Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

दाऊद के सरेंडर के बयान से पलटे पूर्व कमिश्नर

Published

on

dawood-ibarahim

Loading

नई दिल्ली। देश का मोस्टवांटेड और अंडरवर्ल्ड डॉन दाउद इब्राहिम 1993 में मुंबई धमाकों के 15 महीने बाद सरेंडर करना चाहता था। हालांकि सरकार ने ऐसा नहीं होने दिया। सीबीआई के तत्कालीन डीआईजी और दिल्ली के पूर्व कमिश्नर नीरज कुमार ने यह खुलासा किया। उन्होंने कहा कि दाउद को विरोधी गैंग से अपनी जान का खतरा था और इसके कारण सुरक्षा के लिए वह समर्पण करना चाहता था। हालांकि बाद में मामले के तूल पकड़ने पर पूर्व कमिश्नर नीरज कुमार अपनी बात से पलट गए और कहा कि उन्होंने कभी दाऊद के आत्मसमर्पण की बात ही नहीं की। इस बीच केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री जनरल (रि) वीके सिंह ने कहा है कि यदि यह सच्चाई पूर्व दिल्ली पुलिस कमिश्नर को इतने पहले से मालूम थी, तो अपने कार्यकाल के दौरान ही उन्हें यह जानकारी देनी चाहिए थी।

1993 से 2002 तक सीबीआई में रहे नीरज कुमार ने बताया है कि जून 1994 में उनकी दाऊद से समर्पण के संबंध में तीन बार बात हुई थी। उस वक्त वह इस मामले की जांच कर रहे थे। नीरज कुमार ने कहा कि बम धमाकों के लगभग सवा साल बाद जून 1994 में मैंने दाउद से तीन बार बात की और उस समय वह घबराया हुआ था। वह समर्पण को लेकर दिलचस्पी ले रहा था लेकिन उसे डर था कि भारत आने पर विरोधी गैंगस्टर उसे मार देंगे। उन्होंने दाऊद से कहा कि सीबीआई उसकी सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी लेगी। हालांकि, वह बात को आगे बढ़ाते इससे पहले ही सीबीआई के शीर्ष अधिकारियों ने उन्हें रोक दिया। उन्होंने कहा कि दाउद परेशान था और कह रहा था कि मुंबई धमाकों में उसकी कोई भूमिका नहीं है। लेकिन धमाकों के सबूत उसके दावे की धज्जियां उड़ा रहे थे।

बता दें कि 1993 बम धमाकों में 257 लोग मारे गए थे और 700 से ज्यादा घायल हो गए थे। वहीं नीरज कुमार इस समय अपने 37 साल के कॅरियर की टॉप-10 मामलों की जांच को लेकर किताब लिख रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि दाउद के करीबी मनीष लाला ने दोनों की बात कराई थी।

हालांकि बाद में मामले के मीडिया में छाने पर पूर्व कमिश्नर नीरज कुमार अपनी बात से पलट गए और कहा कि उन्होंने कभी दाऊद के सरेंडर की बात ही नहीं की। इस बात का खंडन तत्कालीन सीबीआई निदेशक विजय रामा राव ने भी किया था। उन्होंने कहा कि दाऊद ने सरेंडर की कोई पेशकश नहीं की थी। उन्होंने कहा कि दाऊद के सरेंडर के ऑफर को इनकार करने की बात सोची भी नहीं जा सकती।

नेशनल

महाराष्ट्र शपथ ग्रहण से पहले देवेंद्र फडणवीस सिद्धिविनायक मंदिर पहुंचे, लिया बप्पा का आशीर्वाद

Published

on

Loading

मुंबई। महाराष्ट्र के सीएम पद की शपथ लेने से पहले देवेंद्र फडणवीस ने सिद्धिविनायक मंदिर में पूजा-अर्चना की और भगवान गणेश का आशीर्वाद लिया। शपथ ग्रहण समारोह मुंबई के ऐतिहासिक आजाद मैदान में शाम 5:30 बजे होगा। देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। उनके साथ एकनाथ शिंदे और अजित पवार उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण करेंगे। महाराष्ट्र में गठबंधन सरकार भाजपा, शिंदे गुट और एनसीपी के सहयोग से बन रही है।

