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प्रादेशिक

यूपीः कानपुर में एक ही परिवार के तीन सदस्यों की हत्या, इलाके में फैली सनसनी

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कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक ही परिवार के तीन सदस्यों की हत्या कर दी गई। मरने वालों में 45 वर्षीय प्रेम किशोर, उसकी पत्नी गीता और उनका बेटा नैतिक शामिल है। हमलावरों ने तीनों शवों को रस्सी से बांधकर कंबल से ढक दिया और किराना मालिक का दोपहिया वाहन लेकर फरार हो गए।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रेम किशोर अपने घर से किराना की दुकान चलाता था। वह वहां पत्नी गीता और बेटे नैतिक के साथ रहता था। उसकी पहली पत्नी से पैदा हुए उसके दो बड़े बच्चे, उसके बड़े भाई राज किशोर के साथ रहते हैं। शनिवार को राज किशोर को उनके पड़ोसी का फोन आया, जिन्होंने उन्हें बताया कि घर में बाहर से ताला लगा हुआ है और दुकान के बाहर दूध पड़ा है। उन्होंने कहा कि उसके भाई प्रेम किशोर उसके फोन कॉल का जवाब नहीं दे रहे थे।

ताले तोड़ने के लिए रिश्तेदारों के साथ राज किशोर मौके पर पहुंचे। घर में प्रवेश करने पर, उन्हें उनके भाई प्रेम किशोर, उनकी पत्नी गीता और उनके बेटे नैतिक के शव खून से लथपथ पड़े मिले। बच्चे का चेहरा पॉलीथिन से बंधा पाया गया।

पुलिस की टीम फॉरेंसिक टीम और डॉग स्क्वायड के साथ मौके पर पहुंची।तिहरे हत्याकांड की खबर इलाके में फैलते ही मौके पर भारी भीड़ जमा हो गई। डीसीपी (मुख्यालय) संजीव त्यागी ने कहा कि पीड़ितों के शरीर पर चोट के निशान से पता चलता है कि उन्हें किसी भारी वस्तु से बेरहमी से मारा गया, जिससे उनकी मौत हो गई। पुलिस ने कहा कि आरोपियों की तलाश में पुलिस के कई टीमें लगी हुई हैं। उन्हें जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

उत्तर प्रदेश

बीजेपी का आरोप, संभल हिंसा को लेकर विपक्षी दल राजनीति कर रहे हैं

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लखनऊ। संभल में बीते 24 नवंबर को हुई हिंसा के बाद जमकर राजनीति हो रही है। एक ओर विरोधी दल इस हिंसा के लिए योगी सरकार और बीजेपी को जिम्मेदार बता रहे हैं तो दूसरी ओर बीजेपी सपा नेताओं को जिम्मेदार बता रही है। इस हिंसा में मारे गए पांच लोगों के अलावा पीड़ितों के परिवार से मुलाकात करने के लिए कांग्रेस और समाजवादी पार्टी पूरी कोशिश कर रही है।

कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल के संभल जाने को लेकर उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा, “संभल हिंसा को लेकर विपक्षी दल जो राजनीति कर रहे हैं, वह उचित नहीं है। हमारी प्रतिबद्धता शांति स्थापित करने को लेकर है। न्यायालय में इसका मामला विचाराधीन है। जो भी निर्णय होगा, उसका हम अनुपालन करेंगे। रविवार को न्यायिक आयोग ने इलाके का जायजा लिया, अपनी रिपोर्ट में वो जो भी कहेंगे, हम उसकी निष्पक्ष कार्रवाई करने के लिए तैयार हैं।

सरकार किसी को भी कानून तोड़ने की इजाजत नहीं देगी।” विपक्षी पार्टियों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, “समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पार्टी के लोग सिर्फ वोटों की फसल काटने के लिए इस प्रकार की बात कर रहे हैं। हम हर स्थिति में पूरे प्रदेश में कानून व्यवस्था को मजबूत कर रहे हैं और किसी को भी कानून तोड़ने की इजाजत नहीं मिलने वाली है।” बता दें कि संभल में शाही जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर हुई हिंसा को लेकर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पार्टी के नेता वहां पर जाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन, प्रशासन ने जिले में बाहरी लोगों, सामाजिक संगठनों और जनप्रतिनिधियों के प्रवेश पर रोक लगा दी है।

नेताओं के संभल जाने की सूचना पर पुलिस ने टोल प्लाजा पर मुस्तैदी बढ़ा दी है। वहीं, एक दिन पहले हिंसा की जांच के लिए गठित न्यायिक आयोग की टीम रविवार को कोतवाली परिसर पहुंची थी। हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त जज देवेंद्र कुमार अरोड़ा की अध्यक्षता में टीम ने जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के साथ घटनास्थल पर पहुंचकर मौजूदा हालात का जायजा लिया। आयोग की टीम ने शाही जामा मस्जिद में पहुंचकर वहां की स्थिति का भी जायजा लिया।

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