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सीबीएसई 10वीं–12वीं के नतीजे समय पर ही आएंगे : जावड़ेकर
नई दिल्ली। एचआरडी मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने गुरुवार को कहा कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के 10वीं और 12वीं के नतीजे समय पर घोषित होंगे।
जावड़ेकर ने संवाददाताओं से कहा, “सीबीएसई के नतीजे समय पर घोषित होंगे। सीबीएसई जल्द ही तारीखों का ऐलान कर देगी। अदालत के आदेश को लेकर चिंतित होने की जरूरत नहीं है, सभी के साथ न्याय होगा।”
जावड़ेकर का बयान दिल्ली हाईकोर्ट की ओर से सीबीएसई को यह निर्देश दिए जाने के बाद आया है कि वह इस साल अपनी मॉडरेशन पॉलिसी (कठिन प्रश्नों के बदले 15 फीसदी अतिरिक्त अंक देने की नीति) को खत्म न करे।
न्यायालय के अनुसार, सीबीएसई ने इस नीति को खत्म करने का फैसला परीक्षाएं हो जाने के बाद लिया। इसी आधार पर न्यायालय ने बोर्ड को यह निर्देश दिया है।
न्यायालय का यह निर्देश एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई के बाद आया, जिसमें कहा गया है कि इस नीति को इस साल खत्म नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे 12वीं के छात्रों के परीक्षा परिणाम प्रभावित होंगे, जिन्होंने विदेशों में दाखिले के लिए आवेदन दिया है।
यह याचिका एक अभिभावक और एक वकील की ओर से दायर की गई, जिसमें कहा गया है कि नीति को बदलने का निर्णय एक अधिसूचना जारी कर किया गया। अधिसूचना परीक्षा समाप्त होने के बाद जारी की गई और इसलिए इससे छात्रों पर गहरा असर पड़ेगा।
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कौन है नारायण सिंह चौरा ? जिसने पूर्व मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल की हत्या करने का प्रयास किया
अमृतसर। शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल को बुधवार को पंजाब के अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के बाहर ‘सेवादार’ की ड्यूटी करते समय एक शख्स ने गोली मार दी। गोली दीवार पर लगने से व्हीलचेयर पर बैठे सुखबीर सिंह बादल बाल बाल बच गये। आखिर किस शख्स ने सुखबीर सिंह बादल पर गोली चलाई और उसका मकसद क्या था। तो बता दें कि फायरिंग करने वाले शख्स का नाम नारायण सिंह चौरा है जिसने गोली चलाई जिससे हड़कंप मच गया और तुरंत ही स्वर्ण मंदिर के बाहर खड़े कुछ लोगों ने उसे पकड़ लिया।
कौन हैं नारायण सिंह चौरा?
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, नारायण सिंह चौरा एक खालिस्तानी पूर्व आतंकवादी है, जिस पर पहले भी कई मामले दर्ज हुए हैं और वह भूमिगत रहा है। चौरा, कुछ वर्षों तक पंथिक नेता के रूप में सक्रिय था, वह डेरा बाबा नानक क्षेत्र से हैं। मंगलवार को वह सफेद कुर्ता-पायजामा पहनकर सुखबीर बादल के पास घूमता भी दिखाई दिया था। वह बुड़ैल जेलब्रेक का मास्टरमाइंड था। चौरा ने बब्बर खालसा इंटरनेशनल के आतंकवादियों जगतार सिंह हवारा और परमजीत सिंह भियोरा को उनके दो साथियों जगतार सिंह तारा और देवी सिंह के साथ बुड़ैल जेल से भागने में मदद की थी। उसने जेल की बिजली सप्लाई काफी देर के लिए बंद कर दी थी।
जानिए पाकिस्तान से चौरा का कनेक्शन
कथित तौर पर नारायण सिंह चौरा 1984 में पंजाब में आतंकवाद के शुरुआती चरण के दौरान पाकिस्तान भाग गया था। वहां उसने भारत में हथियारों और विस्फोटकों की बड़ी खेप की तस्करी में अहम भूमिका निभाई। पाकिस्तान में, उन्होंने कथित तौर पर गुरिल्ला युद्ध और देशद्रोही साहित्य पर एक किताब भी लिखी थी। चौरा पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह हत्याकांड में संदिग्ध था।
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