मुख्य समाचार
रिद्धिमा बनना चाहती हैं सलमान खान की हीरोइन
मुंबई। लोकप्रिय टेलीविजन धारावाहिक बहू हमारी रजनीकांत में रोबोट का किरदार निभा रहीं अभिनेत्री रिद्धिमा पंडित बॉलीवुड में कदम रखने को तैयार हैं और उनका सपना सुपरस्टार सलमान खान के साथ काम करने का है। रिद्धिमा ने कहा, मेरे पास बॉलीवुड और क्षेत्रीय फिल्मों के कई फिल्मों के प्रस्ताव हैं, लेकिन एक मराठी होने के नाते मैं निश्चित रूप से पहले एक मराठी फिल्म में काम करना चाहूंगी। हालांकि, हिंदी सिनेमा मेरी सूची में हैं, लेकिन फिलहाल मेरा ध्यान अपने शो पर है।
उन्होंने कहा, मैं सलमान खान के साथ काम करना पसंद करूंगी। यह मेरा सपना है। मैं ऋतिक रोशन, रणबीर कपूर और रणवीर सिंह की बहुत बड़ी प्रशंसक हूं। रिद्धिमा ने कई निर्देशकों के साथ काम करने की योजना बनाई है। उन्होंने कहा, मेरा सपना संजय लीला भंसाली, इम्तियाज अली और अनुराग बसु के साथ काम करने का है।
बहू हमारी रजनीकांत का प्रसारण टेलीविजन चैनल लाइफ ओके पर होता है, यह एक महिला रोबोट की कहानी पर आधारित है।
नेशनल
पाँच भाषाओं को मिलेगा शास्त्रीय भाषा का दर्जा, पीएम मोदी ने अपने एक्स अकाउंट पर सभी को दी बधाई
नई दिल्ली। गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में गुरुवार को कैबिनेट बैठक का आयोजन हुआ है। इस दौरान भारतीय भाषाओं को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है। केंद्र सरकार ने पाँच भाषाओं को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया है।सरकार ने बांग्ला, पाली, प्राकृत, मराठी और असमिया को क्लासिकल लैंग्वेज के लिस्ट में शामिल किया है। तमिल, संस्कृत, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम और ओड़िया को पहले से शास्त्रीय भाषा का दर्जा प्राप्त है।
पीएम मोदी ने सभी को बधाई देते हुए सोशल मीडिया “X” पर कहा, “हमारी सरकार भारत के समृद्ध इतिहास और संस्कृति को सँजोती है। उसका जश्न भी मनाती है। हम क्षेत्रीय भाषाओं को लोकप्रिय बनाने की अपने वादे पर भी अटल रहें। मुझे बेहद प्रसन्नता है कि मंत्रिमंडल ने असमिया, मराठी, बंगाली,पाली और प्राकृत को शास्त्रीय भाषा का दजा देने का निर्णय लिया। इनमें से हर एक भाषा सुंदर है और हमारी जीवंत विविधता को उजागर करती है
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने एक्स पर साझा की जानकारी
मोदी जी के नेतृत्व में आज केंद्रीय कैबिनेट ने पाली और प्राकृत भाषाओं को ‘शास्त्रीय भाषा’ का दर्जा देकर सांस्कृतिक विरासतों के संरक्षण-संवर्द्धन के संकल्प के प्रति कटिबद्धता को दर्शाया है।पाली और प्राकृत हमारे विस्तृत इतिहास, दर्शन, अध्यात्म और हजारों वर्ष पुरानी ज्ञान परंपरा की भाषाएँ हैं। मोदी जी के इस निर्णय से इन भाषाओं के अध्ययन और अनुसंधान को और भी गति मिलेगी, और ये भाषाएँ एक बार फिर विश्व भाषा की प्रतिष्ठा प्राप्त कर भारतीय ज्ञान परंपरा को दुनिया भर में ले जाने का माध्यम बनेंगी।
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