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बिजनेस

होंडा की जनवरी-नवंबर बिक्री 62 फीसदी बढ़ी

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नई दिल्ली| वाहन निर्माता कंपनी होंडा कार्स इंडिया ने शुक्रवार को कहा कि जनवरी-नवंबर 2014 अवधि में उसकी बिक्री 61.8 फीसदी बढ़ी। इस दौरान कंपनी ने 1,65,388 वाहन बेचे, जबकि एक साल पहले की समान अवधि का आंकड़ा 1,02,168 था।

कंपनी ने इस साल के शुरू में होंडा सिटी की चौथी पीढ़ी लांच की थी। इसमें 1.5 लीटर आई-डीटीईसी डीजल इंजन का इस्तेमाल किया गया है।

कंपनी द्वारा जारी बयान में कहा गया है, “नवंबर तक इस मॉडल की 71,000 कारें बिक चुकी हैं।”

इस साल कंपनी ने सात सीटों वाली मोबिलियो लांच कर पहली बार बहु उद्देश्यीय वाहन (एमपीवी) बाजार में कदम रखा। लांच के बाद प्रथम पांच महीने में इस मॉडल की 22 हजार कारें बिक गईं।

कंपनी ने कहा कि उसने इस वर्ष देश में अपने डीलरों की संख्या बढ़ाकर 200 तक पहुंचा ली है। कंपनी मार्च 2016 तक यह संख्या बढ़ाकर 300 करना चाहती है।

बिजनेस

फिनटेक फर्म भारतपे और अशनीर ग्रोवर के बीच विवाद खत्म, दोनों पक्षों में हुआ समझौता

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नई दिल्ली। फिनटेक फर्म भारतपे और उसके पूर्व को-फाउंडर अशनीर ग्रोवर के बीच समझौता हो गया है। इस समझौते के साथ ही दोनों के बीच लंबे समय से चला आ रहा विवाद भी खत्म हो गया है। फिनटेक कंपनी भारतपे ने सोमवार को कहा कि उसके पूर्व सह-संस्थापक अशनीर ग्रोवर किसी भी रूप में कंपनी से नहीं जुड़ेंगे और न ही उनके पास कंपनी के कोई शेयर होंगे। भारतपे ने बयान में कहा कि भारतपे ने अपने पूर्व सह-संस्थापक अशनीर ग्रोवर के साथ एक निश्चित समझौता किया है। यानी कुल मिलाकर अब विवाद पर पूर्ण विराम लग गया है.

बता दें कि विवादों के चलते मार्च 2022 में अशनीर को कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स से निकाल दिया गया था। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ दायर कानूनी मामलों को वापस लेने का फैसला लिया है। भारतपे ने इस मामले में एक बयान जारी किया है. कंपनी ने बयान में लिखा- भारतपे का फोकस, प्रॉफिट के साथ ग्राहकों को बेहतर सुविधाएं देने पर रहेगा. हमारी तरफ से अशनीर ग्रोवर को शुभकामनाएं।

 

क्या बोले अशनीर ग्रोवर?

मैं भारतपे के साथ एक निर्णायक समझौते पर पहुंच गया हूं। मैं प्रबंधन और बोर्ड पर अपना भरोसा रखता हूं, जो भारतपे को सही दिशा में आगे ले जाने के लिए बेहतरीन काम कर रहे हैं। मैं कंपनी के विकास के साथ लगातार जुड़ा हुआ हूं। मैं अब किसी भी पद पर भारतपे से नहीं जुड़ा रहूंगा, न ही कैपिटल टेबल का हिस्सा बनूंगा। मेरे शेष शेयरों का प्रबंधन मेरे फैमिली ट्रस्ट द्वारा किया जाएगा। दोनों पक्षों ने दायर मामलों को आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया है। मुझे उम्मीद है कि भारतपे अपने सभी हितधारकों के लाभ के लिए आगे बढ़ता रहेगा और सफल होता रहेगा।

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