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राष्ट्रपति ने आइसलैंड को राष्ट्रीय दिवस की बधाई दी
नई दिल्ली | राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने गुरुवार को आइसलैंड की सरकार और वहां की जनता को आइसलैंड के राष्ट्रीय दिवस की पूर्व संध्या पर बधाई एवं शुभकामनाएं दी। आइसलैंड का राष्ट्रीय दिवस 17 जून, 2015 को मनाया जाता है। आइसलैंड के राष्ट्रपति ओलाफुर रगनार ग्रिमसन को अपने संदेश में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा, “भारत की सरकार, भारत के लोगों और मेरी ओर से राष्ट्रीय दिवस के मौके पर आपको तथा आपके देशवासियों को ढेरों शुभकामनाएं।”
राष्ट्रपति मुखर्जी ने कहा, “आइसलैंड के मैत्रीपूर्ण लोगों की प्रगति और समृद्धि के लिए और अपने स्वास्थ्य तथा वहां की जनता को निरंतर प्रगति के लिए आप मेरी शुभकामनाएं स्वीकार करें।” आइसलैंड में राष्ट्रीय दिवस के दिन आधिकारिक छुट्टी रहती है। 17 जून, 1944 को आइसलैंड डेनमार्क के शासन से मुक्त हुआ था। राष्ट्रपति ने एक बयान में कहा, “दोनों देशों के बीच पारंपरिक रूप से दोस्ताना संबंध हमारे साझा मूल्यों और अनेक समान हितों पर आधारित हैं।” उन्होंने कहा, “मुझे पूरा विश्वास है कि दोनों देश आने वाले वर्षो में आपसी लाभ के लिए विभिन्न क्षेत्रों में अपना सहयोग जारी रखेंगे। भारत अपनी विकासात्मक प्रक्रिया के विभिन्न क्षेत्रों जैसे मछली पालन, भू-तापीय ऊर्जा, आर्कटिक अध्ययन, भूकंप के अनुमान और शोध जैसे विषयों में आइसलैंड के समर्थन की उम्मीद करता है।”
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कौन है नारायण सिंह चौरा ? जिसने पूर्व मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल की हत्या करने का प्रयास किया
अमृतसर। शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल को बुधवार को पंजाब के अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के बाहर ‘सेवादार’ की ड्यूटी करते समय एक शख्स ने गोली मार दी। गोली दीवार पर लगने से व्हीलचेयर पर बैठे सुखबीर सिंह बादल बाल बाल बच गये। आखिर किस शख्स ने सुखबीर सिंह बादल पर गोली चलाई और उसका मकसद क्या था। तो बता दें कि फायरिंग करने वाले शख्स का नाम नारायण सिंह चौरा है जिसने गोली चलाई जिससे हड़कंप मच गया और तुरंत ही स्वर्ण मंदिर के बाहर खड़े कुछ लोगों ने उसे पकड़ लिया।
कौन हैं नारायण सिंह चौरा?
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, नारायण सिंह चौरा एक खालिस्तानी पूर्व आतंकवादी है, जिस पर पहले भी कई मामले दर्ज हुए हैं और वह भूमिगत रहा है। चौरा, कुछ वर्षों तक पंथिक नेता के रूप में सक्रिय था, वह डेरा बाबा नानक क्षेत्र से हैं। मंगलवार को वह सफेद कुर्ता-पायजामा पहनकर सुखबीर बादल के पास घूमता भी दिखाई दिया था। वह बुड़ैल जेलब्रेक का मास्टरमाइंड था। चौरा ने बब्बर खालसा इंटरनेशनल के आतंकवादियों जगतार सिंह हवारा और परमजीत सिंह भियोरा को उनके दो साथियों जगतार सिंह तारा और देवी सिंह के साथ बुड़ैल जेल से भागने में मदद की थी। उसने जेल की बिजली सप्लाई काफी देर के लिए बंद कर दी थी।
जानिए पाकिस्तान से चौरा का कनेक्शन
कथित तौर पर नारायण सिंह चौरा 1984 में पंजाब में आतंकवाद के शुरुआती चरण के दौरान पाकिस्तान भाग गया था। वहां उसने भारत में हथियारों और विस्फोटकों की बड़ी खेप की तस्करी में अहम भूमिका निभाई। पाकिस्तान में, उन्होंने कथित तौर पर गुरिल्ला युद्ध और देशद्रोही साहित्य पर एक किताब भी लिखी थी। चौरा पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह हत्याकांड में संदिग्ध था।
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