मुख्य समाचार
वैष्णो देवी से लौट रहा हेलीकॉप्टर क्रैश, पायलट समेत 7 की मौत
जम्मू। माता वैष्णो के दर्शन कर लौट रहे श्रद्धालुओं से भरा एक हेलीकॉप्टर सोमवार को रियासी जिले के कटरा में दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें पायलट सहित उसमें सवार सभी सात लोगों की मौत हो गई। पुलिस ने बताया कि हिमालयन हेली सर्विसेज का एक हेलीकॉप्टर तीर्थयात्रियों को लेकर रवाना हुआ था, जो दोपहर 12.55 बजे यह दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया, “हिमालयन हेली सर्विसेज के हेलीकॉप्टर ने वैष्णो देवी मंदिर के करीब स्थित सांझीछत हेलीपैड से उड़ान भरी थी। इसे कटरा बस स्टैंड हेलीपैड पर उतरना था। लेकिन यह पहाड़ी इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गया।” उन्होंने कहा, “हेलीकॉप्टर में सवार पायलट सहित सभी सातों लोगों की मौत हो गई।”
हेलीकॉप्टर में सवार लोगों की पहचान पायलट सुनीता विजयन पायलट और छह श्रद्धालु- अर्जुन सिंह, महेश्वर, वंदना, अक्षिता, अमृतपाल सिंह और सचिन के रूप में हुई है। हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त होते ही आग की लपटों से घिर गया। जिला मजिस्ट्रेट और जिला पुलिस प्रमुख सहित वरिष्ठ पुलिस एवं नागरिक प्रशासन अधिकारी हादसे की सूचना मिलते ही घटनास्थल पर पहुंच गए।
अन्तर्राष्ट्रीय
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने भारत के अलावा चार और देशों से अपने राजदूत वापस बुलाए
ढाका। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, पुर्तगाल और संयुक्त राष्ट्र से बांग्लादेश के राजदूत वापस बुलाए गए हैं। शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से हटने के बाद बांग्लादेश और भारत के संबंध कुछ खास नहीं रहे हैं। वहीं, बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय से जुड़े लोगों का मानना है कि प्रशासनिक प्रभाग के आदेश देश की विदेश नीति को लेकर अच्छे नहीं रहे हैं। इन लोगों का कहना है कि भारत में उच्चायुक्त सहित जिन राजदूतों को वापस बुलाया गया है, उनमें से कई राजनीतिक नियुक्तियां नहीं थीं।
भारत में उच्चायुक्त मुस्तफिजुर रहमान के अलावा जिन अन्य लोगों को वापस बुलाया गया है, उनमें न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र के स्थायी प्रतिनिधि और ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम और पुर्तगाल में बांग्लादेश के राजदूत शामिल हैं। जिन राजदूतों को वापस बुलाया गया है, वह आने वाले महीनों में रिटायर होने वाले थे। भारत में उच्चायुक्त रहमान भी इनमें शामिल हैं।
यूनुस और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच नहीं हो पाई थी बैठक
बांग्लादेश में छात्र संगठनों के नेतृत्व में लगातार विरोध प्रदर्शन हुए। इसके कारण अगस्त की शुरुआत में शेख हसीना की सरकार गिर गई और उन्हें देश छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। इस घटना के बाद से भारत-बांग्लादेश संबंध खराब स्थिति में हैं। नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में कार्यवाहक प्रशासन ने हसीना के पद छोड़ने के कुछ दिनों बाद ही कार्यभार संभाल लिया। वहीं, हसीना ने बांग्लादेश छोड़ने के बाद भारत में शरण ली। ढाका में कार्यवाहक व्यवस्था ने पिछले महीने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान यूनुस और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच बैठक कराने के लिए लगातार प्रयास किए। हालांकि, यूनुस ने भारत की आलोचना की थी और शेख हसीना के प्रत्यर्पण का मुद्दा भी उठाया था। इससे भारतीय पक्ष नाखुश था और दोनों नेताओं की मुलाकात नहीं हो पाई।
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