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सिंधु को मंगलवार को सम्मानित करेंगे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री
मुंबई| महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस मंगलवार को रियो ओलम्पिक में रजत पदक जीतने वाली भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी पी.वी.सिंधु को सम्मानित करेंगे। महाराष्ट्र बैडमिंटन संघ ने इसकी घोषणा की।
ब्राजील में पिछले माह आयोजित हुए ओलम्पिक खेलों में सिंधु एकल वर्ग में रजत पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनीं।
महाराष्ट्र बैडमिंटन संघ के अध्यक्ष अरुण लखानी ने कहा, “ब्राजील से स्वदेश पहुंचने के बाद हम राज्य में सिंधु के स्वागत का आयोजन कर काफी गर्व महसूस कर रहे हैं। पूरे बैडमिंटन जगत की ओर से मैं उन्हें भारतीय बैडमिंटन इतिहास में इस उपलब्धि के लिए बधाई देना चाहता हूं।”
लखानी ने कहा, “मुझे आशा है कि सिंधु की इस उपलब्धि से युवा खिलाड़ियों को बैडमिंटन में प्रवेश की प्रेरणा मिलेगी। मैं उन्हें तथा उनके कोच पुलेला गोपीचंद को बधाई देना चाहता हूं।”
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कौन है नारायण सिंह चौरा ? जिसने पूर्व मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल की हत्या करने का प्रयास किया
अमृतसर। शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल को बुधवार को पंजाब के अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के बाहर ‘सेवादार’ की ड्यूटी करते समय एक शख्स ने गोली मार दी। गोली दीवार पर लगने से व्हीलचेयर पर बैठे सुखबीर सिंह बादल बाल बाल बच गये। आखिर किस शख्स ने सुखबीर सिंह बादल पर गोली चलाई और उसका मकसद क्या था। तो बता दें कि फायरिंग करने वाले शख्स का नाम नारायण सिंह चौरा है जिसने गोली चलाई जिससे हड़कंप मच गया और तुरंत ही स्वर्ण मंदिर के बाहर खड़े कुछ लोगों ने उसे पकड़ लिया।
कौन हैं नारायण सिंह चौरा?
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, नारायण सिंह चौरा एक खालिस्तानी पूर्व आतंकवादी है, जिस पर पहले भी कई मामले दर्ज हुए हैं और वह भूमिगत रहा है। चौरा, कुछ वर्षों तक पंथिक नेता के रूप में सक्रिय था, वह डेरा बाबा नानक क्षेत्र से हैं। मंगलवार को वह सफेद कुर्ता-पायजामा पहनकर सुखबीर बादल के पास घूमता भी दिखाई दिया था। वह बुड़ैल जेलब्रेक का मास्टरमाइंड था। चौरा ने बब्बर खालसा इंटरनेशनल के आतंकवादियों जगतार सिंह हवारा और परमजीत सिंह भियोरा को उनके दो साथियों जगतार सिंह तारा और देवी सिंह के साथ बुड़ैल जेल से भागने में मदद की थी। उसने जेल की बिजली सप्लाई काफी देर के लिए बंद कर दी थी।
जानिए पाकिस्तान से चौरा का कनेक्शन
कथित तौर पर नारायण सिंह चौरा 1984 में पंजाब में आतंकवाद के शुरुआती चरण के दौरान पाकिस्तान भाग गया था। वहां उसने भारत में हथियारों और विस्फोटकों की बड़ी खेप की तस्करी में अहम भूमिका निभाई। पाकिस्तान में, उन्होंने कथित तौर पर गुरिल्ला युद्ध और देशद्रोही साहित्य पर एक किताब भी लिखी थी। चौरा पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह हत्याकांड में संदिग्ध था।
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