नेशनल
सोनिया गांधी की डिनर डिप्लोमेसी में शामिल हुए 20 दिग्गज
नई दिल्ली। 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में भाजपा और पीएम मोदी को घेरने के लिए विपक्ष ने तैयारी तेज कर दी है। इसी क्रम में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मंगलवार को विपक्षी दलों को एकजुट करने के लिए डिनर का आयोजन किया। इस डिनर में माकपा, भाकपा तृणमूल कांग्रेस, बसपा, सपा, जदएस, राजद सहित 20 विपक्षी दलों के नेताओं ने हिस्सा लिया।
सोनिया के आवास पर हुए इस रात्रिभोज में राकांपा के शरद पवार, सपा के रामगोपाल यादव, बसपा के सतीशचंद्र मिश्र, राजद से मीसा भारती और तेजस्वी यादव, माकपा से मोहम्मद सलीम, द्रमुक से कनिमोझी और शरद यादव आदि ने हिस्सा लिया।
कांग्रेस की डिनर डिप्लोमेसी ऐसी समय पर है जबकि भाजपा विरोधी कुछ राजनीतिक दल कांग्रेस से इतर तीसरे मोर्चे के गठन की भी सोच रहे हैं। इस रात्रिभोज के लिए कांग्रेस की ओर से सभी दलों के नेताओं को सोनिया गांधी ने स्वयं फोन करके न्यौता दिया जो पिछले दो साल से एक मंच पर दिख रहे हैं।
माना जा रहा है कि इस बैठक में विपक्षी एकता को लेकर बातचीत हुयी। सोनिया गांधी के इस रात्रिभोज को लोकसभा चुनाव में राजग के खिलाफ एक मजबूत मोर्चा खड़ा करने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।
नेशनल
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ किसानों के मुद्दे पर केंद्र सरकार से नाराज
नई दिल्ली। किसानों के मुद्दे पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ नाराज हैं। उन्होंने केंद्र सरकार से इस मामले पर सीधा सवाल पूछा है। उन्होंने कहा, ‘मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि किसान से वार्ता क्यों नहीं हो रही है। हम किसान को पुरस्कृत करने की बजाय, उसका सही हक भी नहीं दे रहे हैं।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने क्या कहा?
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा, ‘कृषि मंत्री जी, एक-एक पल आपका भारी है। मेरा आप से आग्रह है कि कृपया करके मुझे बताइये। क्या किसान से वादा किया गया था? किया गया वादा क्यों नहीं निभाया गया? वादा निभाने के लिए हम क्या कर रहे हैं?’
उन्होंने कहा, ‘गत वर्ष भी आंदोलन था, इस वर्ष भी आंदोलन है। कालचक्र घूम रहा है, हम कुछ कर नहीं रहे हैं। पहली बार मैंने भारत को बदलते हुए देखा है। पहली बार मैं महसूस कर रहा हूं कि विकसित भारत हमारा सपना नहीं लक्ष्य है। दुनिया में भारत कभी इतनी बुलंदी पर नहीं था। जब ऐसा हो रहा है तो मेरा किसान परेशान और पीड़ित क्यों है? किसान अकेला है जो असहाय है।
कृषि मंत्री जी, एक-एक पल आपका भारी है। मेरा आप से आग्रह है कि कृपया करके मुझे बताइये,
क्या किसान से वादा किया गया था?
किया गया वादा क्यों नहीं निभाया गया?
वादा निभाने के लिए हम क्या करें हैं?गत वर्ष भी आंदोलन था, इस वर्ष भी आंदोलन है।
कालचक्र घूम रहा है, हम कुछ कर नहीं रहे… pic.twitter.com/7WawdAu5c9— Vice-President of India (@VPIndia) December 3, 2024
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