मुख्य समाचार
यूपी: बिना लिखित परीक्षा के होगी 35 हजार सिपाहियों की भर्ती
– हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के अंक पत्र के आधार पर होंगी भर्तियां
– अभ्यर्थियों को सिर्फ पास करनी होगी शारीरिक परीक्षा
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को कैबिनेट की बैठक हुई। इस बैठक में उन्होंने उत्तर प्रदेश की जनता को एक बड़ी सौगात दी। कैबिनेट के फैसले के मुताबिक, अब सूबे में 35 हजार सिपाहियों की भर्ती बिना लिखित परीक्षा के होगी। कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है।
अखिलेश ने कैबिनेट की बैठक के बाद यहां संवाददाताओं को बताया कि ये भर्तियां हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के अंक पत्र के आधार पर होंगी और अभ्यर्थियों को सिर्फ शारीरिक परीक्षा पास करनी होगी। कैबिनेट बैठक में पीएसी कर्मचारियों के लिए टैक्स रहित कैंटीन को भी मंजूरी दी गई।
इसके अलावा कई अन्य फैसलों पर मुहर लगी। उत्तर प्रदेश में 100 नए गवर्नमेंट इंटर कॉलेज(जीआईसी) खुलेंगे, गोरखपुर में कुश्ती हॉल और एस्ट्रोटर्फ हॉकी मैदान का भी निर्माण होगा। कैबिनेट की बैठक में अखिलेश यादव ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) पर कोई भी बात करने से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि बिना सोचे समझे वस्तु एवं सेवा कर(जीएसटी) बिल का समर्थन नहीं करेंगे। जीएसटी से राज्य सरकार और व्यापारियों का नुकसान होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि धार्मिक स्थलों पर सुविधा देने के लिए हम प्रयासरत हैं।
उत्तर प्रदेश
कौन है भोले बाबा, जिनके सत्संग में मची भगदड़ में गई सैकड़ों जानें
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के हाथरस में बाबा भोले के सत्संग में मची भगदड़ में मरने वालों की संख्या 121 तक पहुंच गई है। जबकि 200 से ज्यादा घायल हैं। मृतकों में अभी कईयों की पहचान नहीं हो पाई है। इसके लिए प्रशासन की ओर मृतकों की सूची जारी की गई है। इस बीच एक सवाल उठने लगा है कि आखिर वह भोले बाबा कौन है, जिनका सत्संग सुनने के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे थें।भोले बाबा के नाम से विख्यात बाबा पश्चिमी यूपी में काफी लोकप्रिय हैं। इनका सत्संग सुनने के लिए आसपास के राज्यों से भी लोग आते हैं और लाखों की संख्या में उनके अनुयायी हैं।
भोले बाबा का जन्म उत्तर प्रदेश के एटा जिले में हुआ था। पटियाली तहसील में गांव बहादुर में जन्मे भोले बाबा खुद को गुप्तचर यानी इंटेलीजेंस ब्यूरो का पूर्व कर्मचारी बताते हैं। उनका दावा है कि 26 साल पहले सरकारी नौकरी छोड़ धार्मिक प्रवचन करने लगे। उनका दावा है कि 18 साल की नौकरी से VRS लेने के बाद भगवान से साक्षात्कार हुआ। नौकरी से त्यागपत्र देकर सूरज पाल साकार विश्व हरि भोले बाबा बन गए। पटियाली में अपना आश्रम बनाया। गरीब और वंचित समाज में तेजी से प्रभाव बनाने वाले भोले बाबा के अनुयायियों की संख्या लाखों में है। बताया जाता है कि कई IAS-IPS भी उनके भक्त हैं। उनके सत्संग नें बड़े नेता और अधिकारी भी पहुंचते हैं। भोले बाबा के पश्चिमी उत्तर प्रदेश सहित उत्तराखंड, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली समेत देशभर में लाखों अनुयायी हैं।
आपको बता दें कि भोले बाबा अन्य लोगों की तरह भगवाधारी ना होकर सफेद सूट और सफेद जूता पहनते हैं। इसके उलट बाबा के सेवादार काले कपड़ों में दिखाई देते हैं। ये सेवादार प्रत्येक मंगलवार को होने वाले कार्यक्रम की पूरी जिम्मेदारी जैसे भोजन, पानी और ट्रैफिक संभालते हैं। बाबा की खासियत है कि भले ही उनके सोशल मीडिया पर ढेरों फालोवर ना हों लेकिन जमीनी स्तर पर बाबा के लाखों भक्त हैं।
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