अन्तर्राष्ट्रीय
सीरिया : हवाई हमलों में 52 मौतें
दमिश्क। उत्तरी सीरिया के एक गांव में अमेरिकी नेतृत्व वाली आतंकवाद रोधी अंतर्राष्ट्रीय गठबंधन सेना द्वारा किए गए हवाई हमलों में कम से कम 52 व्यक्ति मारे गए हैं। यह जानकारी सीरिया में एक मानवाधिकार निगरानी संस्था ने शनिवार को दी। समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने निगरानी संस्था के हवाले से कहा है कि आंतकवाद रोधी गठबंधन सेना के लड़ाकू विमानों ने शुक्रवार को अलेप्पो प्रांत के उत्तर-पश्चिमी सीमा पर स्थित बीरमहाली गांव पर हमले किए।
ब्रिटेन की इस निगरानी संस्था के अनुसार, मृतकों में सात बच्चे और नौ महिलाएं शामिल हैं। संस्था ने यह भी बताया कि मृत 52 लोगों के अतिरिक्त हवाई हमले के बाद गांव से कम से कम 13 लोग लापता हैं, जिससे मृतकों की संख्या में इजाफा होने की संभावना है। निगरानी संस्था के अनुसार, मृतकों की संख्या बढ़ सकती है, क्योंकि अधिकांश घायलों की हालत गंभीर है।
निगरानी संस्था ने बताया कि हाल की मौतों के साथ ही संघर्ष से जूझ रहे सीरिया में सितंबर 2014 से इस्लामिक स्टेट (आईएस) के खिलाफ जारी अतंर्राष्ट्रीय गठबंधन सेना के हवाई हमलों में मारे जाने वाले नागरिकों की संख्या के पिछले अनुमान में इजाफा हो गया है। इससे पहले संस्था ने शुक्रवार को 17 नगरिकों के तथा सितंबर, 2014 के बाद से अब तक कुल 66 नागरिकों के मरने की बात कही थी। संस्था ने कहा कि वे सीरिया के उत्तरी कस्बे में आईएस के संदिग्ध ठिकानों को निशाना बनाकर किए गए हमलों के कारण हुए इस ‘जनसंहार’ की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं।
अन्तर्राष्ट्रीय
ईरान का फाइटर प्लेन दुर्घटना का शिकार, दो पायलटों की मौत
तेहरान। ईरान का एक लड़ाकू विमान बुधवार को देश के दक्षिणी हिस्से में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में दो पायलटों की मौत हो गई। हालांकि यह विमान वाकई किसी दुर्घटना का शिकार हुआ या फिर इसे किसी देश ने मार गिराया। इसके बारे में अभी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिल सकी है। पायलटों की पहचान कर्नल हामिद रजा रंजबार और कर्नल मनौचेहर पीरजादे के रूप में की गई है।
ईरान की मीडिया में सामने आई खबरों के अनुसार विमान की मरम्मत के बाद पायलट परीक्षण उड़ान पर थे। यह दुर्घटना राजधानी तेहरान से लगभग 770 किलोमीटर दक्षिण में फिरोजाबाद शहर के पास हुई। रिपोर्ट में विमान के प्रकार या दुर्घटना के कारण के बारे में विस्तार से नहीं बताया गया।
ईरान की वायु सेना के पास 1979 की इस्लामी क्रांति से पहले खरीदे गए अमेरिका निर्मित कई सैन्य विमान हैं। टॉमकैट एफ-14 अमेरिका निर्मित विमान है, ईरान के पास रूस निर्मित मिग और सुखोई विमान भी हैं। दशकों से पश्चिमी प्रतिबंधों के कारण देश को विमान के ‘स्पेयर पार्ट्स’ (खराब हुए पुर्जों की जगह नए पुर्जे) प्राप्त करना और पुराने विमानों का रखरखाव करना मुश्किल हो रहा है।
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