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अन्तर्राष्ट्रीय

संयुक्त राष्ट्र ने त्रिपोली बम हमलों की निंदा की

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संयुक्त राष्ट्र| संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) ने लीबिया के त्रिपोली में स्थित मिस्र और सयुंक्त अरब अमीरात (यूएई) के दूतावासों पर हुए बम हमलों की निंदा की है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, शुक्रवार को जारी एक आधिकारिक बयान में बताया गया, “यूएनएससी के सदस्य कूटनीतिक परिसरों पर सभी हिंसात्मक कृत्यों की आलोचना करता है, जिनसे निर्दोष लोगों का जीवन खतरे में पड़ जाता है और जिससे राजनयिक अधिकारियों के कार्यो में गंभीर

बाधाएं आती हैं।”

त्रिपोली में गुरुवार को मिस्र और यूएई के दूतावासों के पास बम हमले हुए थे। हालांकि, हमलों में कोई हताहत नहीं हुआ था।

अन्य देशों की तरह मिस्र और यूएई ने भी त्रिपोली में सशस्त्र गुटों की लड़ाई के बीच लीबियाई राजधानी से अपने राजनयिक कर्मचारी हटा लिए थे।

वर्ष 2011 में पूर्व नेता मोहम्मद गद्दाफी के तख्तापलट के बाद से लीबिया में हिंसा बढ़ी है।

 

 

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अन्तर्राष्ट्रीय

शेख हसीना का बड़ा बयान, कहा- बांग्लादेश में सामूहिक हत्याओं के मास्टरमाइंड हैं मोहम्मद यूनुस

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न्यूयॉर्क। भारत में रह रहीं शेख हसीना ने अपने देश में हिंदू समुदाय के लोगों पर हो रहे हमले के लिए वहां की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि मोहम्मद यूनुस जन संहार करवा रहे हैं। इस कारण देश में फिर से अराजकता की स्थिति पैदा हो गई है। न्यूयॉर्क में आवामी लीग के एक कार्यक्रम को वर्चुअली संबोधित करते हुए हसीना ने यूनुस पर बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों, इस्कॉन स्थलों और अल्पसंख्यकों के अन्य धार्मिक स्थलों को निशाना बनाने का आरोप लगाया।

पूर्व पीएम ने कहा, “आज मुझ पर सामूहिक हत्याओं का आरोप लगाया गया है। वास्तव में, यह मुहम्मद यूनुस ही हैं जो अपने छात्र समन्वयकों के साथ मिलकर एक सोची-समझी योजना के तहत सामूहिक हत्याओं के लिए जिम्मेदार हैं। वे ही मास्टरमाइंड हैं।” बांग्लादेश अवामी लीग (एएल) की अध्यक्ष और ‘राष्ट्रपिता’ बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की बेटी ने कहा, “शिक्षकों और पुलिस पर हमला किया जा रहा है और उनकी हत्या की जा रही है। हिंदुओं, ईसाइयों और बौद्धों पर हमला किया जा रहा है। कई चर्चों और मंदिरों को निशाना बनाया जा रहा है। अल्पसंख्यकों पर हमला क्यों किया जा रहा है?”

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार पर अल्पसंख्कों के साथ भेदभाव बरतने, उन्हें, उनके घरों और धार्मिक स्थलों को पर्याप्त सुरक्षा न देने के आरोप लगते रहे हैं। पुजारी चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद एक बार फिर इन आरोपों की तरफ दुनिया का ध्यान गया है। कृष्ण दास को ढाका के हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उस समय गिरफ्तार किया गया जब वह एक रैली में भाग लेने चटगांव जा रहे थे। पिछले हफ्ते अदालत ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया और जेल भेज दिया। शेख हसीना ने इस गिरफ्तारी की निंदा और पुजारी की तुरंत रिहाई की मांग की।

 

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