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शहीद पुलिसकर्मियों के माता-पिता को भी मिलेगी सहायता राशि : अखिलेश

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लखनऊ, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शुक्रवार को राजधानी लखनऊ के पुलिस लाइन ग्राउंड में आयोजित पुलिस स्मृति दिवस परेड में पुलिस के जवानों को गॉॅर्ड ऑफ ऑनर दिया और पुलिस के 116 शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी। अखिलेश यादव ने इस बात की घोषणा की है कि यूपी में शहीद होने वाले पुलिसकर्मियों के माता पिता को भी अब पांच लाख रुपये सहायता राशि दी जाएगी।

मुख्यमंत्री लखनऊ पुलिस लाइन में शहीदों को श्रद्धांजलि देने के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे। ऐसा पहली बार हुआ जब किसी मुख्यमंत्री ने इस मौके पर मौजूद पुलिस कर्मियों को संबोधित नहीं किया।

मुख्यमंत्री द्वारा इस मौके पर पुलिस कर्मियों को संबोधित करने और उनके लिए कल्याणकारी घोषणाएं करने की परंपरा रही है। उप्र में अभी शहीदों के परिवारजनों को 20 लाख रुपये मिलते हैं। कई बार ऐसी शिकायतें मिलती थीं कि पत्नी को रकम मिलती है, लेकिन बुजुर्ग मां-बाप बेसहारा रह जाते हैं। कई परिवारों में इस धन राशि को लेकर झगड़े की शिकायतें सामने आती हैं।

शहीदों को सलामी देने के बाद अखिलेश यादव ने कहा कि जिन्होंने हमारे समाज के लिए अपनी जान दी, उनके लिए यह हमारी जिम्मेदारी बनती है कि उनके परिवार का ध्यान रखें। हमने सभी शहीदों को 20 लाख रुपये दिए हैं और अब से शहीदों के माता-पिता को भी पांच लाख रुपये दिए जाएंगे।

उन्होंने कहा कि ईश्वर शहीदों के परिजनों को इस दुख को सहने की शक्ति दें।

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कौन है नारायण सिंह चौरा ? जिसने पूर्व मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल की हत्या करने का प्रयास किया

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अमृतसर। शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल को बुधवार को पंजाब के अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के बाहर ‘सेवादार’ की ड्यूटी करते समय एक शख्स ने गोली मार दी। गोली दीवार पर लगने से व्हीलचेयर पर बैठे सुखबीर सिंह बादल बाल बाल बच गये। आखिर किस शख्स ने सुखबीर सिंह बादल पर गोली चलाई और उसका मकसद क्या था। तो बता दें कि फायरिंग करने वाले शख्स का नाम नारायण सिंह चौरा है जिसने गोली चलाई जिससे हड़कंप मच गया और तुरंत ही स्वर्ण मंदिर के बाहर खड़े कुछ लोगों ने उसे पकड़ लिया।

कौन हैं नारायण सिंह चौरा?

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, नारायण सिंह चौरा एक खालिस्तानी पूर्व आतंकवादी है, जिस पर पहले भी कई मामले दर्ज हुए हैं और वह भूमिगत रहा है। चौरा, कुछ वर्षों तक पंथिक नेता के रूप में सक्रिय था, वह डेरा बाबा नानक क्षेत्र से हैं। मंगलवार को वह सफेद कुर्ता-पायजामा पहनकर सुखबीर बादल के पास घूमता भी दिखाई दिया था। वह बुड़ैल जेलब्रेक का मास्टरमाइंड था। चौरा ने बब्बर खालसा इंटरनेशनल के आतंकवादियों जगतार सिंह हवारा और परमजीत सिंह भियोरा को उनके दो साथियों जगतार सिंह तारा और देवी सिंह के साथ बुड़ैल जेल से भागने में मदद की थी। उसने जेल की बिजली सप्लाई काफी देर के लिए बंद कर दी थी।

जानिए पाकिस्तान से चौरा का कनेक्शन

कथित तौर पर नारायण सिंह चौरा 1984 में पंजाब में आतंकवाद के शुरुआती चरण के दौरान पाकिस्तान भाग गया था। वहां उसने भारत में हथियारों और विस्फोटकों की बड़ी खेप की तस्करी में अहम भूमिका निभाई। पाकिस्तान में, उन्होंने कथित तौर पर गुरिल्ला युद्ध और देशद्रोही साहित्य पर एक किताब भी लिखी थी। चौरा पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह हत्याकांड में संदिग्ध था।

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