फडणवीस, शिंदे और पवार ने 4 दिसंबर को राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से मुलाकात की और महायुति सरकार बनाने का दावा पेश किया।
राज्यपाल से मुलाकात के बाद फडणवीस ने कहा, ‘नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह कल शाम 5:30 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में होगा। मैंने एकनाथ शिंदे से मुलाकात की और उनसे इस सरकार में शामिल होने का अनुरोध किया, क्योंकि यह महायुति कार्यकर्ताओं की इच्छा है..हम महाराष्ट्र की जनता से किए गए वादों को पूरा करेंगे।‘ फडणवीस ने कहा, हम तीनों नेता एक हैं। डिप्टी सीएम और सीएम सिर्फ तकनीकी पद हैं। कौन-कौन शपथ लेगा, ये शाम तक बता दिया जाएगा। बुधवार को महाराष्ट्र भाजपा विधायक दल के नेता के रूप में सर्वसम्मति से चुने जाने के बाद फडणवीस का शीर्ष पद पर यह तीसरा कार्यकाल होगा।

यह निर्णय कई दिनों बाद आया है। कथित तौर पर एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनना चाहते थे। हालांकि, भाजपा ने पीछे जब हटने से इनकार कर दिया तब शिंदे ने मीडिया के सामने आ कहा कि वह पीएम मोदी की पसंद का समर्थन करेंगे। इस बीच, एकनाथ शिंदे ने बुधवार को महाराष्ट्र में महायुति सरकार के ढाई साल पूरे होने पर अपनी संतुष्टि व्यक्त की, फडणवीस के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने से पहले। शिंदे ने कहा, ‘हमारी सरकार- महायुति सरकार, हम तीनों और हमारी टीम ने पिछले ढाई साल में जो काम किया है, वह उल्लेखनीय है। इसे इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। हमें खुशी है कि हमने इतने बड़े फैसले लिए।‘‘

शिंदे के साथ फडणवीस और एनसीपी प्रमुख अजीत पवार भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद थे। मीडिया को संबोधित करते हुए, पवार ने प्रभावी शासन के लिए अपनी प्रतिबद्धता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, ‘हम सरकार चलाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। पार्टी की गतिविधियों का प्रबंधन भाजपा प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले और एनसीपी के सुनील तटकरे करेंगे।‘

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कुछ हल्के फुल्के क्षण भी दिखे। यह पूछे जाने पर कि क्या वह और अजित पवार 5 दिसंबर को फडणवीस के डिप्टी के तौर पर शपथ लेंगे? शिंदे ने कहा, ‘शाम तक इंतजार करें। ‘शिंदे के जवाब पर पवार ने कहा, ‘ कोई ले रहा है, या नहीं, ये अलग बात है। इन लोगों का शाम तक तय होगा पर मैं तो कल शपथ ले रहा हूं यह तय है।‘ इसके बाद शिंदे ने कहा, ‘दादा (अजित पवार) को सुबह और शाम दोनों समय शपथ लेने का अनुभव है।‘ इस पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद सभी लोग हंस पड़े। वर्ष 2019 में पवार ने राजभवन में सुबह-सुबह आयोजित समारोह में फडणवीस के मुख्यमंत्री पद के साथ उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।

2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन ने शानदार जीत दर्ज की, जिसने 288 में से 235 सीटों के साथ शानदार जीत हासिल की। यह परिणाम भाजपा के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ, जो 132 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। जबकि, महा विकास अघाड़ी (एमवीए) को बड़ा झटका लगा, जिसमें कांग्रेस को सिर्फ़ 16 सीटें मिलीं। इसके गठबंधन सहयोगी शिवसेना (यूबीटी) ने 20 सीटें जीतीं, जबकि एनसीपी (शरद पवार गुट) को सिर्फ़ 10 सीटें मिलीं।

 

Continue Reading

Trending