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अन्तर्राष्ट्रीय

मोदी-ट्रंप ने मालदीव के मुद्दे पर बातचीत की

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न्यूयॉर्क, 9 फरवरी (आईएएनएस)| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ मालदीव में राजनीतिक संकट सहित दक्षिण एशिया और भारत प्रशांत क्षेत्र के घटनाक्रमों पर व्यापक चर्चा की।

व्हाइट हाउस की ओर से जारी बयान के मुताबिक, दोनों नेताओं ने मालदीव में राजनीतिक संकट पर चिंता जताई और लोकतांत्रिक संस्थानों और कानून का सम्मान करने के महत्व पर जोर दिया।

दोनों नेताओं के बीच गुरुवार को टेलीफोन वार्ता हुई थी।

बयान के मुताबिक, ट्रंप की दक्षिण एशिया नीति को दोहराते हुए दोनों नेताओं ने भारत प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा और समृद्धि को बढ़ाने और सुरक्षा एवं आर्थिक सहयोग को मजबूत करने की दिशा में मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता जताई।

उन्होंने कहा कि वे अप्रैल में भारत और अमेरिका के रक्षा और विदेश मंत्रियों की बैठक को लेकर आश्वस्त हैं।

दोनों नेताओं ने अफगानिस्तान का उल्लेख करते हुए हिंसाग्रस्त देशों में सुरक्षा और स्थिरता की बहाली के प्रयास जारी रखने की प्रतिबद्धता जताई।

बयान के मुताबिक, दोनों नेताओं के बीच म्यांमार के रोहिंग्या शरणार्थियों की दशा से निपटने को लेकर भी चर्चा की।

उत्तर कोरियाई मुद्दे पर भी चर्चा की गई। इस दौरान मोदी और ट्रंप ने प्योंगयांग को परमाणु निरस्त्रीकरण करने के तरीकों पर चर्चा की।

चीन, मालदीव के साथ घनिष्ठ संबंध बनाने की दिशा में काम कर रहा है यही वजह है कि वह मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन का समर्थन भी कर रहा है। वहीं, भारत और अमेरिका ने मालदीव में आपातकाल के ऐलान का विरोध किया है और वे वहां लोकतंत्र की बहाली चाहते हैं।

सर्वोच्च न्यायालय द्वारा देश के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद और छह अन्य से आतंकवाद के आरोप हटाने के बाद इन्हें रिहा करने के आदेश दिए गए थे, जिसे मौजूदा राष्ट्रपति ने मानने से इनकार कर दिया और सोमवार रात को देश में आपातकाल लगा दिया।

सुरक्षाबलों ने सर्वोच्च न्यायालय के दो न्यायाधीशों को गिरफ्तार भी कर लिया।

ट्रंप ने अपनी दक्षिण एशिया रणनीति के तहत चाहता है कि भारत, अफगानिस्तान को और अधिक सहायता उपलब्ध कराए।

ट्रंप ने आतंकवादियों को पनाह देने को लेकर पिछले महीने पाकिस्तान को भी खरी-खोटी सुनाते हुए उसे दी जाने वाली एक अरब डॉलर से अधिक की राशि पर रोक लगा दी थी।

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अन्तर्राष्ट्रीय

शेख हसीना का बड़ा बयान, कहा- बांग्लादेश में सामूहिक हत्याओं के मास्टरमाइंड हैं मोहम्मद यूनुस

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न्यूयॉर्क। भारत में रह रहीं शेख हसीना ने अपने देश में हिंदू समुदाय के लोगों पर हो रहे हमले के लिए वहां की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि मोहम्मद यूनुस जन संहार करवा रहे हैं। इस कारण देश में फिर से अराजकता की स्थिति पैदा हो गई है। न्यूयॉर्क में आवामी लीग के एक कार्यक्रम को वर्चुअली संबोधित करते हुए हसीना ने यूनुस पर बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों, इस्कॉन स्थलों और अल्पसंख्यकों के अन्य धार्मिक स्थलों को निशाना बनाने का आरोप लगाया।

पूर्व पीएम ने कहा, “आज मुझ पर सामूहिक हत्याओं का आरोप लगाया गया है। वास्तव में, यह मुहम्मद यूनुस ही हैं जो अपने छात्र समन्वयकों के साथ मिलकर एक सोची-समझी योजना के तहत सामूहिक हत्याओं के लिए जिम्मेदार हैं। वे ही मास्टरमाइंड हैं।” बांग्लादेश अवामी लीग (एएल) की अध्यक्ष और ‘राष्ट्रपिता’ बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की बेटी ने कहा, “शिक्षकों और पुलिस पर हमला किया जा रहा है और उनकी हत्या की जा रही है। हिंदुओं, ईसाइयों और बौद्धों पर हमला किया जा रहा है। कई चर्चों और मंदिरों को निशाना बनाया जा रहा है। अल्पसंख्यकों पर हमला क्यों किया जा रहा है?”

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार पर अल्पसंख्कों के साथ भेदभाव बरतने, उन्हें, उनके घरों और धार्मिक स्थलों को पर्याप्त सुरक्षा न देने के आरोप लगते रहे हैं। पुजारी चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद एक बार फिर इन आरोपों की तरफ दुनिया का ध्यान गया है। कृष्ण दास को ढाका के हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उस समय गिरफ्तार किया गया जब वह एक रैली में भाग लेने चटगांव जा रहे थे। पिछले हफ्ते अदालत ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया और जेल भेज दिया। शेख हसीना ने इस गिरफ्तारी की निंदा और पुजारी की तुरंत रिहाई की मांग की।

 

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