मुख्य समाचार
स्वदेश लौटीं साक्षी, भव्य स्वागत
नई दिल्ली| ब्राजील के महानगर रियो डी जनेरियो मे सम्पन्न 31वें ओलम्पिक खेलों में कुश्ती का कांस्य जीतने वाली भारत की महिला पहलवान साक्षी मलिक बुधवार को स्वदेश लौट आईं। इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे और दिल्ली-हरियाणा सीमा पर साक्षी का फूल-मालाओं और ढोल-नगाड़ों के साथ भव्य स्वागत किया गया। साक्षी ने ट्वीट करके अपने आगमन की जानकारी दी थी। साक्षी अंतर्राष्ट्रीय विमानतल पर बुधवार सुबह 3.50 मिनट पर उतरीं। उनके साथ हरियामा के खेल मंत्री अनिल विज भी थे, जो राज्य के प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख के तौर पर रियो में ही थे। बाहर आने पर परिजनों, दोस्तों और भारतीय कुश्ती महासंघ के अधिकारियों ने साक्षी का भव्य स्वागत किया। हरियाणा सरकार के कई मंत्री भी साक्षी के स्वागत के लिए पहुंचे थे।
अल सुबह भी हवाई अड्डे पर प्रशंसकों और मीडियाकर्मियों की कोई कमी नहीं थी। वे तिरंगा लहराते हुए इस खिलाड़ी का स्वागत कर रहे थे। साक्षी ने इस दौरान कहा कि वह इस स्वागत से अभिभूत हैं। बकौल साक्षी, “मैं काफी रोमांचित थी। मैं अपने दोस्तों और परिजनों से मिलने के लिए बेचैन थी। मेरी यह सफलता उनकी देन है और मैं इसे अपने परिजनों, दोस्तों और देश के नाम करती हूं।”
साक्षी ने ट्वीट करके अपने वतन वापसी की जानदारी की थी। साक्षी ने अपने ट्वीट में लिखा, “आर रही हूं मैं. अपने देश, अपने घर।” साक्षी ने अपने ट्वीट के साथ एक फोटो भी साझा किया, जिसमें वह हवाई जहाज के बिजनेस क्लास में बैठी हैं।
इसके बाद साक्षी ने अपने गृहनगर रोहतक का रुख किया। दिल्ली-हरियाणा सीमा पर स्थानीय लोगों और हरियाणा कुश्ती संघ के अधिकारियों ने साक्षी का फूल-मालाओं के साथ स्वागत किया। साक्षी ने इस शानदार स्वागत के लिए सबका आभार व्यक्त किया और कहा कि पदक के साथ अपने राज्य में प्रवेश उनके लिए काफी भावनात्मक क्षण है।
साक्षी ने इसके बाद अपने गांव मोखरा खास का रुख किया लेकिन इस बीच वह रोहतक जिले के कई गावों में रुकीं। स्थानीय लोगों ने उनका जोरदार स्वागत किया। रोहतक में साक्षी के स्वागत की विशेष तैयारियां हैं और कहा जा रहा है कि हरियाणा सरकार के पांच मंत्री उनके स्वागत के लिए वहां मौजूद रहेंगे।
साक्षी ने फ्रीस्टाइल कुश्ती के 58 किलोग्राम वर्ग में कांस्य जीता था। साक्षी ने ही रियो में भारत का खाता खोला था, जिसके बाद पीवी सिंधु ने बैडमिंटन में रजत पदक जीता। भारत को रियो में यही दो पदक मिले। भारत ने रियो में 119 खिलाड़ियों का दल भेजा था लेकिन सफलता सिर्फ दो को मिली। जिमनास्टिक में दीपा करमाकर ने हालांकि काफी प्रभावित किया।
हरियाणा सरकार ने साक्षी को 2.5 करोड़ रुपये का पुरस्कार देने की घोषणा की है। साथ ही दिल्ली सरकार ने साक्षी को एक करोड़ रुपये का पुरस्कार और दिल्ली परिवहन निगम में कार्यरत उनके पिता सुखबीर मलिक को पदोन्नति देने का ऐलान किया है। हरियामा विधानसभा के अलावा दिल्ली विधानसभा में भी साक्षी तथा उनके पिता को सम्मानित करने की योजना है।
प्रादेशिक
दिल्ली: बेटे ने मां, बाप और बहन की चाकू गोदकर की हत्या, इस वजह से वारदात को दिया अंजाम
नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में ट्रिपल मर्डर का सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां के नेबसराय इलाके में एक बेटे ने अपने पिता, मां और बहन की चाकू से गोंद बेरहमी से हत्या कर दी। मृतकों की शिनाख्त राजेश कुमार (51), उनकी पत्नी कोमल (46) और उनकी बेटी कविता (23) के रूप में हुई है। बेटे ने इस वारदात को इसलिए अंजाम दिया क्योंकि उसे लगने लगा था कि मां-बाप बहन से ही ज्यादा प्यार करते हैं। उसे इस बात का भी शक था कि वो सारी प्रॉपर्टी बहन को दे देंगे। इसलिए मां-बाप के सालगिरह के दिन उसने हत्या को अंजाम दिया। पुलिस ने आरोपी बेटे अर्जुन को गिरफ्तार कर लिया है।
रिपोर्टों के अनुसार अर्जुन ने पुलिस को बताया कि उसे बॉक्सिंग करना पसंद था। लेकिन पिता पढ़ाई नहीं करने को लेकर टोकते रहते थे। हाल ही में सबके सामने उसकी पिटाई भी कर दी थी। उसे यह भी लगता था कि मां-बाप उसकी बहन कविता को अधिक प्यार करते हैं। उसे लगता था कि वे सारी संपत्ति भी उसकी बहन के नाम कर देंगे। इसी नफरत में उसने तीनों की हत्या करने का प्लान बनाया। उसने जिस धारदार चाकू से तीनों हत्या की वह उसके पिता की ही थी। इसे अर्जुन ने छिपाकर रखा था। वह काफी समय से हत्या की प्लानिंग कर रहा था। 4 दिसंबर को उसके माता-पिता की शादी की 27वीं सालगिरह थी, इसलिए हत्या के लिए यही दिन चुना।
अपनी प्लानिंग के अनुसार 4 दिसंबर को उसने एक-एक कर तीनों की हत्या कर दी। सबसे पहले ग्राउंड फ्लोर पर सो रही बहन का गला रेता। फिर ऊपर की मंजिल पर सो रहे पिता का गला काटा। उनके सिर पर भी चाकू से वार किए। उसकी मां बाथरूम में थी। जैसे ही वह बाहर निकली उनके गले पर भी चाकू से वार कर दिया। तीनों हत्या करने के बाद वह आराम से टहलने निकल गया। फिर एक घंटे बाद लौटकर घटना को अलग रंग देने में जुट गया।
पड़ोसियों को चीख नहीं सुनाई दे इसलिए उसने सबके गले पर झटके से वार किया। खून रोकने के लिए गर्दन पर चाकू मारते ही वह कपड़े से दबा देता था। उल्लेखनीय है कि राजेश के गले में चुन्नी लिपटी हुई थी, जबकि कोमल और कविता का शव कंबल से ढका हुआ मिला था। राजेश कुमार सेना में तैनाती के दौरान एनएसजी कमांडो भी रहे। करीब सात साल पहले वह रिटायर्ड हुए थे। फिलहाल सैनिक फार्म में एक उद्योगपति के पीएसओ थे। उनकी बेटी कविता जूडो में ब्लैक बेल्ट थी।
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