस ने प्रवर्तन निदेशालय पर मनोज को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। मिली जानकारी के अनुसार सीहोर के आष्टा में रहने वाले मनोज परमार और उनकी पत्नी नेहा के शव शुक्रवार की सुबह फांसी के फंदे से लटके मिले। प्रारंभिक तौर पर इसे आत्महत्या बताया जा रहा है। पुलिस मौके पर पहुंच गई है और जांच कर रही है। दोनों के शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज दिया गया है।

ज्ञात हो कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान मनोज के बच्चों ने अन्य बच्चों की टीम के साथ गुल्लक भेंट की थी। उसके बाद से मनोज चर्चा में थे। अभी हाल ही में मनोज के इंदौर और आष्टा के ठिकानों पर ईडी ने छापेमारी की थी और दस्तावेज भी जब्त किए थे। मनोज और उनकी पत्नी द्वारा आत्महत्या किए जाने पर कांग्रेस ने हमला बोला है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मनोज और उनकी पत्नी के आत्महत्या करने पर ईडी पर हमला बोलते हुए कहा, “आष्टा के मनोज परमार को बिना कारण ईडी द्वारा परेशान किया जा रहा था।

मनोज परमार के बच्चों ने राहुल गाधी को भारत जोड़ो यात्रा के समय गुल्लक भेंट की थी। मनोज के घर पर ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर भोपाल संजीत कुमार साहू द्वारा रेड की गई थी। मनोज के अनुसार उस पर रेड इसलिए डाली गई क्योंकि वह कांग्रेस का समर्थक है। मैंने मनोज के लिए वकील की व्यवस्था भी कर दी थी। लेकिन बड़े दुख के साथ कहना पड़ रहा है मनोज इतना घबराया हुआ था कि उसने व उसकी पत्नी ने आज सुबह आत्महत्या कर ली। मैं इस प्रकरण में ईडी डायरेक्टर से निष्पक्ष जांच की मांग करता हूं।”

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