अन्तर्राष्ट्रीय
हैती में 14 लाख लोगों को मदद की जरूरत : बान की मून
संयुक्त राष्ट्र, संयुक्त राष्ट्र प्रमुख बान की मून ने सोमवार को संवाददाताओं को बताया कि हैती में तूफान ‘मैथ्यू’ की तबाही के बाद 14 लाख लोगों को मदद की जरूरत है। बान ने कहा कि तूफान से हैती के कुछ कस्बे और गांव पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं और इससे हैजा जैसी बीमारियों के होने का खतरा है।
उन्होंने यह भी बताया कि संयुक्त राष्ट्र को अगले तीन महीनों में आपातकाल से निपटने और मददगारी कार्यो के लिए 12 करोड़ डॉलर की जरूरत है।
उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से इस दिशा में मिलकर काम करने का आह्वान किया।
बान ने स्वच्छ पानी, स्वच्छता और स्वास्थ्य प्रणालियों की दिशा में सभी देशों से मिलकर काम करने का आह्वान किया। गौरतलब है कि यह पिछले कई वर्षो में कैरीबियाई देशों में सबसे शक्तिशाली तूफान है।
संयुक्त राष्ट्र आंकड़ों के मुताबिक, इससे लगभग 20,000 घर नष्ट हो गए हैं और 15,600 से अधिक लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया है। मृतकों की संख्या बढ़कर 1,000 तक हो सकती है।
अन्तर्राष्ट्रीय
शेख हसीना का बड़ा बयान, कहा- बांग्लादेश में सामूहिक हत्याओं के मास्टरमाइंड हैं मोहम्मद यूनुस
न्यूयॉर्क। भारत में रह रहीं शेख हसीना ने अपने देश में हिंदू समुदाय के लोगों पर हो रहे हमले के लिए वहां की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि मोहम्मद यूनुस जन संहार करवा रहे हैं। इस कारण देश में फिर से अराजकता की स्थिति पैदा हो गई है। न्यूयॉर्क में आवामी लीग के एक कार्यक्रम को वर्चुअली संबोधित करते हुए हसीना ने यूनुस पर बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों, इस्कॉन स्थलों और अल्पसंख्यकों के अन्य धार्मिक स्थलों को निशाना बनाने का आरोप लगाया।
पूर्व पीएम ने कहा, “आज मुझ पर सामूहिक हत्याओं का आरोप लगाया गया है। वास्तव में, यह मुहम्मद यूनुस ही हैं जो अपने छात्र समन्वयकों के साथ मिलकर एक सोची-समझी योजना के तहत सामूहिक हत्याओं के लिए जिम्मेदार हैं। वे ही मास्टरमाइंड हैं।” बांग्लादेश अवामी लीग (एएल) की अध्यक्ष और ‘राष्ट्रपिता’ बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की बेटी ने कहा, “शिक्षकों और पुलिस पर हमला किया जा रहा है और उनकी हत्या की जा रही है। हिंदुओं, ईसाइयों और बौद्धों पर हमला किया जा रहा है। कई चर्चों और मंदिरों को निशाना बनाया जा रहा है। अल्पसंख्यकों पर हमला क्यों किया जा रहा है?”
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार पर अल्पसंख्कों के साथ भेदभाव बरतने, उन्हें, उनके घरों और धार्मिक स्थलों को पर्याप्त सुरक्षा न देने के आरोप लगते रहे हैं। पुजारी चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद एक बार फिर इन आरोपों की तरफ दुनिया का ध्यान गया है। कृष्ण दास को ढाका के हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उस समय गिरफ्तार किया गया जब वह एक रैली में भाग लेने चटगांव जा रहे थे। पिछले हफ्ते अदालत ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया और जेल भेज दिया। शेख हसीना ने इस गिरफ्तारी की निंदा और पुजारी की तुरंत रिहाई की मांग की।
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